आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में बाढ़ से बर्बाद हुई फसलों के लिए किसानों को जल्द मुआवजा देने की मांग की है। वरिष्ठ नेता व विधायक संजीव झा ने कहा कि बाढ़ से बर्बाद फसलों का अभी तक मुआवजा नहीं मिलने से किसान बेहद परेशान हैं। हमारी मांग है कि केजरीवाल सरकार की तरह ही भाजपा सरकार भी किसानों को बर्बाद हुई फसल का 20 हजार रुपए प्रति एकड़ मुआवजा दे। मैंने किसानों को मुआवजा देने की मांग को लेकर सीएम और एलजी को चिट्ठी भी लिखी थी, लेकिन अभी तक जवाब नहीं मिला। दिल्ली में बारिश में एक हजार एकड़ से अधिक फसल बर्बाद हो गई, लेकिन भाजपा सरकार का कोई मंत्री किसानों से मिलने तक नहीं गया।
बुधवार को ‘‘आप’’ मुख्यालय पर प्रेस वार्ता कर संजीव झा ने कहा कि इस बार की बारिश और बाढ़ ने पूरी दिल्ली को डुबो दिया। लगभग डेढ़ महीने बीत चुके हैं। बारिश में किसानों की फसलें बर्बाद हो गईं। कई जगहों पर अभी भी पानी भरा हुआ है, लेकिन दिल्ली के किसानों का दुख सुनने वाला कोई नहीं है। बवाना से मुंडका तक के इलाकों में किसानों ने 1,000 एकड़ से ज्यादा में फसलें पानी में डूब गई हैं। अभी तक सरकार की तरफ से किसानों से कोई मिलने नहीं आया। बेचारे किसान यह भी नहीं जानते हैं कि वह अपनी बात किससे कहें।
संजीव झा ने कहा कि दिल्ली चुनाव के समय भाजपा कहती थी कि केंद्र में उसकी सरकार है। दिल्ली में डबल इंजन की सरकार बन जाएगी तो सारे काम तेजी से होंगे। लेकिन जैसे-जैसे भाजपा के इंजन लगते जा रहे हैं, दिल्लीवालों की परेशानियां बढ़ती ही जा रही हैं। भाजपा के सांसद, विधायक और पार्षद होने के बावजूद किसानों की सुध लेने वाला कोई नहीं है। आम आदमी पार्टी की सरकार में बाढ़ से फसल बर्बाद होने पर किसानों को 20 हजार रुपए प्रति एकड़ मुआवजा मिलता था। घर-घर जाकर किसानों को चौपालों पर बुलाकर मुआवजा वितरित किया गया। फिर सीधे बैंक खातों में मुआवजे का पैसा ट्रांसफर किया गया। पंजाब में भी ‘‘आप’’ की सरकार ने बाढ़ खत्म होते ही किसानों को बुलाकर मुआवजा राशि दिया, जो इतिहास में कभी नहीं हुआ।
संजीव झा ने कहा कि ‘‘आप’’ सरकार में बाढ़ आते ही खेतिहर मजदूरों को तत्काल राहत दी जाती थी, फिर किसानों को मुआवजा मिलता था। लेकिन आज दिल्ली में उलट तश्वीर दिख रही है। मैंने बाढ़ के बाद मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और उपराज्यपाल को चिट्ठी लिखकर बाढ़ व बारिश से हुए नुकसान पर राहत कोष जारी करने की मांग की, जैसा केजरीवाल सरकार करती थी और फिर किसानों को मुआवजा दिया जाए। लेकिन आज तक न चिट्ठी का जवाब आया, न किसी भाजपा मंत्री, मुख्यमंत्री या नेता ने किसानों से मुलाकात की। किसानों को उनके हाल पर छोड़ दिया गया है और किसान परेशान हैं।
संजीव झा ने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता से कहा कि किसान फसलें उगाते हैं तो हमारे घरों तक अनाज पहुंचता है। उन्हें अपने हाल पर न छोड़ा जाए। अरविंद केजरीवाल सरकार की तरह कम से कम प्रति एकड़ 20 हजार रुपए का मुआवजा तो दें। वैसे तो महंगाई बढ़ने से अब इससे अधिक देना चाहिए, लेकिन कम से कम उतना तो मिले। किसानों से तत्काल बात करें, ताकि उन्हें लगे कि उनका कोई पूछने वाला है, उनकी सरकार उनकी बात सुन रही है।
इस दौरान किसान नेता अशोक नैन ने कहा कि अभी किसानों की फसलों को भारी नुकसान हुआ है। दो फसलें बर्बाद हो चुकी हैं। पहले बोई गई फसल पूरी तरह खराब हो गई। अब अगली फसल बोने का समय आ गया, लेकिन हजारों एकड़ जमीन पर अभी भी पानी भरा है, इसलिए कुछ लग ही नहीं सकती। जब आम आदमी पार्टी की सरकार थी, तो अरविंद केजरीवाल ने इतिहास में पहली बार किसानों को घर जाकर, चौपालों पर प्रति एकड़ 20,000 रुपये का मुआवजा दिया। एक साल बाद फिर फसल खराब हुई, तो सीधे अकाउंटों में पैसे ट्रांसफर हो गए।
अशोक नैन ने कहा कि आज बारिश को डेढ़ से दो महीने हो चुके हैं, लेकिन किसान के दिल पर हाथ रखने वाला कोई नहीं है। हजारों एकड़ जमीन में पानी भरा है। चेयरमैन, निगम पार्षद, सांसद, मंत्री-विधायक और मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता सहित सभी भाजपा से हैं। लेकिन किसान की पीड़ा सुनने वाला कोई नहीं है। किसान चीख रहा है, चिल्ला रहा है। किसान परेशान हैं, भाजपा सरकार को मुआवजा बढ़ाकर देना चाहिए। आम आदमी पार्टी ने प्रति एकड़ 20,000 रुपये का मुआवजा दिया था, अब महंगाई के हिसाब से कम से कम 50,000 रुपये प्रति एकड़ का फसल नुकसान मुआवजा दें, ताकि किसानों का भला हो। लेकिन यह सरकार पूरी तरह अनदेखी कर रही है।