मयूर विहार फेस-3 में डीडीए के खुले नाले में गिरने से हुई मां-बेटे की दुखद मौत पर भाजपा, एलजी और प्रधानमंत्री की चुप्पी को लेकर आम आदमी पार्टी ने सवाल खड़ा किया है। ‘‘आप’’ ने एलजी को अपनी जिम्मेदारियों का एहसास दिलाने के लिए शनिवार को राजनिवास पर विशाल विरोध प्रदर्शन करने का फैसला लिया है। ‘‘आप’’ के दिल्ली प्रदेश संयोजक गोपाल राय ने यह जानकारी देते हुए कहा कि डीडीए की लापरवाही से मां-बेटे की मौत हुई है, लेकिन राजेंद्र नगर की दुखद घटना पर राजनीति करने वाली भाजपा और एलजी इस मामले पर चुप हैं। एलजी साहब ने घटना के जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं की है और न तो पीड़ित परिवार को मुआवजे की घोषणा की है। वहीं, भाजपा अरविंद केजरीवाल को बदनाम करने के चक्कर में इतने नीचे गिर चुकी है कि उसके कुछ नेता मयूर विहार की घटना की वीडियो बनाकर चिल्लाने लगे कि ये दिल्ली सरकार के पीडब्ल्यूडी का नाला है। लेकिन जब उनको पता चला कि नाला तो डीडीए का है, उन्हें सांफ सुंघ गया।
आम आदमी पार्टी के दिल्ली प्रदेश संयोजक गोपाल राय और कोंडली से विधायक कुलदीप कुमार ने शुक्रवार को पार्टी मुख्यालय में संयुक्त प्रेस वार्ता की। इस दौरान गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली की जनता ने प्रचंड बहुमत देकर आम आदमी पार्टी की सरकार बनाई। जब से दिल्ली में हमारी पार्टी की सरकार बनी है, तब से केंद्र की भाजपा सरकार ने दिल्ली सरकार को कमजोर करने का अभियान चला रखा है। दिल्ली देश की राजधानी है, इसलिए राज्य और केंद्र सरकार का कार्यक्षेत्र पहले से ही बंटा हुआ है। यहां डीडीए, पुलिस, और जमीन केंद्र सरकार के तहत आते हैं। लेकिन भाजपा ने दिल्ली की चुनी हुई सरकार के पास जो अधिकारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग और तमाम कार्यों को संचालित करने व निर्णय लेने का अधिकार था, उसे भी सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की बेंच के फैसले के खिलाफ जाकर पलट दिया। उन्होंने संसद में कानून पास करके दिल्ली सरकार के अधिकारों को भी छीन लिया। भाजपा ने लगातार अरविंद केजरीवाल द्वारा शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, पानी, महिलाओं की यात्रा और बुजुर्गों की तीर्थ यात्रा के लिए किए गए कार्यों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की।
गोपाल राय ने कहा कि इस नए कानून के माध्यम से भाजपा ने एलजी की आड़ में केजरीवाल सरकार को निष्क्रिय करने की साजिश रची। लेकिन इनके सारे षड़यंत्रों के बावजूद दिल्ली सरकार का काम चलता रहा। इसके बाद इन्होंने पहले दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री और शिक्षा मंत्री को गिरफ्तार कर लिया, और फिर बिना किसी सबूत के फर्जी केस बनाकर सीएम को गिरफ्तार कर लिया। केजरीवाल को ईडी कोर्ट और बाद में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद भी सीबीआई का इस्तेमाल करके उन्हें जेल में डाल दिया। इन सबके बावजूद दिल्ली सरकार अपना काम कर रही है और दिल्ली के लोगों के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभा रही है। लेकिन भाजपा सारे अधिकार छीनने के बावजूद दिल्ली सरकार के लगातार हो रहे काम को देखकर आज भी परेशान है। तमाम साजिश करने और मुख्यमंत्री को गिरफ्तार करने के बाद भाजपा आज भी बेचौन है।
