अमेरिकी अदालत द्वारा मोदी जी के मित्र गौतम अडानी और उनके भतीजे सागर अडानी के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी होने के बाद शेयर मार्केट में तेजी से आई गिरावट पर आम आदमी पार्टी ने प्रधानमंत्री पर तीखा हमला बोला है। “आप” के वरिष्ठ नेता संजय सिंह ने कहा कि मोदी जी के मित्र अडानी के किए गए भ्रष्टाचार के चलते भारतीय निवेशकों के 5.50 लाख करोड़ रुपए डूब गए हैं। प्रधानमंत्री चुनावी रैलियों में तो भैंस-मंगलसूत्र पर बातें करते हैं, लेकिन जब उनके मित्र गौतम अडानी की वजह से देश के लोगों के लाखों करोड़ रुपए डूबते हैं, तब वह चुप्पी साध लेते हैं। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी विदेश यात्रा भारत का नाम मज़बूत करने के लिए नहीं, बल्कि अपने दोस्त गौतम अदाणी के व्यापार को मज़बूत करने के लिए करते हैं। ऐसा लगता है कि मोदी जी भारत के नहीं, बल्कि वह अडानी के प्रधानमंत्री हैं।अब उनके नारे ‘एक हैं तो सेफ हैं’ का मतलब भी समझ में आ गया है।
आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने प्रधानमंत्री मोदी के मित्र अडाणी के भ्रष्टाचार की वजह से देशवासियों के लगभग साढ़े पांच लाख करोड़ रुपए डूबने पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि जब-जब मोदीजी विदेश यात्रा पर गए हैं, तब-तब उनके मित्र अडाणी को उन देशों में बड़ी डील मिली है वह देश के नहीं अडाणी के प्रधानमंत्री है। प्रधानमंत्री मोदी विदेश यात्राएं भारत को मजबूत करने के लिए नहीं, बल्कि अपने दोस्त अडाणी और उसके व्यापार को को मजबूत करने के लिए करते हैं। आज प्रधानमंत्री मोदी के मित्र अडाणी के भ्रष्टाचार की वजह से देश में लोगों के मेहनत की कमाई के लगभग साढ़े 5 लाख करोड़ रुपए डूब गए, लेकिन वह चुप हैं। अमेरिका की जांच एजेंसी ने बताया है कि गौतम अदाणी के भतीजे सागर अडाणी ने अधिकारियों को 2200 करोड़ रुपए की रिश्वत खिलाकर महंगी बिजली बेची है। रिश्वत खिलाने के साक्ष्य मिलने के बाद ही अमेरिकी न्यायालय ने गौतम अदाणी और सागर अदाणी के ख़िलाफ़ गिरफ़्तारी का वारंट जारी किया है। जब अमेरिका में अडाणी के खिलाफ जांच चल रही है तो भारत में सेबी, ईडी और सीबीआई क्यों चुप बैठे हैं? अडाणी के ख़िलाफ़ एक्शन क्यों नहीं लिया जा रहा है? आम आदमी पार्टी आगामी संसद सत्र में इस घोटाले और भ्रष्टाचार का मजबूती से विरोध करेगी और इसकी निष्पक्ष जांच की मांग करेगी।
आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने शुक्रवार को पार्टी मुख्यालय में आप नेता रीना गुप्ता के साथ संयुक्त प्रेस वार्ता की। इस दौरान उन्होंने कहा कि आज पूरे देश में हाहाकार मचा हुआ है। इस देश के लोगों का लगभग साढ़े पाँच लाख करोड़ रुपए शेयर बाजार में डूब गया। क्योंकि देश के प्रमुख व्यापारी, पूंजीपति और प्रधानमंत्री के मित्र अडाणी ने घपला किया, जिसके कारण शेयर बाजार डूब गया और इस देश की जनता के लगभग साढ़े पाँच लाख करोड़ रुपए, जो वह अपनी गाढ़ी कमाई के पैसे शेयर बाजार में यह सोचकर लगाते हैं कि थोड़ा बहुत लाभ हो जाएगा, वह डूब गया। इससे पहले जब हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आई थी, उस समय भी देश की जनता के लाखों-करोड़ों रुपए डूबे थे, लेकिन देश की सरकार और प्रधानमंत्री जी, जो बात-बात पर याद दिलाते हैं कि भैंस चोरी हो जाएगी, मंगलसूत्र चोरी हो जाएगा, रोटी चोरी हो जाएगी, वह अपने दोस्त अडाणी के लाखों-करोड़ों की लूट पर और देश की जनता के लाखों-करोड़ों रुपए डूबने पर खामोश रहते हैं। ये लोग केवल चुनाव में लोगों को भैंस और मंगलसूत्र की याद दिलाते हैं, लेकिन जब शेयर मार्केट में लोगों के लाखों-करोड़ों रुपए डूब जाते हैं तो प्रधानमंत्री खामोश रहते हैं। देश की जनता के ये जो साढ़े पांच लाख करोड़ रुपए डूबे हैं, उनका हिसाब कौन देगा?
