आम आदमी पार्टी के दिल्ली प्रदेश संयोजक सौरभ भारद्वाज ने भाजपा सरकार द्वारा 170 और मोहल्ला क्लीनिक बंद करने पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि भाजपा की विपदा सरकार ने सैकड़ों मोहल्ला क्लीनिक बंद कर दिल्ली की स्वास्थ्य व्यवस्था पर बड़ा हमला किया है। सरकार ने अगस्त में 31 और अब 170 मोहल्ला क्लीनिकों को बंद कर सैकड़ों कर्मचारियों को बेरोजगार करने के साथ ही हर रोज करीब 20 हजार लोगों को अपने घर के पास मुफ्त इलाज पाने से वंचित कर दिया है। उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान अरविंद केजरीवाल ने चेताया था कि अगर भाजपा सत्ता में आ गई तो सारी सुविधाएं बंद कर देगी। तब अमित शाह समेत भाजपा के कई बड़े नेताओं ने जनहित की कोई भी योजना बंद नहीं करने का वादा किया था। साथ ही, सीएम रेखा गुप्ता ने भी इन कर्मचारियों को आरोग्य मंदिर में समायोजित करने का वादा किया था, लेकिन वह वादा भी झूठा निकला।
रविवार को पार्टी मुख्यालय पर प्रेस वार्ता कर सौरभ भारद्वाज ने कहा कि एक समय था, जब दिवाली का त्योहार न केवल रोशनी और खुशियों का प्रतीक होता था, बल्कि सरकारी कर्मचारियों के लिए बोनस का अवसर भी होता था। दिवाली के दिन बोनस मिलना आम बात थी, माता-पिता बच्चों के लिए नए कपड़े सिलवाते थे। मिठाइयां बांटी जाती थी, खुशियां बिखरती और लोग नया सामान खरीदते थे, लेकिन भाजपा की इस मनहूस सरकार ने दिल्ली की सत्ता में आने के बाद दिवाली के ही मौके पर सैकड़ों मोहल्ला क्लीनिक कर्मियों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया।
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि पहले भाजपा सरकार ने अगस्त में 31 मोहल्ला क्लीनिक बंद किए और अब 170 अन्य क्लीनिकों को भी बंद करने का फैसला लिया है। यह सब तब हो रहा है जब भाजपा सरकार की पुरानी आदत के मुताबिक चोरी-छिपे कार्रवाई की जा रही थी। सीडीएमओ (चीफ डिस्ट्रिक्ट मेडिकल ऑफिसर) फोन पर मोहल्ला क्लीनिक कर्मियों को नौकरी से हटाने के आदेश दे रहे थे। मल्टी-टास्किंग स्टाफ (एमटीएस) को फोन आता, ‘कल से न आना’ और मौखिक रूप से ही सेवा समाप्त कर दी जाती थी। एक मोहल्ला क्लीनिक में चार लोग कार्यरत होते हैं: एक डॉक्टर, जिसे प्रति मरीज 40 रुपये मिलते हैं; एक फार्मासिस्ट को प्रति मरीज 12 रुपए, एक नर्स को सैंपल प्रति मरीज 10 रुपए और एक एमटीडब्ल्यू को प्रति मरीज 8 रुपये की मामूली राशि मिलती है। यह साधारण-सी आय इन परिवारों का पेट पालती है।
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि भाजपा सरकार ने 200 मोहल्ला क्लीनिक बंद करके सैकड़ों लोगों को बेरोजगार कर दिया। यदि सामान्य अनुमान लगाएं तो एक क्लीनिक में प्रतिदिन 100 से 200 मरीज आते हैं, यानी 200 क्लीनिकों से रोजाना करीब 20 हजार मरीज प्रभावित होंगे। इनमें अरविंद केजरीवाल सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली मुफ्त डॉक्टर परामर्श, मुफ्त दवा और मुफ्त टेस्ट की सुविधा अब उपलब्ध नहीं होगी। यदि मासिक हिसाब करें तो 6 लाख लोग प्रति माह अपने घर के पास के मोहल्ला क्लीनिक में इलाज से वंचित हो जाएंगे।
