26 नवंबर को संविधान दिवस पर आम आदमी पार्टी सभी सीएम श्री स्कूलों पर दोबारा डॉ. बाबा साहब अंबेडकर स्कूल ऑफ एक्सीलेंस का बोर्ड लगाकर भाजपा की चाची 420 सरकार को करारा जवाब देगी। वरिष्ठ नेता कुलदीप कुमार ने यह एलान करते हुए देश भर के दलित समाज और बाबा साहब के अनुयायियों से अपील की कि इस मुद्दे पर आवाज उठाएं और बाबा साहब का अपमान करने वाली भाजपा सरकार की निंदा करें। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने डॉ. अंबेडकर स्कूल ऑफ एक्सीलेंस का नाम सीएम श्री करके दलित समाज का अपमान किया है। जबकि केजरीवाल सरकार ने इनको डॉ. अंबेडकर नाम देकर उनकी विद्वता को सम्मान दिया था। सीएम रेखा गुप्ता खुद को बाबा साहब से बड़ी मान रही हैं, लेकिन दिल्लीवाले बाबा साहब का यह अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे।
शनिवार को पार्टी मुख्यालय पर प्रेस वार्ता कर कोंडली से ‘‘आप’’ विधायक कुलदीप कुमार ने कहा कि अरविंद केजरीवाल सरकार ने स्कूल ऑफ एक्सीलेंस कहे जाने वाले दिल्ली के सबसे उत्कृष्ट सरकारी स्कूलों का नाम बाबा साहब डॉ. अंबेडकर के सम्मान में रखा था। यह एक ऐतिहासिक कदम था, जब तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इन शानदार स्कूलों को संविधान निर्माता बाबा साहब के नाम पर दिल्लीवालों को समर्पित किया।
कुलदीप कुमार ने कहा कि बाबा साहब डॉ. अंबेडकर ने भारत के संविधान की रचना की। उन्होंने संविधान में हर नागरिक को समानता, मौलिक अधिकार और बराबरी का अधिकार प्रदान किया। एक साधारण पृष्ठभूमि से निकलकर कठिन परिश्रम से शिक्षा प्राप्त करने वाले बाबा साहब ने 32 डिग्रियां हासिल कीं और नौ भाषाओं के ज्ञाता बने। उन्हें आधुनिक भारत का निर्माता माना जाता है। दिल्ली में केजरीवाल सरकार ने 69 स्कूल ऑफ एक्सीलेंस का नाम बाबा साहब डॉ. अंबेडकर स्कूल ऑफ एक्सीलेंस रखा था, जहां पढ़ने वाला हर बच्चा गौरवान्वित महसूस करता है।
कुलदीप कुमार ने कहा कि पूरा विश्व बाबा साहब को सम्मान देता है। अमेरिका में उनकी 19 फुट ऊंची प्रतिमा स्टैच्यू ऑफ इक्वालिटी के नाम से स्थापित की गई है। कोलंबिया यूनिवर्सिटी में उनकी तांबे की मूर्ति लगी है, लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में उनकी प्रतिमा स्थापित है और जापान से कनाडा तक दुनिया भर में उनके सम्मान में प्रतिमाएं लगाई गई हैं। लेकिन दिल्ली में सत्ता संभालते ही भाजपा की 9 महीने पुरानी सरकार ने इन स्कूलों से बाबा साहब का नाम हटाना शुरू कर दिया।
कुलदीप कुमार ने बताया कि भाजपा का इतिहास दलित समाज और बाबा साहब अंबेडकर के विरोध का रहा है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में खड़े होकर बाबा साहब का अपमान किया था। अब उसी राह पर चलते हुए दिल्ली की भाजपा मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता बाबा साहब के नाम वाले बोर्ड हटाकर अपने नाम से ‘‘सीएम श्री’’ का बोर्ड लगा रही हैं। उन्होंने रोहिणी के एक स्कूल की तस्वीर दिखाते हुए कहा कि बाबा साहब का नाम हटाकर ‘‘सीएम श्री’’ का बोर्ड लगा दिया गया है।
कुलदीप कुमार ने सवाल उठाया कि क्या दिल्ली की मुख्यमंत्री बाबा साहब अंबेडकर से बड़ी हैं? संविधान निर्माता और आधुनिक भारत के निर्माता की तुलना एक मुख्यमंत्री से करना घोर अपमान है। उन्होंने भाजपा को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि 32 डिग्रियों वाले बाबा साहब की तुलना वह ‘‘चाची 420 सरकार’’ से कर रही है। यह वही पार्टी है जिसने 400 सीटें आने पर संविधान बदलने की बात कही थी। सत्ता में आने के बाद इस सरकार ने सरकारी कार्यालयों से बाबा साहब की तस्वीरें हटवाईं और अब स्कूलों से उनका नाम मिटा रही है।
कुलदीप कुमार ने कहा कि भाजपा के लोग बाबा साहब के नाम को मिटा नहीं सकते, वे उनके पैर की धूल के बराबर भी नहीं हैं। दस दिन पहले खिचड़ीपुर के स्कूल में आम आदमी पार्टी ने बाबा साहब का नाम पुनः स्थापित किया था। अब जहां-जहां नाम बदले गए हैं, वहां फिर से बाबा साहब का नाम लगाया जाएगा।
कुलदीप कुमार ने कहा कि 26 नवंबर को संविधान दिवस के अवसर पर आम आदमी पार्टी सभी स्कूलों से ‘‘सीएम श्री’’ के बोर्ड हटाकर पुनः डॉ. बाबा साहब अंबेडकर स्कूल ऑफ एक्सीलेंस के बोर्ड लगाएगी। उन्होंने देश भर के दलित समाज और बाबा साहब के अनुयायियों से अपील की कि इस मुद्दे पर आवाज उठाएं और सत्ता के नशे में बाबा साहब का अपमान करने वाली सरकार की निंदा करें। उन्होंने भाजपा सरकार को चेताया कि दलित समाज और बाबा साहब अंबेडकर का अपमान बंद करें।