संजय सिंह ने बताया कि जब प्रधानमंत्री मोदी विदेशों की यात्रा करते हैं तो देश की जनता को लगता है कि भारत में रोजगार को बढ़ावा देने के लिए जा रहे हैं। भारत के अलग-अलग देशों से संबंध अच्छे करने के लिए जा रहे हैं। भारत को दुनिया के पैमाने पर मजबूत करने के लिए जा रहे हैं। भारत में शिक्षा और स्वास्थ्य का विकास करने के लिए विदेशों की यात्रा करने जा रहे हैं। जबकि सच्चाई तो यह है कि प्रधानमंत्री विदेशों की यात्रा अपने दोस्त अडाणी को मजबूत करने के लिए करते हैं, न कि भारत को मजबूत करने के लिए।
संजय सिंह ने सिलसिलेवार तरीके से प्रधानमंत्री मोदी की विदेश यात्रा और उसके ठीक बाद उस देश में अडाणी को ठेका मिलने की रिपोर्ट पढ़ते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी मार्च 2017 में बांग्लादेश की यात्रा करते हैं और अप्रैल 2017 में अडाणी को मेगा कंटेनर से जुड़ी डील मिल गई। प्रधानमंत्री जनवरी 2018 में इज़राइल की यात्रा करते हैं, वहाँ के प्रधानमंत्री से मिलते हैं और दिसंबर 2018 में अडाणी को इज़राइल में मिलिट्री ड्रोन बनाने की कंपनी शुरू करने का लाइसेंस मिल जाता है। जून 2018 में प्रधानमंत्री मोदी सिंगापुर की यात्रा करते हैं और जुलाई 2018 में अडाणी पोर्ट्स को वहाँ एक हजार करोड़ रुपए का काम मिल जाता है। फरवरी 2020 में मोदी जी श्रीलंका की यात्रा करते हैं। श्रीलंका के प्रधानमंत्री से मुलाकात करते हैं और जुलाई 2020 में अडाणी की कंपनी को पोर्ट ऑपरेट करने के लिए वहाँ पर ठेका मिल जाता है, जिसकी खबर बाहर आई थी और उस पर भी बवाल हुआ था। जून 2023 में मोदी जी नेपाल की यात्रा करते हैं, वहाँ के प्रधानमंत्री से मिलते हैं और अडाणी को वहाँ एयरपोर्ट बनाने और उसकी देखरेख करने का ठेका मिल जाता है।
संजय सिंह ने आगे बताते हुए कहा कि अक्टूबर 2024 में मोदी जी तंजानिया के प्रधानमंत्री से मुलाकात करते हैं और मई 2024 में खबर आई कि अडाणी की कंपनी को दार एस सलाम बंदरगाह में टर्मिनल दो को तीस साल तक चलाने की डील मिल जाती है। जुलाई 2024 में प्रधानमंत्री मोदी वियतनाम के प्रधानमंत्री से मिलते हैं और उसी महीने में वहाँ की सरकार कहती है कि अडाणी समूह वहां के हवाई अड्डों में निवेश करेगा। इसके बाद दिसंबर 2023 में प्रधानमंत्री मोदी केन्या के राष्ट्रपति से मुलाकात करते हैं और मार्च 2024 में अडाणी वहाँ पर अपना एक प्रोजेक्ट सबमिट करता है, और जून 2024 में केन्या के अंदर ठेका देने के लिए पॉलिसी चेंज की जाती है। वहां के नियमों में बदलाव किया जाता है और अडाणी को दो ठेके मिलते हैं। पहला, अडाणी एनर्जी सॉल्यूशन्स, जिसे लगभग 10 हजार करोड़ रुपए का ठेका वहाँ तीस साल के लिए बिजली की लाइन बिछाने के लिए मिलता है। दूसरा, अडाणी को ही केन्या में एयरपोर्ट संचालित करने के लिए 30 साल के