बस मार्शलों की नौकरी नियमित करने के मुद्दे पर शनिवार को भाजपा पूरी तरह से एक्सपोज हो गई। शनिवार को हुए घटनाक्रम से यह साफ हो गया कि भाजपा की नीयत कभी भी बस मार्शलों की नौकरी नियमित कराने की रही ही नहीं, वह सिर्फ राजनीति करना चाह रही थी। इस पर ‘‘आप’’ के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा कि मुझे अपने मंत्रियों और विधायकों पर गर्व है, जो जनता के काम करवाने के लिए किसी के पैरों में भी लेट जाते हैं। मेरी एलजी साहब और बीजेपी वालों से विनती है कि इस मुद्दे पर और राजनीति ना करें और तुरंत बस मार्शलों को नौकरी पर रखा जाए।
शनिवार सुबह दिल्ली सचिवालय में बस मार्शलों के मुद्दे पर सीएम आतिशी के साथ भाजपा विधायकों की बैठक हुई। इस दौरान ‘‘आप’’ सरकार ने कैबिनेट की बैठक बुलाकर सभी बस मार्शलों की नौकरी को नियमित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। चूंकि दिल्ली के अंदर नौकरी देने का अधिकार केवल एलजी के पास है। इसलिए बस मार्शलों की को नियमित करने का प्रस्ताव लेकर मुख्यमंत्री समेत सभी कैबिनेट मंत्री और ‘‘आप’’ विधायक एलजी हाउस निकले। इस दौरान मंत्री और ‘‘आप’’ विधायकों ने भाजपा के विधायकों से भी साथ चलने का निवेदन किया। लेकिन भाजपा विधायक एलजी के पास जाने को तैयार नहीं थे।
इस दौरान कैबिनेट मंत्री सौरभ भारद्वाज भाजपा विधायक और विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता का सचिवालय में दंडवत लेट कर पैर पकड लिया और उनको एलजी साहब के पास चलने का निवेदन किया, ताकि इस मुद्दे का समाधान आज हो जाए। इस दौरान मुख्यमत्री आतिशी भी विजेंद्र गुप्ता की कार में बैठ गईं। इस लंबी जद्दोजहद के बाद बडी मुश्किल से भाजपा विधायक एलजी के पास जाने को तैयार हुए। इससे पहले, सीएम से मीटिंग करने पहुंचे भाजपा विधायक दिल्ली सचिवालय में भी एक्सपोज हुए। बस मार्शलों ने उन्हें उनके ही एलजी साहब के पास चलने की गुहार लगाई। इस दौरान एक बस मार्शल ने भाजपा विधायक के पैर छूकर निवेदन किया तो विधायक ने उस बस मार्शल को धक्का दे दिया।
वहीं, कुछ दूर जाने के बाद भाजपा विधायक बीच रास्ते में ही गाडी रोक दिए और फिर एलजी के पास जाने से इन्कार करने लगे। लेकिन ‘‘आप’’ के मंत्रियों और विधायकों की एलजी के पास चलने की जिद के आगे उनको झुकना पडा। इसके बाद पूरा काफिला एलजी हाउस पहुंचा। इस दौरान मंत्री और विधायकों के साथ सिविल डिफेंस वालेंटियर भी थे। एलजी हाउस पहुंच कर सभी मंत्रियों, विधायकों और वालेंटियर्स को गेट पर ही रोक दिया गया। एलजी हाउस के अंदर सिर्फ मुख्यमंत्री और भाजपा विधायकों को ही जाने की अनुमति मिली। मुख्यमंत्री आतिशी ने एलजी से सिविल डिफेंस वालेंटियर्स की नौकरी तत्काल बहाल करने का निवेदन किया। इस दौरान भी भाजपा विधायकों ने उनकी नौकरी बहाली के लिए ना तो कुछ कहा और ना ही कुछ प्रयास किया।
मंत्री सौरभ भारद्वाज ने भाजपा विधायक विजेंद्र गुप्ता के पकड़े पैर
