दिल्ली विधानसभा में सत्र के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच बनी आम सहमति के मुताबिक बुधवार को आम आदमी पार्टी के विधायक बस मार्शलों की बहाली को लेकर एलजी से मिलने जाएंगे। वरिष्ठ नेता दिलीप पांडे ने कहा कि हमें उम्मीद कि इस बार भाजपा वादाखिलाफी नहीं करेगी और बस मार्शलों को बहाल करवाने के लिए एलजी साहब के पास जरूर जाएगी। अपने वादे के मुताबिक, दिल्ली सरकार के मंत्री और ‘‘आप’’ के विधायक वहां जाएंगे और बस मार्शलों की बहाली कराएंगे। इसके लिए हमें जहां भी हस्ताक्षर करना होगा, हम करेंगे। उन्होंने कहा कि इससे पहले भी हम भाजपा के साथ बस मार्शलों को लेकर एलजी साहब के पास जाने को तैयार थे, लेकिन भाजपा ने यू-टर्न मार लिया था। बस मार्शल एक साल से गुहार लगा रहे हैं, लेकिन भाजपा के एलजी साहब के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही है। अगर इस बार भी भाजपा यू-टर्न लेती है तो 10 हजार बस मार्शलों के परिवारों की हाय उन्हें जरूरत लगेगी।
दिल्ली सिविल डिफेंस वालेंटियर्स की नौकरी बहाली के संबंध में आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं विधायक दिलीप पांडे और कुलदीप कुमार ने बुधवार को पार्टी मुख्यालय में प्रेस वार्ता की। दिलीप पांडे ने कहा कि दिल्ली के 10 हजार से ज्यादा बस मार्शल और उनके परिवार रोजी-रोटी की गुहार लगा रहे हैं। यह बेहद दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है कि भाजपा द्वारा नियुक्त एलजी इतने असंवेदनशील और अमानवीय हो गए हैं कि उनके कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही है। पूरी दिल्ली जानती है कि इन बस मार्शलों की बहाली के लिए 24 फरवरी को दिल्ली विधानसभा में प्रस्ताव पास किया गया था। सदन से यह प्रस्ताव सर्वसम्मति से पास होने के बाद एलजी के पास भेजा गया था, लेकिन एलजी साहब और भाजपा का दिल फिर भी नहीं पिघला। ये लोग इन बस मार्शलों को बरगलाते रहे और इधर ये बेचारे मार्शल अपनी रोजी-रोटी के लिए परेशान होते रहे। उन्हें बे सिर-पैर के तर्क देकर इधर से उधर घुमाया जाता रहा। उन्होंने जो भी कमियां बताईं, दिल्ली सरकार और हमने उन्हें पूरा किया। लेकिन पिछले दिनों दो दिवसीय विधानसभा सत्र में इनकी नौकरी बहाली को लेकर दूसरा प्रस्ताव पास होने से ठीक पहले भी दिल्ली सरकार के मंत्रियों और ‘‘आप’’ के विधायकों ने कोशिश की कि बस मार्शलों का समाधान निकले।
दिलीप पांडे ने कहा कि हमने बड़े साफ मन से कहा था कि दिल्ली सरकार के मंत्री, आम आदमी पार्टी के नेता और भाजपा के सांसद-विधायक बस मार्शलों के साथएलजी के पास जाएंगे। बस मार्शलों ने भी इसका समर्थन किया। हमने बस मार्शलों से कहा कि वह भाजपा नेताओं, विधायकों और सांसदों को बुला लें। हम सभी एलजी साहब के पास बैठते हैं और आपकी बहाली में आ रही दुविधा या संशय को खत्म करते हैं। हमें जिस कागज पर दस्तखत करने होंगे, कर देंगे। इसके बाद बस मार्शल एलजी कार्यालय पहुंचे। साथ ही दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज और ‘‘आप’’ के विधायक भी वहां पहुंचे। लेकिन हर बार की तरह उस बार भी भाजपा और उनके एलजी अपनी जुबान से पीछे हट गए और यू-टर्न ले लिया। उस दिन यह विवाद वहीं खत्म हो जाता, लेकिन भाजपा ऐसा नहीं चाहती है। लेकिन भाजपा के लोग आमंत्रित करने के बावजूद वहां आए ही नहीं। भाजपा की नीयत ही नहीं थी। भाजपा का मकसद 10 हजार बस मार्शलों के परिवारों को तड़पता छोड़ना था।