लिए लगभग 15 हजार करोड़ रुपए का ठेका मिलता है। केन्या का वह एयरपोर्ट एक मुनाफे का एयरपोर्ट था और इस पर उनकी संसद के अंदर बवाल हुआ कि जिस ठेके से उनके देश को फायदा हो रहा था, उसे अडाणी को क्यों दिया गया। यानी यह व्यक्ति पूरी दुनिया के अंदर भारत की बेइज्जती करा रहा है। और जब गुरुवार को अमेरिका से यह शर्मनाक खबर आई और अमेरिका ने रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार के मामले में अडाणी और उसके भतीजे सागर अडाणी के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी किया, तो केन्या ने मोदी जी के दोस्त अडाणी के दोनों ठेके कैंसल कर दिए।
संजय सिंह ने कहा कि यह कितनी शर्म की बात है। अमेरिका से नेपाल तक, तंजानिया से लेकर बांग्लादेश तक, सिंगापुर से लेकर वियतनाम तक, पूरी दुनिया में घूम-घूमकर प्रधानमंत्री, भारत की शिक्षा के लिए काम नहीं करते, स्वास्थ्य के लिए काम नहीं करते। भारत में रोजगार कैसे बढ़ेगा, इसके लिए काम नहीं करते। अपने दोस्त अडाणी को फायदा पहुँचाने के लिए काम कर रहे हैं। हमारे प्रधानमंत्री की विदेश यात्रा अडाणी को ठेका दिलाने के लिए हो रही है। हमारे प्रधानमंत्री की भारत में राष्ट्रध्यक्षों से मुलाकात भी अडाणी को ठेका दिलाने के लिए हो रही है। इस देश के लोगों की गाढ़ी कमाई का पैसा प्रधानमंत्री की यात्रा में इसलिए खर्च हो रहा है कि वह अडाणी को ठेका दिलाने का काम करेंगे।
संजय सिंह ने आगे कहा कि गुरुवार को एक और हैरान करने वाली बात सामने आई कि अमेरिका के अंदर किस तरीके से वहाँ की जाँच एजेंसी ने बताया कि भारत के अधिकारियों को 2200 करोड़ रुपए रिश्वत खिलाकर, जिन अधिकारियों के नाम पता हैं, कितनी राशि दी गई, वो भी पता है। सब कुछ जानकारी है। ये सारी जानकारी इस जाँच के आधार पर सामने आई। इसमें यह बताया गया कि सागर अडाणी ने पैसे खिलाकर पूरे देश के अलग-अलग राज्यों में महंगी बिजली जनता को बेचने का काम किया। यानी प्रधानमंत्री के दोस्त 12 हजार मेगावॉट सौर ऊर्जा सोलर प्लांट के जरिए राज्यों को बिजली सप्लाई करने का ठेका पाते हैं। लगभग पाँच राज्यों में उन्हें यह ठेका मिलता है और उन पाँच राज्यों में और केंद्र की मोदी सरकार से ठेका लेने के लिए 2200 करोड़ रुपए की रिश्वत खिलाते हैं। उन अधिकारियों की फोटो मौजूद है। उनको कितनी रिश्वत दी गई, इसकी जानकारी मौजूद है। पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के ज़रिए सागर अडाणी अपनी कंपनी के लोगों को बताता है कि किसको कितनी रिश्वत दी गई। किस तरह ठेका हासिल किया गया, उसके प्रमाण मौजूद हैं। सारे साक्ष्य होने के बाद जब अमेरिका की जाँच एजेंसी ने गौतम अडाणी, सागर अडाणी, विनीत जैन जैसे लोगों के खिलाफ अरेस्ट वॉरंट जारी किया, तब पूरी दुनिया में हड़कंप मच गया कि आखिर यह कैसे हो गया?