दस हजार बस मार्शलों को तत्काल बहाल कराने के लिए मंत्री सौरभ भारद्वाज ने भाजपा विधायक एवं नेता प्रतिपक्ष बिजेंद्र गुप्ता का पैर पकड़ लिया। दरअसल, मुख्यमंत्री आतिशी के साथ भाजपा विधायकों की बैठक समाप्त होने के बाद दिल्ली सरकार के मंत्री और आम आदमी पार्टी के विधायक बस मार्शलों को बहाल करने के लिए एलजी साहब के पास जाने लगे। इस दौरान ‘‘आप’’ विधायकों ने भाजपा विधायकों को भी अपने साथ एलजी साहब के पास जाने को कहा, लेकिन वो तैयार नहंी हुए। भाजपा विधायक इधर-उधर भागते रहे। इसके बाद मंत्री सौरभ भारद्वाज ने बिजेंद्र गुप्ता का पैर पकड़ लिया। काफी जद्दोजहद के बाद भाजपा विधायक मुख्यमंत्री के साथ एलजी के पास जाने के लिए तैयार हुए।
रास्ते में भी भाजपा विधायकों ने एलजी के पास जाने से किया इन्कार, यूं टर्न लेने से “आप” ने रोका
बड़े दबाव के बाद मुख्यमंत्री के साथ भाजपा विधायक एलजी साहब के पास जाने के लिए तैयार हुए, लेकिन कुछ दूर जाने के बाद वह फिर रूक गए और जाने से इन्कार करने लगे। इस पर मुख्यमंत्री, मंत्री और ‘‘आप’’ विधायकों के साथ मार्शलों ने दोबारा भाजपा विधायकों पर दबाव बनाया और फिर वह एलजी साहब के पास जाने के लिए तैयार हुए।
सिर्फ सीएम और भाजपा विधायकों को एलजी हाउस में जाने के मिली अनुमति
बड़े मान मनौवल के बाद भाजपा विधायक मुख्यमंत्री आतिशी के पास एलजी हाउस पहुंचे। लेकिन एलजी हाउस में सिर्फ मुख्यमंत्री और भाजपा विधायकों को ही अंदर जाने की अनुमति दी गई। इसका आम आदमी पार्टी के विधायकों ने कड़ा विरोध किया, लेकिन उनकी एक नहीं सुनी गई। इस पर मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि मुख्यमंत्री को भाजपा विधायकों के साथ अकेले भेजना नैतिकता के हिसाब से भी गलत है और महिला की सुरक्षा और सीएम के प्रोटोकॉल के हिसाब से भी गलत है। उन्होंने कहा कि जब तक बैठक खत्म कर मुख्यमंत्री बाहर नहीं आ जाती हैं, तब तक हम भी यहीं डंटे रहेंगे।
एलजी हमें बहाल करें या इस्तीफा दें- बस मार्शल
सिविल डिफेंस वालेंटियर्स का कहना है कि जब आम आदमी पार्टी की सरकार ने तत्काल कैबिनेट बैठक बुलाकर उनकी नौकरी बहाली का प्रस्ताव पास कर दिया तो एलजी को भी इसे तत्काल मंजूर कर देना चाहिए। अगर एलजी की तरफ से तत्काल नौकरी बहाल नहीं की गई तो उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए और भाजपा को इस विषय पर राजनीति करना बंद कर देना चाहिए।
भाजपा के वादाखिलाफी पर एलजी आवास के बाहर बस मार्शलों ने घेरा तो भागे विधायक दल के नेता विजेंद्र गुप्ता
एलजी के साथ बैठक के बाद भाजपा विधायक दल के नेता विजेंद्र गुप्ता चुपके से बाहर निकले की कोशिश किए, लेकिन उन पर बस मार्शलों की नजर पड़ गई। बस मार्शलों ने भाजपा की वादाखिलाफी पर उनको घेर लिया। इस पर वह इधर-उधर भागने लगे। लेकिन बस मार्शल उन्हें जाने नहीं दे रहे थे। इसके बाद पुलिस ने विजेंद्र गुप्ता को उनसे दूर किया और वह फिर एलजी हाउस में ही चले गए।
भाजपा और एलजी के टाल-मटोल पर भड़के सिविल डिफेंस वालेंटियर्स
अपनी नौकरी बहाली पर अड़े बस मार्शल भी सुबह से ही डंटे रहे। सीएम आतिशी के साथ बैठक और उनके बाद एलजी हाउस जाने तक बस मार्शल साथ रहे और पूरे घटनाक्रम को अपनी आंखों से देखा। बस मार्शलों ने पाया कि उनकी नौकरी बहाली को लेकर भाजपा और एलजी साहब की तरफ से टाल मटोल की रणनीति अपनाई जा रही है। इस पर बस मार्शल भड़के उठे। बस मार्शलों ने कहा कि दिल्ली सरकार उनकी नौकरी बहाली को लेकर गंभीरता दिखा रही है, लेकिन भाजपा और एलजी गंभीर नहीं दिख रहे हैं। क्या एलजी साहब को दिखाई नहीं दे रहा है कि वह लोग कैसे अपने परिवार को पाल रहे हैं। 10 हजार लोग सड़क पर बैठे हुए हैं, जबकि एलजी साहब एसी में बैठे हुए हैं। क्या उनको दिखाई नहीं दे रहा है। अगर एलजी साहब हमारे दुख तकलीफ को नहीं समझ सकते हैं तो किस बात के एलजी हैं। उनको इस्तीफा दे देना चाहिए।