गोपाल राय ने कहा कि जिस तरह दिल्लीवालों ने लगातार तीन बार दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की सरकार चुनी, उसी तरह उन्होंने तीन बार भाजपा को वोट देकर केंद्र में उनकी सरकार बनाई। लेकिन भाजपाई आज शवों पर राजनीति करने से भी बाज नहीं आ रहे हैं। बीते दिन राजेंद्र नगर की एक दुखद घटना में तीन छात्रों की मौत हो गई। घटना के बाद से लगातार दिल्ली सरकार और एमसीडी सख्त एक्शन ले रहे हैं, कई कोचिंग सेंटर्स को सील किया गया, और कई अधिकारी निलंबित हुए। साथ ही दिल्ली सरकार और एमसीडी की ओर से बच्चों को 10-10 लाख रुपए मुआवजा देने की प्रक्रिया चल रही है। कोचिंग सेंटर्स को नियमित करने की प्रक्रिया चल रही है। जीरो पावर के बाद भी आम आदमी पार्टी की सरकार अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए जो भी संभव है, वह छात्रों के लिए कर रही है। हम छात्रों से बात कर रहे हैं।
गोपाल राय ने आगे कहा कि दूसरी तरफ भाजपा इस हादसे पर भी गंदी राजनीति करने के लिए मैदान में आ गई। लेकिन यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि जब मयूर विहार फेज 3 और यूपी के खोड़ा कॉलोनी के बीच डीडीए के खुले नाले में गिरने से एक मां-बेटे की मौत हो गई, तो केंद्र की भाजपा सरकार, दिल्ली में उसके सातों सांसद और उसके एलजी इस पर चुप हैं। केंद्र सरकार को यह नहीं लगा कि उसे डीडीए की लापरवाही के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। अब भाजपा के सारे नेता गायब हैं, मानों वो प्रदर्शन करना ही भूल गए हों। एलजी साहब के दफ्तर से सूत्रों के हवाले खबरें आना बंद हो गई।
गोपाल राय ने बताया कि इस घटना के बाद भाजपा के नेता और बड़े प्रवक्ता मौके पर वीडियो बनाने पहुंचे थे, जिसमें वो चिल्ला-चिल्ला कर बता रहे थे कि ये दिल्ली सरकार के पीडब्ल्यूडी का नाला है। लेकिन बाद में उन्हें पता चला कि ये डीडीए का नाला है। इसके बाद उन्हें सांप सुंघ गया। अब इसपर कोई बोलने को तैयार नहीं है। अरविंद केजरीवाल को बदनाम करने के चक्कर में भाजपा और कितना नीचे गिरेगी? पहले ये केजरीवाल को बदनाम करने के लिए नाले का वीडियो बनाने चले गए, लेकिन जब बाद में पता चला कि वह तो दिल्ली सरकार का नहीं केंद्र सरकार के तहत आता है, तो इसपर बोलने के लिए भाजपा का एक भी नेता तैयार नहीं है। क्या उस मां-बच्चे की मौत, मौत नहीं है?
गोपाल राय ने आगे कहा कि हमारी जहां भी जिम्मेदारी है, हम वहां जनता के लिए पूरी ताकत से खड़े होकर लड़ रहे हैं। लेकिन एलजी को बताना चाहिए कि क्या डीडीए की इस लापरवाही के लिए उनकी कोई जिम्मेदारी नहीं है? जब भी कहीं पुलिस या डीडीए से जुड़ी घटना होती है, तो भाजपा और उसके एलजी चुप हो जाते हैं। जबकि जहां-जहां हमारी जिम्मेदारी है, हम उसे पूरा कर रहे हैं। भाजपा और एलजी को भी अपनी जिम्मेदारी पूरी करनी होगी। अगर डीडीए की लापरवाही से मां-बच्चे की मौत हुई है, तो इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करनी पड़ेगी। उनको मुआवजा देना पड़ेगा। भाजपा पीठ दिखाकर भाग नहीं सकती है। भाजपा के सांसदों को इस्तीफा दे देना चाहिए, या तो इसकी नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए वो एलजी से मिलना चाहिए। इस घटना की जांच और दोषियों पर कार्रवाई होनी चाहिए।
गोपाल राय ने कहा कि भाजपा के सुबह से शाम तक केजरीवाल को गाली देने से दिल्लीवालों की समस्या का हल नहीं होगा। भाजपा चाहती है कि उसके पास सारी ताकत रहे, लोकिन उसे कोई काम न करना पड़े। 