उत्तराखंड के चर्चित अंकिता भंडारी मर्डर केस में भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री दुष्यंत कुमार गौतम पर आरोप के बाद भी भाजपा और हिंदू संगठनों में छाई चुप्पी को लेकर आम आदमी पार्टी ने सवाल उठाया है। ‘‘आप’’ के दिल्ली प्रदेश संयोजक सौरभ भारद्वाज ने कहा कि इस मामले में भाजपा और हिंदू संगठन चुप क्यों हैं? भाजपा की पुलिस ने यह कभी नहीं बताया कि अंकिता भण्डारी को किस वीआईपी गेस्ट को स्पेशल सर्विस देने के लिए दबाव बनाया जा रहा था। लेकिन अब जब भाजपा की पूर्व विधायक की पत्नी का आरोप है कि उनकी ही पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री दुष्यंत गौतम को स्पेशल सर्विस देने से इन्कार करने पर अंकिता भंडारी की हत्या हुई थी, तो भाजपा सरकार जांच क्यों नहीं करा रही है? धर्म के नाम पर लाठियां निकालने वालों को भी हिन्दू बेटी अंकिता भंडारी को न्याय दिलाने के लिए आवाज उठानी चाहिए।
शुक्रवार को सौरभ भारद्वाज ने कहा कि हम सबको अंकिता भंडारी हत्याकांड याद है। वह पौड़ी गढ़वाल के एक गांव की होनहार बेटी थी, जिसके 12वीं में 88 फीसदी अंक आए थे। उसका होटल मैनेजमेंट में एडमिशन हुआ था, लेकिन कोविड के कारण इसमें देरी हो गई और पिता के पास 45,000 रुपये की फीस भरने के पैसे नहीं थे, इसलिए उसे यह कोर्स छोड़ना पड़ा।
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि मजबूरी में अंकिता ने एक रिसॉर्ट में नौकरी की, जो भाजपा के पूर्व मंत्री के बेटे पुलकित आर्य का था। मुश्किल से 20 दिन नौकरी करने के बाद अंकिता को पता चला कि वहां ‘एक्स्ट्रा सर्विस’ के नाम पर लड़कियों से वेश्यावृत्ति कराई जाती है। अंकिता पर एक ‘वीआईपी गेस्ट’ को ‘स्पेशल सर्विस’ देने का दबाव बनाया गया। यह बात सिर्फ मौखिक नहीं है, बल्कि इसके सबूत मौजूद हैं।
सौरभ भारद्वाज ने बताया कि अंकिता भंडारी के फोन की वॉट्सऐप चौट्स से यह खुलासा हुआ कि वह अपने जानकारों को लगातार बता रही थी कि कैसे पुलकित आर्य, अंकित और सौरभ तीनों मिलकर उस पर दबाव बना रहे थे। उसे वीआईपी गेस्ट को एक्स्ट्रा सर्विस देने के लिए कहा जा रहा था, जिसका वह विरोध कर रही थी। जब वह नहीं मानी, तो उसके साथ जबरदस्ती की गई। आशंका है कि उसका सामूहिक बलात्कार भी हुआ, हालांकि पोस्टमार्टम में इसकी पुष्टि नहीं हो पाई।
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि इसके बाद उस बच्ची को बुरी तरह पीटा गया और हत्या करके नहर में फेंक दिया गया, यह सोचकर कि लाश बह जाएगी। लेकिन लाश नहर के गेट में फंस गई और चार दिन बाद बरामद हुई। अजीब बात यह है कि सबूत मिटाने के लिए वहां की स्थानीय भाजपा विधायक रेनू बिष्ट की मौजूदगी में रिसॉर्ट के एक बड़े हिस्से पर बुलडोजर चलवा दिया गया और आग लगा दी गई, जिससे अंकिता भंडारी का कमरा और महत्वपूर्ण सबूत नष्ट हो गए।
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि पब्लिक रिकॉर्ड में उपलब्ध चौट्स में अंकिता भंडारी ने जिक्र किया था कि एक गेस्ट ने उसे गले लगाने की कोशिश की थी, लेकिन उस गेस्ट का नाम छिपा हुआ था। अब एक बड़ा खुलासा हुआ है। भाजपा के पूर्व विधायक सुरेश राठौर की पत्नी उर्मिला ने सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने बताया कि जिस ‘वीआईपी गेस्ट’ के लिए स्पेशल सर्विस मांगी जा रही थी, वह कोई और नहीं बल्कि भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री दुष्यंत कुमार गौतम हैं।
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि इस पूरे मामले का केंद्र बिंदु यही था कि वह वीआईपी गेस्ट कौन था, जिसके लिए अंकिता भंडारी पर शारीरिक संबंध बनाने का दबाव डाला गया। पुलिस ने जांच में उस वीआईपी गेस्ट के नाम को गायब कर दिया, जबकि पुलकित आर्य के फोन और गवाहियों से आसानी से पता लगाया जा सकता था कि वह व्यक्ति कौन था, जिसकी वासना के लिए एक होनहार बेटी की हत्या कर दी गई।
सौरभ भारद्वाज ने सवाल उठाया कि जब भाजपा से जुड़ी एक महिला ही यह नाम उजागर कर रही है, तो क्या इसकी जांच नहीं होनी चाहिए? क्या यह पता नहीं लगाया जाना चाहिए कि घटना के दिनों में दुष्यंत गौतम कहां थे? क्या वे उत्तराखंड में थे? और अगर वह नहीं थे, तो वह वीआईपी गेस्ट कौन था? भाजपा सरकार इस सच को क्यों छिपा रही है? क्यों सबूत नष्ट करने के लिए रिसॉर्ट को तोड़ा गया?
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि अगर हम अपनी बेटियों के लिए खड़े नहीं हो सकते, तो यह समाज मर चुका है। जो लोग छोटी-छोटी बातों पर धर्म के नाम पर लाठियां लेकर निकल जाते हैं, उन्हें सोचना चाहिए कि अंकिता भंडारी भी एक हिंदू बेटी थी। यह बड़े शर्म की बात है कि उसका परिवार आज भी न्याय के लिए भटक रहा है। हमें अपनी इस बेटी के लिए मजबूती से आवाज उठानी होगी।