संजय सिंह ने कहा कि उस रिपोर्ट को आप पढ़ेंगे तो उसमें यह पता चलेगा कि मार्च 2024 में एक खबर प्रकाशित हुई कि अडाणी के खिलाफ जांच चल रही है। अमेरिका में अडाणी के खिलाफ उनके भ्रष्टाचार की जांच चल रही है। यह मामला मार्च 2024 में प्रकाशित हुआ। और उसके बाद भारत के नियमों के मुताबिक स्टॉक एक्सचेंज के अंदर अडाणी को यह जानकारी देनी थी कि उनके खिलाफ दुनिया के किस हिस्से में जाँच चल रही है। कौन सी जाँच चल रही है, किस भ्रष्टाचार में जाँच चल रही है, किस कंपनी के खिलाफ जाँच चल रही है। लेकिन अडाणी ने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज को अपने हाथों से चिट्ठी लिखकर कहा कि यह खबरें झूठी और बेबुनियाद हैं, मेरे खिलाफ कोई जांच नहीं चल रही है। लेकिन अब उनके खिलाफ अरेस्ट वॉरंट जारी हो गया है।
संजय सिंह ने कहा कि इससे दो सवाल खड़े होते हैं कि भारत की सेबी खामोश क्यों थी? भारत की जांच एजेंसियां सीबीआई, ईडी, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट, जो छोटी-छोटी बात पर राज्यों के मुख्यमंत्री तक को गिरफ्तार कर लेती हैं, तुरंत किसी की गर्दन पकड़कर उन्हें जेल में डाल देती हैं, इतने बड़े भ्रष्टाचार के खुलासे के बावजूद, भारत में जिन अधिकारियों को रिश्वत दी गई, उन्हें गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया? भारत की जनता से जो हजारों-करोड़ों रुपए महंगी बिजली बेचकर लूटे गए, उसकी जांच क्यों नहीं हुई? गौतम अडाणी और सागर अडाणी ने जो रिश्वत खिलाई, उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की गई, उनकी गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई? जब सेबी को सारी सच्चाई का पता चल गया तो उनके खिलाफ जाँच क्यों नहीं हो रही है। क्यों मोदी जी अडाणी को बचाने में लगे हुए हैं?
संजय सिंह ने कहा कि केन्या जैसे देश में नियमों में बदलाव के कारण संसद के अंदर बवाल हुआ। वही बदलाव भारत में भी किया गया। एयरपोर्ट का ठेका पाने के लिए भारत में यह नियम था कि आपको एयरपोर्ट चलाने का अनुभव होना चाहिए। उस नियम में अडाणी को ठेका देने के लिए भारत सरकार, मोदी ने बदलाव किया। यह सच्चाई है। तो जो लोग आपको समझाते हैं कि भैंस चोरी हो जाएगी, मंगलसूत्र चोरी हो जाएगा, उन्होंने अपने ईर्द-गिर्द कितने बड़े-बड़े चोरों और डकैतों को पाल रखा है, यह इस देश की जनता को पता होना चाहिए। आप पूरी दुनिया में अडाणी को ठेका दिलाने के लिए घूम रहे हैं। नरेंद्र मोदी भारत के प्रधानमंत्री नहीं हैं, वह अडाणी के प्रधानमंत्री हैं। अब उनके नारे एक हैं तो सेफ हैं का मतलब भी समझ में आ गया है, मोदी जी चारों तरफ से एक ही बंदे को सेफ करने में जुटे हैं।