पहलगाम आतंकी हमले के बाद से पूरा देश गुस्से से उबल रहा है। आज पूरा देश भारत सरकार और भारतीय सेना के साथ खड़ा है और चाहता है कि पहलगाम हमले का पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया जाए। भारतीय इतिहास में ऐसे मौके बहुत कम प्रधानमंत्री को मिले हैं। 1971 में इंदिरा गांधी और 1999 में अटल बिहारी वाजपेयी के बाद अब पीएम नरेंद्र मोदी को यह मौका मिला है। लिहाजा, पूरा देश प्रधानमंत्री से मांग कर रहा है कि अब भारत सरकार पाकिस्तान से पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) को वापस ले। हमें अपनी भारतीय सेना के पराक्रम पर पूरा भरोसा है। पीओके में ही सारे आतंकवादी ट्रैनिंक कैंप, लॉचिंग पैड्स समेत पूरा इंफ्रास्ट्रक्चर है। इसलिए उसपर कब्जा जरूरी है। जब तक पीओके पाकिस्तान के कब्जे में रहेगा, आतंकवाद बढ़ता रहेगा। बुधवार को आम आदमी पार्टी मुख्यालय पर राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अनुराग ढांडा के साथ प्रेसवार्ता कर दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने यह बातें कहीं।
सौरभ भारद्वाज ने आगे कहा कि कुछ दिनों पहले इतिहास के सबसे बड़े आतंकी हमलों में से एक आतंकी हमला पहलगाम में हुआ। हमारे भारतीयों को आतंकवादियों ने चुन-चुन कर मारा और आज पूरा देश गुस्से में हैं। हमारे देश के युवा गुस्से में उबल रहे हैं। आज पूरा देश केंद्र सरकार के साथ खड़ा है और सरकार की तरफ देख रहा है कि सरकार पाकिस्तान पर निर्णायक कार्रवाई करेगी। हम सभी भारतीय सेना के साथ खड़े हैं। इतिहास में ऐसे कम मौके किसी प्रधानमंत्री को मिले। 1971 में तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी को यह मौका मिला था। 1999 में यह मौका तत्काली पीएम अटल बिहारी वाजपेयी को मिला।
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि इतिहास आज 2025 में यह मौका देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दे रहा है कि जाइए और जम्मू-कश्मीर के जिस जगह पर पाकिस्तान ने वर्षों से कब्जा कर रहा है, वहां भारत का तिरंगा लहरा दीजिए। जम्मू-कश्मीर 2.22 लाख वर्ग किलोमीटर का एरिया था। इसमें से करीब 1.06 लाख वर्ग किलोमीटर का एरिया भारत के पास है और 72 हजार वर्ग किलोमीटर से ज्यादा भारत का कश्मीर पाकिस्तान के पास है। इसे पाकिस्तान आक्यूपाइड कश्मीर (पीओके) भी कहा जाता है। यह वह जगह है, जहां सारे आतंकवादी कैंप हैं। युवाओं में कट्टरता भरी जाती है, उनको ट्रेनिंग दी जाती है। पीओके में ट्रैनिंक कैंम्स, लॉचिंग पैड्स समेत पूरा इंफ्रास्ट्रक्चर है, ताकि आतंकवादियों को प्रशिक्षित कर भारत को परेशान किया जाए। केंद्र सरकार की इसकी सारी रिपोर्ट्स और जानकारी है।
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि पीओके में ही आतंकवादियों की पूरी फैक्ट्री है, जहां नए-नए आतंकवादी बनते हैं और भारत के अंदर भेजे जाते हैं। आज पूरा देश भारत सरकार के साथ खड़ा है। हिन्दू, मुसलमान, जैन, सिख, ईसाई, बौद्ध समेत सभी लोग भारत सरकार के पीछे खड़े हैं और कह रहे हैं कि सरकार कुछ ठोस करे। पूरे हिन्दुस्तान को भारतीय सेना और सैनिकों के पराक्रम पर पूरा भरोसा है। प्रधानमंत्री फौज को मात्र इशारा करें। हमारी फौज के सुरमा पीओके को वापस भारत में लाएगा। लेकिन सवाल यह है कि क्या सरकार को भारत की फौज के पराक्रम पर भरोसा है। अगर भरोसा है तो वक्त आ गया है, जब पीओके हिन्दुस्तान में वापस आए।
इस मौके पर राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अनुराग ढांडा ने कहा कि इस वक्त पूरे देश में एक आम राय है कि पाकिस्तान के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई हो। इससे पहले भी कई बार ऐसा हुआ है कि पाकिस्तान ने भारत को आंख दिखाने की कोशिश की और हमारी धरती पर आतंकी घटनाओं को अंजाम दिया और उस समय की सरकारों ने पलटवार करते हुए मुंहतोड़ जवाब दिया। इसका ताजा उदाहरण पुलवामा है। जब पुलवामा में आतंकी घटना को अंजाम दिया गया था, तब भारत की सरकार ने पाकिस्ता को मुंहतोड़ जवाब दिया था और वहां के आतंकी कैंप को नष्ट किया। इसके बावजूद पीओके का इस्तेमाल करके आतंकियों को दोबारा खड़ा किया गया, दोबारा कैंप और लॉचिंग पैड बना दिए गए। इसका सीधा मतलब यह है कि अगर आपको मच्छर खत्म करने हैं तो मच्छरों को मारने से काम नहीं चलेगा, बल्कि जहां से मच्छर पैदा हो रहे हैं, उस जगह को साफ करना पड़ेगा। उस जगह को अपने कब्जे में लेना पड़ेगा। आतंकियों ने भारत को धार्मिक आधार पर बांटने की कोशिश की और घटना को अंजाम दिया। उसके बाद पूरा देश एक राय है कि पीओके को निर्णायक तौर पर भारत में वापस लेना चाहिए। यह बिल्कुल सही समय है। ताकि आगे भारत के विकास में आतंकवादी रूकावट पैदा न कर पाएं।
अनुराग ढांडा ने कहा कि मंगलवार को हमने सुना कि सेना को खुली छूट दे दी गई है। हमारी सेना पूरी तरह से तैयार है। सेना के पराक्रम पर देश को पूरा भरोसा है। हमने पहले भी मुंहतोड़ जवाब दिया है। लेकिन सरकार से इस वक्त राजनीतिक इच्छा शक्ति की जरूरत है। सरकारी तरफ से सेना को स्पष्ट निर्देश मिले तो सेना पीओके को वापस भारत में शामिल करा सकती है। पूरा जम्मू कश्मीर राज्य भारत में शामिल हुआ था, लेकिन धोखे से पीओके पर पाकिस्तान ने कब्जा किया। भारत को पीओके को