आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं सांसद संजय सिंह द्वारा देश में बेरोजगारी को लेकर पूछे गए प्रश्न के जवाब में केंद्र की मोदी सरकार ने भ्रामक आंकड़े उपलब्ध कराए हैं। केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय की ओर से मिले जवाब में देश भर में कुल बेरोगारों की संख्या, शिक्षा स्तर के अधार पर बेरोजगारी दर, सरकारी नौकरियों में रिक्त पद और ठेका आधारित भर्तियों के प्रतिशत का आंकड़ा छिपा दिया गया है। जबकि अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन की रिपोर्ट कहती है कि भारत में युवा बेरोजगारों की दर दुनिया में सबसे अधिक है। वहीं, नेशनल सैंपल सर्वे ऑफिस के पुराने आंकड़े भी सरकार के आंकड़ों से बिल्कुल अलग हैं। बेरोजगारी बढ़ने से देश की अर्थव्यवस्था व समाज पर गंभीर प्रभाव पड़ रहा है। इससे निपटने के लिए केंद्र सरकार को तत्काल कदम उठाना चाहिए।
संसद के बजट सत्र में ‘‘आप’’ सांसद संजय सिंह द्वारा देश में व्यापक बेरोजगारी के संदर्भ में पूछे गए अतारांकित प्रश्न संख्या 1247 के जवाब में सरकार से मिले बेरोजगारी के आंकड़े गंभीर खामियों से ग्रस्त हैं। सांसद संजय सिंह के प्रश्नों के जवाब में श्रम एवं रोजगार मंत्रालय द्वारा बेरोजगारी के आंकड़ों को छुपाकर केंद्र सरकार की ओर से युवाओं के साथ किए गए धोखे और अन्याय को सत्यापित करता है।
केंद्र सरकार ने बेरोजगारी की वास्तविक स्थिति को छिपाने के लिए जानबूझ कर महत्वपूर्ण आंकड़े छुपाए हैं। कुल बेरोजगारों की संख्या, शिक्षा स्तर के आधार पर बेरोजगारी दर, सरकारी नौकरियों में रिक्त पदों की संख्या और ठेका आधारित भर्तियों का प्रतिशत जैसी अहम जानकारी जनता से छुपाई गई है। उदाहरण के तौर पर हाल ही में अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में बेरोजगारी की दर सरकारी आंकड़ों से कहीं अधिक है। रिपोर्ट के अनुसार, भारत में युवा बेरोजगारी की दर दुनिया में सबसे अधिक है। इसके अलावा, नेशनल सैंपल सर्वे ऑफिस (एनएसएसओ) के पुराने आंकड़े भी सरकारी आंकड़ों से काफी भिन्न हैं, जो सरकार द्वारा जारी किए गए आंकड़ों की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हैं।
देश में बेरोजगारी एक गंभीर राष्ट्रीय समस्या है और इसके समाधान के लिए सटीक आंकड़ों की आवश्यकता होती है। सरकार को चाहिए कि वह बेरोजगारी के वास्तविक आंकड़े सार्वजनिक करे, ताकि इस समस्या से निपटने के लिए प्रभावी नीतियां बनाई जा सकें। बेरोजगारी के बढ़ते स्तर से देश की अर्थव्यवस्था और समाज पर गंभीर प्रभाव पड़ रहा है। सरकार को तत्काल कदम उठाकर बेरोजगारी की समस्या से निपटना चाहिए।