आम आदमी पार्टी ने आठवीं दिल्ली विधानसभा की विशेषाधिकार समिति द्वारा तथाकथित फांसी घर विवाद पर मीटिंग बुलाने और पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल, पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया, पूर्व स्पीकर राम निवास गोयल व पूर्व डिप्टी स्पीकर राखी बिड़ला को एक और नोटिस जारी करने पर भाजपा सरकार को आड़े हाथ लिया है।
आम आदमी पार्टी ने भाजपा सरकार के इस कदम को कानूनी रूप से असंवैधानिक और राजनीति से प्रेरित बताते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट पहले ही कहा चुका है कि आठवीं विधानसभा की विशेषाधिकार समिति पिछले कार्यकाल के मामलों पर कार्रवाई नहीं कर सकती। इसके बावजूद भाजपा इस तरह के नाटक करने पर अड़ी हुई है, जबकि आज दिल्ली खतरनाक प्रदूषण, सार्वजनिक सेवाओं के पतन और चरमराती सुरक्षा व्यवस्था से जूझ रही है।
‘‘आप’’ ने ज़ोर देकर कहा कि दिल्ली की आठवीं विधानसभा की विशेषाधिकार समिति द्वारा शुरू किया गया फाँसी घर विवाद पूरी तरह से अवैध है। पार्टी ने कहा कि विशेषाधिकार समिति संचार (पीसीसी) में जिस घटना का ज़िक्र किया गया है, वह अगस्त 2022 में दिल्ली की सातवीं विधानसभा के कार्यकाल के दौरान घटी थी। वह विधानसभा फरवरी 2025 में भंग हो गई थी। इसके बावजूद, 09 सितंबर 2025 को आठवीं विधानसभा की विशेषाधिकार समिति ने पूर्ववर्ती विधानसभा के कार्यकाल के दौरान घटी एक घटना पर पीसीसी जारी की।
‘‘आप’’ ने कहा कि सातवीं विधानसभा भंग होने के बाद, उसके विशेषाधिकार और कार्यवाही अगली विधानसभा द्वारा आगे नहीं बढ़ाई जा सकती। पार्टी ने कहा कि दिल्ली की आठवीं विधानसभा, सातवीं विधानसभा के सदस्यों के कार्यों के लिए विशेषाधिकार हनन की कार्रवाई शुरू नहीं कर सकती। पार्टी ने अमरिंदर सिंह बनाम पंजाब विधानसभा (2010) मामले में सर्वाेच्च न्यायालय के फैसले का हवाला दिया और कहा कि इससे विशेषाधिकार समिति की कार्रवाई राजनीति से प्रेरित और कानूनी रूप से अस्थिर हो जाती है।
‘‘आप’’ ने कहा कि आज दिल्ली कई गंभीर चुनौतियों का सामना कर रही है। इसके बाद भी भाजपा शासन व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने को प्राथमिकता देने के बजाय बदले की राजनीतिक के लिए विधायी तंत्र का दुरुपयोग कर रही है। दिल्लीवालों को आज साफ हवा के लिए सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। दिल्ली में प्रदूषण का स्तर इतना अधिक है कि लोगों का सांस लेना मुश्किल हो रहा है। इस संकट से निपटने के लिए विधानसभा की बैठकें बुलाकर इस जन स्वास्थ्य आपातकाल का समाधान करने के बजाय भाजपा सरकार विशेषाधिकार समिति का राजनीतिकरण करने में व्यस्त है। भाजपा की चार इंजन की सरकार ऐसे समय में मोहल्ला क्लीनिक बंद कर रही है, जब प्रदूषण संबंधी बीमारियां और मौसमी फ्लू के मामले बढ़ रहे हैं। बढ़ते प्रदूषण के समय प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधाओं को बंद करना प्रशासनिक लापरवाही को दर्शाता है।
‘‘आप’’ ने कहा कि दिल्ली के कई इलाकों में पानी की भारी किल्लत है, जो पहले से तनाव झेल रहे लोगों की मुश्किलें और बढ़ा रही है। “आप” ने लाल किले के पास हुए विस्फोट को खुफिया तंत्र की विफलता और कानून-व्यवस्था की बदहाली का उदाहरण बताया। जब इन गंभीर मुद्दों का तुरंत समाधान निकाला जाना चाहिए, तब भाजपा विशेषाधिकार समिति को राजनीतिक हथियार बना रही है।
“आप” ने कहा कि दिल्ली विधानसभा जनता की आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करती है और विशेषाधिकार समिति का काम संस्था की गरिमा को बनाए रखना है। दिल्लीवासियों को बेहतर जीवन, बेहतर सुविधाएं और जनकल्याण वाली सरकार चाहिए, न कि राजनीति के लिए जनता का ध्यान वास्तविक मुद्दों से हटाकर किसी और चीज पर केंद्रित करने वाली सरकार चाहिए।
“आप” ने कहा कि आठवीं दिल्ली विधानसभा और उसकी विशेषाधिकार समिति की जनता के प्रति ज्यादा जरूरी और भी जिम्मेदारियां हैं। दिल्ली के हित में भाजपा सरकार को यह बदले वाली भटकाव की राजनीति तुरंत बंद करनी चाहिए क्योंकि यह कोशिश न कानून की अदालत पर टिकेगी और न जनता की अदालत में