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि 31 अक्टूबर को जारी ईमेल में इन कर्मचारियों की सेवा समाप्त करने का उल्लेख है। पहले बंद किए गए 31 क्लीनिकों का आदेश 1 सितंबर 2025 का है। ये टर्मिनेशन नोटिस अब इसलिए जारी किए जा रहे हैं क्योंकि पहले मौखिक बर्खास्तगी के खिलाफ कर्मचारी सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल (कैट) पहुंच गए थे। दो दिन पहले कैट ने अपना फैसला रिजर्व कर लिया और संकेत दिया कि कर्मचारियों के पक्ष में निर्णय आ सकता है। इसलिए कैट के फैसले से पहले ही सरकार ने 170 और क्लीनिक बंद कर कर्मचारियों को टर्मिनेशन का नोटिस थमा दिया। नतीजतन, दिल्ली में कुल करीब 200 मोहल्ला क्लीनिक बंद हो चुके हैं।
सौरभ भारद्वाज ने याद दिलाया कि जब भाजपा दिल्ली चुनाव लड़ रही थी, तब पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बार-बार दिल्लीवासियों को चेतावनी दी थी कि यदि ये सत्ता में आ गए तो एक-एक करके मोहल्ला क्लीनिक सहित सारी सुविधाएं बंद कर देंगे। उस समय भाजपा ने इन आरोपों का खंडन किया था। सौरभ भारद्वाज ने कुछ वीडियो क्लिप्स दिखाते हुए कहा कि तब भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा था कि मोहल्ला क्लीनिक बंद नहीं हो रहे। फिर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी कहा कि भाजपा जो कहती है, वह करती है। वीडियो में अमित शाह ने अपने एक कर्मचारी (नौकर) के हवाले से कहा था कि कर्मचारी को फोन आ रहे हैं कि भाजपा सरकार के आने पर जन कल्याण की योजनाएं बंद हो जाएंगी। इस पर अमित शाह ने स्पष्ट किया था कि ‘नरेंद्र मोदी जी ने खुद कहा है कि गरीब कल्याण की एक भी योजना बंद नहीं होगी। यह पत्थर पर लिखी लकीर है।’ सौरभ भारद्वाज ने कहा कि हम जानना चाहते हैं कि अब अमित शाह जी उस कर्मचारी से आंखें कैसे मिलाते हैं। उस कर्मचारी का इंटरव्यू कराया जाए तो पता चले कि आज वह अमित शाह जी के बारे में क्या सोचते हैं, क्योंकि 200 क्लीनिक बंद हो चुके हैं। कहीं रोज-रोज आंख मिलाने से बचने के लिए अमित शाह जी ने उस कर्मचारी को ही बर्खास्त तो नहीं कर दिया है?
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि सीएम रेखा गुप्ता भी कम झूठी नहीं हैं। अगर भाजपा में वह मुख्यमंत्री बनाई गई हैं तो उनको इस झूठ की पूरी कसौटी पर परखा गया है। मोहल्ला क्लीनिक कर्मचारी रेखा गुप्ता के जनता दरबार पहुंचे और गुहार लगाई कि मोहल्ला क्लिनिक बंद हो रहे हैं, हमारी नौकरी बचा लो। हमने क्या गलती की है? तब रेखा गुप्ता ने मीडिया के सामने आश्वासन दिया कि वे चिंता न करें। जहां वे आज काम कर रहे हैं, वहां नया आरोग्य मंदिर बनेंगे। हम पहले मोहल्ला क्लीनिक कर्मचारियों को अवसर देंगे, प्राथमिकता देंगे। लेकिन चार महीने भी नहीं बीते कि आश्वासन भूलकर टर्मिनेशन नोटिस थमा दिया गया। भाजपा का केंद्रीय गृह मंत्री हो या मुख्यमंत्री, सब खुलेआम झूठ बोलते हैं। मोहल्ला क्लीनिक में इलाज कराने पूर्वांचली मरीजों का बड़ा तबका जाता है, जो बिहार चुनाव में वोट डाल रहे हैं।
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि यह सिर्फ मोहल्ला क्लीनिक तक सीमित नहीं है। इसी तरह 10 हजार बस मार्शलों को धोखा देकर बर्खास्त किया गया। निकालने के बाद वादा किया गया कि भाजपा सरकार बनेगी तो 90 दिनों में नौकरी बहाल करेंगे। आज आठ महीने हो चुके हैं, लेकिन भाजपा मंत्री उनसे मिलने तक तैयार नहीं हैं।