दिलीप पांडे ने कहा कि हमारा और बस मार्शलों का सौभाग्य था कि हमने विधानसभा के दो दिवसीय विशेष सत्र में बस मार्शलों का मुद्दा उठाया और सारे तथ्य रखे। जिसके बाद भाजपा और नेता प्रतिपक्ष इससे इंकार नहीं कर पाए और उन्होंने भी मार्शलों की बहाली की मांग का समर्थन कर दिया और हमने उसी समय 10 हजार बस मार्शलों की बहाली का यह प्रस्ताव सदन में पास करा दिया। विधानसभा में तय हुआ था कि तीन अक्टूबर को दिल्ली सरकार के मंत्री, ‘‘आप’’ और भाजपा के विधायक एलजी के पास जाएंगे और बस मार्शलों की नौकरी बहाल कराएंगे। बुधवार को 3 अक्टूबर है। इस बार भाजपा वादाखिलाफी न करे। क्योंकि वह विधानसभा में सहमत हुई थी। अगर भाजपा को बस मार्शलों और उनके परिवारों का जरा भी ख्याल है, तो कल 3 अक्टूबर को वह अपने वादे से न पलटे। हम सभी एलजी साहब के पास चलकर इस विवाद पर हमेशा के लिए पूर्णविराम लगाते हुए बस मार्शलों की बहाली सुनिश्चित करेंगे। अगर भाजपा इस बार भी पलटती है, तो भाजपा वालों को इन दस हजार परिवारों की हाय लगेगी, तुम कभी सुखी नहीं रहोगे।
दिलीप पांडे ने कहा कि इस विवाद पर आम आदमी पार्टी और भाजपा के लोग पहली बार एक साथ सहमत हुए हैं। इसलिए बुधवार को दोनों पार्टियों के लोग एलजी के पास जाएंगे। भाजपा वादा खिलाफी न करे और वहां आए। 10 हजार मार्शल के परिवार आपको देख रहे हैं। नए कानून के तहत सारे आधिकारी एलजी को रिपोर्ट करते हैं। भाजपा वहीं पर अधिकारियों से हस्ताक्षर करवाए। सभी विभागों को फाइलें भिजवाए, ताकि बस मार्शलों की बहाली सुनिश्चित हो। ऐसा न हो कि फाइल निकले लेकिन अपने ठिकाने तक पहुंचे ही नहीं। इसलिए एक समय सीमा निर्धारित कर आदेेश पारित किए जाएं। आम आदमी पार्टी इन तीनों बातों पर सहमत है। हमे विश्वास है कि भाजपा वादाखिलाफी नहीं करेगी। दिल्ली सरकार के मंत्री और विधायक तय समय पर वहां पहुंचेंगे। भाजपा अपने एलजी की जिम्मेदारी ले और इस लंबे संघर्ष पर विराम लगाए। हालांकि एलजी ने प्रस्ताव पास होने के बाद भी अभी तक समय नहीं दिया है। यह प्रसताव उनके पास जा चुका है। लेकिन आज तक उन्होंने समय नहीं दिया।
विधायक कुलदीप कुमार ने कहा कि 2015 में अरविंद केजरीवाल की सरकार ने डीटीसी बसों में महिलाओं की सुरक्षा के लिए बस मार्शलों को तैनात किया था। इसका मकसद था कि हमारी माताएं- बहनें डीटीसी बसों के अंदर खुद को सुरक्षित महसूस करें और वह मार्शल बसों में उन्हें एक सुरक्षित माहौल प्रदान कर सकें। वे बस मार्शल पूरी ईमानदारी और जिम्मेदारी के साथ बसों में महिलाओं की सुरक्षा कर रहे थे। लेकिन वर्ष 2023 में दिल्ली के एलजी विनय कुमार सक्सेना ने एक आदेश पारित कर उन्हें नौकरी से निकाल दिया। इसके पीछे उन्होंने तर्क दिया कि डीटीसी बसों में सीसीटीवी कैमरे और पैनिक बटन हैं, इसलिए अब इनकी जरूरत नहीं है।
कुलदीप कुमार ने कहा कि केजरीवाल सरकार ने बस मार्शलों को डीटीसी बसों में इसलिए लगाया था, क्योंकि बसों में महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए उनकी जरूरत थी। 10,500 बस मार्शलों को लगभग एक साल से तनख्वाह नहीं मिल रही है और एलजी साहब ने उन्हें नौकरी से हटा दिया है। आम आदमी पार्टी और दिल्ली सरकार लगातार उन बस मार्शलों की बहाली की मांग कर रही है, लेकिन एक साल बाद भी उन मार्शलों को नौकरी पर वापस नहीं रखा गया है। हमारी आज भी यही मांग है कि जिन बस मार्शलों का रोजगार छीना गया है, उनका रोजगार उन्हें वापस दिया जाए। हमने बस मार्शलों की बहाली के लिए दिल्ली विधानसभा में एक प्रस्ताव पास किया है, भाजपा ने भी उसका समर्थन किया है। अब एलजी साहब उनका रोजगार सुनिश्चित करें।
विधानसभा में बस मार्शलों की बहाली को लेकर यह प्रस्ताव हुआ था पारित
निम्नलिखित संशोधित प्रस्ताव सर्वसम्मति से स्वीकार हुआ। यह सदन संकल्प करता है कि डीटीसी बसों में तैनात रहे बस मार्शलों को बहाल किया जाए तथा उनकी सेवाओं को स्थाई रूप से नियमित किया जाए। यह सदन 29 फरवरी 2024 को स्वीकार किए गए संकल्प को दोहराता है। और यह सदन यह भी संकल्पित करता है कि सदन के सभी सदस्य और दिल्ली सरकार के मंत्री बस मार्शलों की तत्काल बहाली और उनके नियमितीकरण के मुद्दे पर जोर देने के लिए 3 अक्टूबर 2024 को उपराज्यपाल से मिलेंगे। यह सदन आगे संकल्प करता है कि संबंधित मंत्री, उपराज्यपाल के साथ बैठक के दौरान इस उद्देश्य के लिए आवश्यक किसी भी दस्तावेज पर हस्ताक्षर करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएंगे।