आम आदमी पार्टी ने महीनों से सड़कों पर बैठे बस मार्शलों की नौकरी बहाल करने की एलजी से अपील की है। ‘‘आप’’ के वरिष्ठ नेता संजीव झा ने कहा कि बस मार्शल गरीब परिवारों से आते हैं, अब उन्हें परिवार का खर्च चलाना मुश्किल हो गया है। इसलिए एलजी साहब को उनके परिवार को ध्यान में रखते हुए मानवता के आधार पर उनकी नौकरी बहाल कर देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि एलजी साहब के आदेश पर ही 10 हजार बस मार्शलों की नियुक्ति को रद्द कर दिया गया था। फरवरी 2024 में बस मार्शलों की सेवाएं जारी रखने के लिए विधानसभा में प्रस्ताव पास कर एलजी साहब को भेजा गया था, लेकिन उनकी बहाली नहीं हुई। एलजी साहब से अपील है कि अगर राजनैतिक बदला लेना है तो आम आदमी पार्टी से लीजिए। बस मार्शलों ने आपका क्या बिगाड़ा है? वहीं, कुलदीप कुमार ने अपील करते हुए कहा कि हम एक बार फिर एलजी साहब से बस मार्शलों की नौकरी बहाल करने की मांग करते हैं, ताकि वो दिल्लीवालों को अपनी सेवाएं दे पाएं।
आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं विधायक संजीव झा और कुलदीप कुमार ने बस मार्शलों को लेकर मंगलवार को संयुक्त प्रेसवार्ता की। विधायक संजीव झा ने कहा कि सिविल डिफेंस वालेंटियर्स महीनों से अपनी नौकरी की जायज मांग को लेकर सड़कों पर बैठे हैं। आम आदमी पार्टी पहले भी कई बार इस पर अपनी चिंता जाहिर कर चुकी है। 11 मई 2015 को हुई एक बैठक में गृह मंत्री ने कहा था कि बस मार्शल की तैनाती होनी चाहिए। पहले यह तय हुआ कि होम गार्ड को बस मार्शल के तौर पर रखा जाएगा, लेकिन लगातार बैठकों के बाद भी जब होम गार्ड की नियुक्ति नहीं हो पा रही थी, तो बाद में यह फैसला किया गया कि सिविल डिफेंस वालेंटियर्स को बस मार्शल के तौर पर तैनात किया जाएगा। इसके लिए परिवहन मंत्री ने सिविल डिफेंस वालंटियर्स की नियुक्ति को लेकर आदेश पारित किया। लगातार बैठकों के बाद पहले 4000 फिर 9000 और बाद में 10,000 बस मार्शलों को नियुक्त किया गया। इन बस मार्शलों ने बसों में लोगों की सुरक्षा की दृष्टि से बेहतरीन काम किया। लेकिन जिस तरह दिल्ली की कल्याणकारी योजनाओं के साथ दिल्ली के एलजी के निर्देश पर अधिकारियों द्वारा सौतेला व्यवहार किया जाता रहा है, उसी तरह बस मार्शल के तौर पर तैनात इन सिविल डिफेंस वालंटियर्स की नियुक्ति को भी रद्द कर दिया गया।
संजीव झा ने बताया कि 29 अगस्त 2023 को परिवहन विभाग के प्रधान सचिव ने नोट जारी करते हुए कहा कि बस मार्शल के रूप में तैनात इन सिविल डिफेंस वालंटियर्स की अब कोई जरूरत नहीं है। क्योंकि अब आधुनिक सुविधाओं से लैस दिल्ली की बसों में सुरक्षा संबंधी सभी तकनीकी सुविधाओं और कैमरों की व्यवस्था कर दी गई हैं। लेकिन परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने इस पर आपत्ति जताते हुए साफ निर्देश दिए कि बस मार्शल उसी तरह से काम करते रहेंगे। इसके लिए उन्होंने 25 सितंबर 2023 को एक बैठक बुलाई, जिसमें परिवहन विभाग के प्रधान सचिव, राजस्व विभाग के सेक्रेटरी समेत सभी संबंधित अधिकारी भी शामिल थे। बैठक में कैलाश गहलोत ने अधिकारियों को साफ निर्देश दिए कि बस मार्शल इसी तरह से आगे भी काम करते रहेंगे और उनकी बकाया सैलरी भी उन्हें दी जाए। लेकिन एलजी साहब के निर्देश पर इन अधिकारियों का रवैया लगातार ढीला-ढाला रहा। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और तमाम मंत्रियों के निर्देश और नोट के बाद भी बस मार्शलों की तैनाती बहाल नहीं की गई और उनके बकाया वेतन का भी भुगतान नहीं किया गया।
संजीव झा ने कहा कि 29 फरवरी को दिल्ली विधानसभा के चीफ विप दिलीप पांडे ने बस मार्शलों के लिए सदन में प्रस्ताव रखा। सदन में बस मार्शल के तौर पर काम कर रहे सिविल डिफेंस वालंटियर्स की बहाली का प्रस्ताव पास कर एलजी के पास भेजा गया। लेकिन बड़े दुर्भाग्य की बात है कि आज भी ये बस मार्शल अपनी मांग को लेकर बैठे हैं। दिल्ली सरकार के आदेश के बावजूद उनकी नियुक्ति नहीं हो पाई है। दिल्ली सरकार के मंत्री और विधानसभा के सभी सदस्यों द्वारा यह प्रस्ताव पास करवाने के बावजूद बदले की राजनीति के तहत आज सिविल डिफेंस वालंटियर्स की नौकरी छीन ली गई है। ये सिविल डिफेंस वालंटियर्स बहुत साधारण परिवार से आते हैं और यह उनकी आजीविका के लिए भी जरूरी है। आज ये सभी लोग अपने परिवार के भरण-पोषण के लिए मोहताज हैं। अगर एलजी साहब को आम आदमी पार्टी के साथ बदले की राजनीति करनी है तो करें, लेकिन इसमें दिल्ली की जनता की क्या गलती है? इन बस मार्शलों के गरीब परिवारों ने आपका क्या बिगाड़ा है? कम से कम उस परिवार का भरण-पोषण हो सके। इसे ध्यान में रखते हुए आप बस मार्शलों की नियुक्ति को बहाल करें। ये बस मार्शल ठंडी-गर्मी की परवाह न करते हुए लगातार अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर बैठे हैं। इस संबंध में कोई ठोस पॉलिसी बनने तक इन बस मार्शलों की नियुक्ति की जाए, ताकि बसों में यात्रा करने वाली महिलाएं अपने आप को सुरक्षित महसूस करें और साथ ही बस मार्शलों के परिवार का भरण-पोषण हो पाए।
वहीं, कुलदीप कुमार ने कहा बस मार्शलों की बहाली के लिए जब हमने 29 फरवरी को दिल्ली विधानसभा से प्रस्ताव पास करके उपराज्यपाल को भेजा था। हमें उम्मीद थी कि बस मार्शलों की तत्काल बहाली हो जायेगी। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी सदन में इसपर अपना वक्तव्य रखते हुए दुख जाहिर किया था कि दिल्ली सरकार ने जिन बस मार्शलों को दिल्ली की मां-बहनों की सुरक्षा के लिए तैनात किया था एलजी साहब ने उन्हें भी बिना अनुमति के नौकरी से निकला दिया। हमनें उपराज्यपाल के पास यह प्रस्ताव भेजते हुए बस मार्शलों की सारी जानकारी और दिल्ली में उनकी क्या जरूरत है, यह सब बताते हुए उनसे विनती की थी कि बस मार्शलों को तुरंत बहाल किया जाए। दिल्ली के किसी अफसर द्वारा यह कहना कि बसों में सीसीटी कैमरे लगने के बाद अब बस मार्शलों की जरूरत नहीं है, यह किसी भी तरह से सही नहीं है। केजरीवाल सरकार ने पूरी दिल्ली में सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं, तो क्या हम दिल्ली पुलिस को हटा देंगे?
कुलदीप कुमार ने एलजी साहब से आग्रह करते हुए कहा कि वह जल्द से जल्द सभी बस मार्शलों को बहाल करें और इन मार्शलों से इनकी जीविका का साधन न छीनें। इन्होंने कोरोना काल में भी दिल्ली के लोगों की सेवा की। जब परिवारों ने भी आपस में दूरिया बना ली थी, ऐसे समय में इन वॉलंटियर्स ने घर-घर जाकर लोगों को कोविड की किट बांटी। आपने ऐसे लोगों को बेघर कर दिया और अब सरेआम झूठ कह रहे हैं कि दिल्ली सरकार ने इन्हें हटाया है। जबकि यह स्पष्ट है कि दिल्ली की सर्विसेज भाजपा के एलजी के अधीन आते हैं। आगर आपको राजनीति करनी है तो हमारे साथ करें लेकिन बस मार्शलों का रोजगार छीनने की गंदी राजनीति मत करो। दिल्ली सरकार ने विधानसभा में यह प्रस्ताव लाकर अपना पक्ष स्पष्ट कर दिया था। दिल्ली सरकार बस मार्शलों के साथ खड़ी है। हमारी मांग है कि तत्काल प्रभाव से उनका रोजगार वापस दिया जाए, ताकि वो दिल्ली के लोगों को अपनी सेवाएं दे पाएं।