आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने भगवंत मान सरकार द्वारा सोमवार को श्री गुरु तेग बहादुर साहिब के 350वीं शहीदी दिवस पर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए श्री आनंदपुर साहिब में विधानसभा का एक दिवसीय विशेष सत्र आयोजित करने और उसमें लिए गए फैसलों को ऐतिहासिक बताया है। उन्होंने कहा कि सोमवार का दिन पंजाब के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में लिखा जाएगा। नवें पातशाह श्री गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी दिवस के अवसर पर श्री आनंदपुर साहिब में आयोजित पंजाब विधानसभा के विशेष सत्र में एक ऐतिहासिक प्रस्ताव पारित हुआ, पंजाब में स्थित तीनों तख़्तों की महान परंपरा और आस्था को सम्मान देते हुए श्री दरबार साहिब, श्री अमृतसर साहिब (गलियारा सहित), श्री आनंदपुर साहिब और श्री दमदमा साहिब (तलवंडी साबो) को ‘पवित्र शहर’ घोषित किया गया है।
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सरकार का यह निर्णय केवल आध्यात्मिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि पंजाब की सांस्कृतिक धरोहर, इतिहास और आने वाली पीढ़ियों की आस्था के संरक्षण के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस अद्वितीय और दूरदर्शी कदम के लिए पंजाब सरकार, सभी सम्मानित विधायकों और पंजाब की समस्त संगत को दिल से बधाई और शुभकामनाएं। श्री गुरु साहिब जी की कृपा से पंजाब सदैव अपनी विरासत, मर्यादा और आध्यात्मिक प्रकाश से जगमगाता रहे।

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि वे खुद को सौभाग्यशाली समझते हैं कि गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी दिवस पर आनंदपुर साहिब आने और समागम में शामिल होने का अवसर मिला। पंजाब सरकार ने पूरे सम्मान और श्रद्धा के साथ यह आयोजन किया है। सोमवार को पहली बार विधानसभा का विशेष सत्र चंडीगढ़ से बाहर आनंदपुर साहिब में हुआ। इस विधानसभा के विशेष सत्र में ऐतिहासिक फैसला लिया गया कि आनंदपुर साहिब, तलवंडी साबो और अमृतसर-आनंदपुर गलियारा को पवित्र नगर का दर्जा दिया जाए। यह न केवल पंजाब के तीन करोड़ लोगों, बल्कि दुनिया भर के करोड़ों लोगों की दशकों पुरानी मांग थी। आज लोगों की आध्यात्मिक और भावनात्मक मांग पूरी हुई है।
अरविंद केजरीवाल ने सभी विधायकों को बधाई दी और कहा कि इन पवित्र नगरों में नशा, तंबाकू और मांस की बिक्री नहीं होगी। इनके विकास के लिए पंजाब सरकार पूरा सहयोग करेगी ताकि ये शहर श्रद्धालुओं के लिए वेटिकन सिटी की तरह अधिक सुंदर और आकर्षक बनें। इसके बाद वे तख्त श्री केसगढ़ साहिब में नतमस्तक होने गए और समागम की समाप्ति तक आनंदपुर साहिब में ही रुकेंगे।
इस दौरान पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सोमवार को मीडिया बातचीत में कहा कि श्री आनंदपुर साहिब में आयोजित पंजाब विधानसभा का एक दिवसीय विशेष सत्र ऐतिहासिक रहा। यह सत्र श्री गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी दिवस समागम के सिलसिले में बुलाया गया था। इस पवित्र सत्र में सभी विधायकों ने गुरु साहिब के बलिदान को विस्तार से याद किया और उनके चरणों में नतमस्तक होकर श्रद्धांजलि अर्पित की। इतिहास में पहली बार पंजाब विधानसभा चंडीगढ़ से बाहर निकलकर श्री आनंदपुर साहिब की पावन धरती पर पहुंची। इसका एकमात्र उद्देश्य गुरु साहिब के महान बलिदान को स्मरण करना, उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित करना और आने वाली पीढ़ियों तक उनकी शिक्षाओं को पहुंचाना था।

भगवंत मान ने कहा कि आज कई दशकों से चली आ रही एक बड़ी मांग पूरी हुई है। पंजाब की पवित्र धरती पर स्थित तीन तख्त श्री अकाल तख्त साहिब (अमृतसर), तख्त श्री केसगढ़ साहिब (आनंदपुर साहिब) और तख्त श्री दमदमा साहिब (तलवंडी साबो) को विधानसभा ने सर्वसम्मति से पवित्र नगर का दर्जा प्रदान कर दिया। इसके साथ ही श्री हरिमंदिर साहिब से श्री आनंदपुर साहिब तक का गलियारा तथा तलवंडी साबो को भी आधिकारिक रूप से पवित्र नगर घोषित किया गया। श्रद्धालुओं की भावना का सम्मान करते हुए इन क्षेत्रों में मांस, मदिरा और तंबाकू की बिक्री नहीं होगी।
भगवंत मान ने कहा कि दुनिया में वेटिकन सिटी एक जगह है जिसे पूरी दुनिया में फैलाया गया है, लेकिन पंजाब की धरती पर तो हर कदम पर वेटिकन है, हर कदम पर कुर्बानियां हैं। इन पवित्र नगरों के विकास, साफ-सफाई और धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पंजाब सरकार खुला फंड मुहैया कराएगी। जब कोई विदेशी या देशी श्रद्धालु आएगा तो वह इन तीनों पवित्र नगरों को देखकर गुरु साहिब की अलौकिक शक्ति का अनुभव करेगा और मन को शांति मिलेगी।
भगवंत मान ने विधानसभा अध्यक्ष कुलतार सिंह संधवां, सभी विधायकों और गैलरी में उपस्थित महापुरुषों, संप्रदायों के प्रमुखों तथा समाजसेवियों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने विशेष रूप से आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल और उनके परिवार का उल्लेख करते हुए कहा कि वे पिछले दो दिनों से समागम में शामिल हैं और कल भोग समाप्ति तक रहेंगे। भगवंत मान ने इसे अपना सौभाग्य बताया कि उन्हें इस सेवा में छोटा सा योगदान देने का अवसर मिला।
भगवंत मान ने कहा कि आज के विधानसभा सत्र में किसी राजनीतिक विषय पर चर्चा नहीं हुई। इसलिए पहले से ही तय किया गया था कि सदन में एक-दूसरे पर कोई तंज या राजनीतिक लड़ाई नहीं होगी। राजनीतिक लड़ाइयां बाद में लड़ लेंगे, लेकिन गुरु साहिब की 350वीं शहादत को राजनीति से ऊपर उठकर मानवता और मानवाधिकारों के लिए किए गए उनके त्याग को साझा श्रद्धांजलि देने का अवसर था।