बस मार्शलों का कहना-
इस दौरान एक बस मार्शल ने कहा कि हम चाहते हैं कि दोनों सरकारें हमारा काम पूरी पार्दर्शिता के साथ करे। इसमें कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए। आज बैठक में भाजपा ने दिल्ली सरकार को कैबिनेट नोट तैयार करने को कहा, जिसे मुख्यमंत्री आतिशी ने तुरंत तैयार करके वहीं के वहीं उसे कैबिनेट मीटिंग में पास करवाया। दिल्ली सरकार ने कहा कि हम आज के आज एलजी साहब से इसपर साइन करवाकर आपको नौकरी दिलवाएंगे। मीटिंग में सबकुछ पास होने के बाद हम मुख्यमंत्री आतिशी के साथ विजेंद्र गुप्ता की गाड़ी में बैठे। लेकिन रास्ते में विजेंद्र गुप्ता कहने लगे कि गाड़ी यू टर्न लेलो हम एलजी के पास नहीं जा रहे। इसके बाद आम आदमी पार्टी के विधायकों ने उन्हें ऐसा करने से रोक दिया। जिसपर वह कहने लगे कि ये मेरी गाड़ी है और मेरी मर्जी से चलेगी। आखिरकार जब उन्होंने कहा कि ठीक है मैं बस मार्शलों को अपने साथ एलजी हाउस ले जाउंगा और उनका मुद्दे हल करवाउंगा। तो हमें खुशी हुई कि मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता हमारे साथ हैं। एलजी जो सर्वेसर्वा हैं हम उनके पास ही जा रहे हैं। लेकिन हम अंदर गए तो हमें अलग कमरे में बैठा दिया गया। हमने कहा कि दिल्ली सरकार ने हमें बैठक में शामिल किया, हमारा काम हो रहा है तो हमें पता होना चाहिए चीजें कैसे हो रही हैं। और थोड़ी देर बाद हमें बाहर निकाल दिया गया। आज हम यहां से अपने रोजगार का लेटर लेकर ही जाएंगे।
यमिता नाम कि महिला बस मार्शल ने कहा कि मैं वहीं सीमापुरी डिपो में बस मार्शल के तौर पर काम कर रही थी। हमें 31 अक्टूबर 2023 को नौकरी से निकाल दिया था। इसके संबंध में आज हम दिल्ली सचिवालय आए थे। वहां आम आदमी पार्टी औक भाजपा दोनों पार्टी के नेता बैठे रहे। भाजपा नेताओं मे जैसा-जैसा कहा आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार ने वैसा ही किया। सीएम आतिशी ने हमारे पक्ष में प्रस्ताव बनाकर दिया। अभी भाजपा के नेता विजेंद्र गुप्ता और सीएम आतिशी गई हैं। हम भी अंदर गए थे, लेकिन हमें एलजी साहब के पास नहीं जाने दिया। थोडी देर बैठाकर हमें वहां से यह कहकर भेज दिया गया कि आपका काम एक हफ्ते में होगा। दिल्ली सरकार ने अपना काम कर दिया। अब सब कुछ भाजपा और एलजी के हाथ में है। फिर ये लोग इसे एक हफ्ते के लिए क्यों टाल रहे हैं। हमें केवल एक साइन चाहिए। हम एलजी के घर के बाहर खड़े हैं, उन्हें एक साइन करने में कितना टाइम लगता है? क्अगर वो नहीं कर सकते तो एलजी साहब इस्तीफा दे दें। ये लोग वोट मांगने के लिए हमारे पास आकर हाथ जोड़ते हैं लेकिन आज ये हमें गेट के अंदर भी नहीं आने दे रहे हैं। हमें एलजी नहीं चाहिए। हम भाजपा ने कहना चाहते हैं कि एलजी उनके नुमाइंदे हैं, वह उनसे कहे कि वो जल्द से जल्द हमें फाइल पर साइन करके दें।