15 साल तक एमसीडी में रहने के बावजूद इन्होंने एक काम नहीं किया। तीन बार से लगातार भाजपा के सांसद जीत रहे हैं, लेकिन कोई काम नहीं करते हैं। और केंद्र में इनकी सरकार दिल्ली के लिए बजट नहीं देती। ये लोग काम में जीरो और पावर में हीरो बनना चाहते हैं। भाजपा को अपनी जिम्मेदारी भी निभानी पड़ेगी। इनके सांसदों से जब काम का हिसाब मांगा जाता है, तो भागने लगते हैं। जब भी भाजपा की जिम्मेदारी का सवाल आता है, तो भागने लगती है। लेकिन जैसे ही केजरीवाल की बात होती है, उसके पास सारी ताकत आ जाती है। फिर एक के बाद एक प्रदर्शन शुरू हो जाते हैं। फिर एलजी भी चिट्ठी लिखने लगते हैं, भाजपा के मंत्री, सांसद भी जाग जाते हैं। भाजपा की यह दोहरी रणनीति दिल्ली में नहीं चलेगी। जिस तरह से दिल्ली सरकार ने अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए अपने काम को आगे बढ़ाया है, भाजपा के सांसदों, केंद्र सरकार और एलजी को भी जिम्मेदारी निभानी पड़ेगी। अगर ये ऐसा नहीं करते हैं, तो हम अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए भाजपा को चुप्पी नहीं साधने देंगे।
गोपाल राय ने बताया कि आम आदमी पार्टी शनिवार को एलजी निवास के बाहर प्रदर्शन करेगी। भाजपा को इस मामले पर बोलना ही पड़ेगा। वरना अब दिल्ली की जनता भी समझ रही है कि भाजपा का मकसद दिल्लीवालों को न्याय दिलाना नहीं, बल्कि केवल अरविंद केजरीवाल को गाली देकर बदनाम करना है। और अब यह दिल्ली में चलने वाला नहीं है। पूरी शक्ति लेकर बैठी भाजपा ये न समझे कि वो अपनी जिम्मेदारियों से बच जाएगी। जीरो पावर होने के बावजूद केजरीवाल सरकार अपना काम कर रही है और आगे भी करती रहेगी। हमारी मांग है कि एलजी साहब इस घटना के लिए दोषी अधिकारियों के खिलाफ जल्द से जल्द कार्रवाई करें और उनके परिवार को तत्काल आर्थिक मदद दें।
कोंडली से आम आदमी पार्टी के विधायक कुलदीप कुमार ने कहा कि यह दुखद घटना 31 जुलाई रात करीब 8 बजे के आस-पास घटित हुई है। लगभग 40 घंटे बीत चुके हैं, लेकिन अब तक भाजपा का कोई भी नेता इस मुद्दे पर प्रदर्शन करने के लिए नहीं आया। भाजपा के किसी नेता ने इसके लिए एलजी को पत्र नहीं लिखा, और न ही अब तक किसी ने पीड़ित परिवार से मुलाकात की है। दुख की बात है कि पूर्वी दिल्ली से भाजपा के सांसद ने उस इलाके में जाकर भी पीड़ित परिवार से मुलाकात या घटना की जानकारी नहीं ली। भाजपा इस समय दिल्ली में गंदी राजनीति कर रही है। वह डीडीए और एलजी साहब को बचाने में लगी हुई है। इस घटना में मरने वाला वह बच्चा उस परिवार का इकलौता बच्चा था, और उस महिला की उम्र केवल 23 साल थी। डीडीए के अधिकारियों की लापरवाही की वजह से उत्तराखंड से दिल्ली आया वह परिवार उजड़ गया। लेकिन भाजपा के लोग इस पर केवल इसलिए कुछ नहीं बोल रहे हैं क्योंकि वह नाला डीडीए का था।
कुलदीप कुमार ने आगे कहा कि डीडीए के उन अफसरों पर कार्रवाई होनी चाहिए। हमने गुरुवार को भी इस मांग को लेकर प्रदर्शन किया था ताकि उस मां-बेटे को न्याय मिले। एलजी तत्काल प्रभाव से उन अधिकारियों को निलंबित करके उन पर हत्या का मुकदमा दर्ज करें। क्योंकि वह हादसा नहीं हत्या थी। अगर वह नाला ढका हुआ होता, तो उनकी जान बच सकती थी। एलजी साहब इससे बच नहीं सकते हैं। उन्हें दिल्ली सरकार के कामों का क्रेडिट लेने का बहुत शौक है। डीजेबी, पीडब्ल्यूडी जैसे कई विभागों के काम में वह अड़चन पैदा करते हैं। लेकिन जो विभाग उनके अधीन हैं, कम से कम उन्हें तो वह अच्छे से संभालें। अगर उन अधिकारियों पर कार्रवाई होगी, तो भविष्य में इस तरह के हादसे रुकेंगे। अधिकारियों में खौफ आएगा कि अगर वे दिल्लीवालों की जान से खिलवाड़ करेंगे तो उनकी नौकरी जा सकती है। लेकिन अगर उन्हें एलजी साहब का संरक्षण मिलेगा, तो वे इसी तरह लापरवाही करेंगे। एलजी साहब ने दिल्ली में जो यह चलन शुरू किया है, उसे खत्म करना होगा। उस परिवार को न्याय दिलाने के लिए हमारा संघर्ष जारी रहेगा।