आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में लगातार बढ़ते प्रदूषण को लेकर चार इंजन वाली बीजेपी सरकार को आड़े हाथ लिया है। “आप” की मुख्य प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि दिल्ली में प्रदूषण से “हेल्थ इमरजेंसी” जैसे हालात हैं लेकिन बीजेपी सरकार “ऑल इज वेल” बता रही है। लोगों के लिए सरकार को एडवाइजरी जारी करनी चाहिए लेकिन वह तो मैराथन समेत अन्य आयोजन कर लोगों बाहर निकलने को उकसा रही है। पानी का छिड़कने के बाद भी एक्यूआई 700 पार है, क्योंकि रेखा गुप्ता सरकार के पास प्रदूषण कम करने का कोई प्लान नहीं है। हालात ये हैं कि दिल्ली-एनसीआर में सिर्फ बीजेपी की सरकार है, फिर भी वह एक मीटिंग तक नहीं कर पाई है। इनको दिल्ली की जनता के स्वास्थ्य से कोई मतलब नहीं है। इनका पूरा ध्यान हेडलाइन मैनेजमेंट पर है।
रविवार को प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि एक धोखाधड़ी वाली सरकार दिल्ली की सत्ता पर काबिज है, जो ट्रकों से एक्यूआई मीटर पर पानी का छिड़काव कराकर रीडिंग को कम दिखाने की कोशिश कर रही है। इसके बावजूद दिल्ली का एक्यूआई 700 के पार पहुंच गया है। यह स्थिति अब राष्ट्रीय स्वास्थ्य आपातकाल बन चुकी है। दिल्ली एनसीआर का हिस्सा है और आसपास के राज्यों में भी प्रदूषण का असर है। ऐसे में केंद्र सरकार को जिम्मेदार सरकार की तरह व्यवहार करना चाहिए। भाजपा को दिल्ली की सत्ता संभाले 10 महीने से अधिक हो चुके हैं, लेकिन प्रदूषण को लेकर उन्होंने एक भी ठोस कदम नहीं उठाया। न तो उन्होंने एनसीआर के सभी मुख्यमंत्रियों और पर्यावरण मंत्रियों की आपात बैठक बुलाई, न ही कोई स्पष्ट कार्ययोजना बनाई। सर्दियां शुरू हो चुकी हैं और हवा स्थिर रहेगी, ऐसे में प्रदूषण केवल और बढ़ेगा।
प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि भाजपा सरकार जल छिड़काव जैसे दिखावटी कदम उठाकर दिल्लीवासियों को यह संदेश देना चाहती है कि कोई समस्या ही नहीं है। इस समय स्वास्थ्य सलाह जारी करके लोगों से घरों में रहने की अपील करनी चाहिए थी, जैसा कि सभी डॉक्टर कह रहे हैं। लेकिन यह सरकार इसके उलट कर रही है। सरकार कह रही है कि प्रदूषण है ही नहीं, बाहर निकलो। मैराथन आयोजित कर रही है, बड़े-बड़े इवेंट करा रही है। यह जनता के स्वास्थ्य के खिलाफ अपराध है और इस सरकार को इसके लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।
प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि जब दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार थी, तब हमने कई अल्पकालिक और दीर्घकालिक योजनाएं बनाई थीं। उस समय भाजपा हम पर हंसती थी, हमारे प्रयोगों का मजाक उड़ाती थी, लेकिन अंततः सदन में मानना पड़ा कि दिल्ली में प्रदूषण लगभग 40 फीसद कम हुआ था। इस बार पंजाब में भी पराली जलाने की घटनाएं काफी कम हुई हैं। फिर भी केंद्र सरकार और एनसीआर के भाजपा मंत्रियों ने अब तक एक आपात बैठक तक नहीं बुलाई। यह सरासर आपराधिक कृत्य है और इस सरकार को अदालत में जवाब देना चाहिए।
प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि यह सरकार केवल हेडलाइन मैनेजमेंट में व्यस्त रहती है, जनता के स्वास्थ्य से उसे कोई सरोकार नहीं है। निर्माण कार्यों को अनुमति दी रही है। क्या बिल्डर लॉबी की जेबें भरने के लिए ऐसा किया गया? स्कूलों को हाइब्रिड मोड में भी नहीं जाने दिया गया। हर कदम में देरी की गई और ऊपर से यह दिखाने की कोशिश की जा रही है कि कोई समस्या ही नहीं है। एक जिम्मेदार सरकार का काम होता है कि वह जनता को सही स्थिति की जानकारी दे ताकि लोग अपनी दिनचर्या उसी अनुसार बना सकें। लेकिन यह सरकार इसके ठीक विपरीत कर रही है और लोगों के स्वास्थ्य के साथ धोखाधड़ी कर रही है। यही कारण है कि अब दिल्ली की जनता बार-बार सड़कों पर उतरकर इस सरकार के फर्जीवाड़े के खिलाफ प्रदर्शन कर रही है।
अंत में दिल्लीवासियों से अपील करते हुए प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि सब लोग अपने-अपने स्तर पर खुद का ख्याल रखिए, क्योंकि इस सरकार की मानें तो प्रदूषण है ही नहीं। एक्यूआई मीटर पर पानी छिड़कवाना ही इनका समाधान है। आम आदमी पार्टी जनहित के हर मुद्दे को लगातार उठाती रहेगी और इस सरकार से काम करवाने के लिए दबाव बनाए रखेगी।