आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में क्लाउड सीडिंग के नाम पर फर्जीवाड़ा करने पर भाजपा सरकार को आड़े हाथ लिया। वरिष्ठ नेता व बुराड़ी से विधायक संजीव झा ने कहा कि दिल्ली में भाजपा की लुटेरी सरकार है और दिल्लीवालों को गुमराह कर सरकारी धन लूट रही है। मंगलवार को भाजपा सरकार ने क्लाउड सीडिंग से बारिश होने का खूब ढोल पीटा, लेकिन कहीं बारिश नहीं हुई और 3.50 करोड़ रुपए बर्बाद कर दिए। भाजपा शासित केंद्र सरकार की सीपीसीबी, आईएमडी और सीएक्यूएम ने साफ कहा है कि दिल्ली में कृत्रिम वर्षा नहीं कराई जा सकती। वैज्ञानिकों की राय दरकिनार कर क्लाउड सीडिंग कराने के पीछे भाजपा सरकार की मंशा लोगों का ध्यान भटकाकर पैसा लूटना था। अगर भाजपा की मंशा प्रदूषण खत्म करने की होती तो पेड़ लगाने, एंटी स्मॉग गन, स्प्रिंकलर और स्वीपिंग मशीनों पर पैसा लगाती।
संजीव झा ने कहा कि आज मुझे लगा कि दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने क्लाउड सीडिंग कराई है, उससे बारिश शुरू हो गई है। लेकिन जब छाता लेकर बाहर आया तो पाया कि छत धुली जा रही है ओर उसका पानी जीमन पर गिर रहा है। मनजिंदर सिंह सिरसा ने क्लाउड सीडिंग से बारिश कराने का खूब ढिंढोरा पीटा था। मैं बुराड़ी में था और मुझे लगा कि बारिश शुरू हो गई, लेकिन छत धोई जा रही थी। सरकार द्वारा चार दिन पहले तारीख दी गई कि 29 अक्टूबर को क्लाउड सीडिंग कराई जाएगी और कहीं कहीं बारिश होगी। हालांकि, 27 अक्टूबर को शाम के समय कहीं कहीं वर्षा हुई, तो 28 अक्टूबर को सरकार को लगा कि यदि वर्षा हो जाएगी तो हमें क्रेडिट मिल जाएगा। पहले कह रहे थे कि क्लाउड सीडिंग बुराड़ी क्षेत्र में होगी, लेकिन उसका दायरा बढ़ाकर बुराड़ी, त्रिलोकपुरी, करोल बाग और नरेला तक कर दिया गया ताकि कहीं भी वर्षा हो तो क्रेडिट ले लेंगे। लेकिन दिल्ली में कहीं वर्षा नहीं हुई।
संजीव झा ने कहा कि दिसंबर 2024 में केंद्र सरकार की तीन एजेंसियों सीपीसीबी, आईएमडी और सीएक्यूएम ने कहा कि दिल्ली में कृत्रिम वर्षा कराई ही नहीं जा सकती। वैज्ञानिक कारण बताए और यह भी कहा कि रासायनिक छिड़काव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। तब सवाल उठता है कि इतने दिन क्लाउड सीडिंग का ढिंढोरा क्यों पीटा जा रहा था? पूरी कैबिनेट और मुख्यमंत्री लगातार ढोल पीट रहे थे कि हमने बैठक की है, सारी कृत्रिम वर्षा की तैयारी कर ली, लेकिन केंद्र सरकार के वैज्ञानिकों की राय पर क्यों विचार नहीं किया गया? इसका मतलब भाजपा सरकार की मंशा प्रदूषण खत्म करने की थी ही नहीं। यदि होती तो सबसे पहले इस प्रतिवेदन को विचार में लिया जाता। मंशा ध्यान भटकाने और धन की लूट की थी। इस अभियान में करीब 3.50 करोड़ रुपए खर्च की दी हैं।
संजीव झा ने भाजपा के चुनावी वादों को याद दिलाते हुए कहा कि यदि भाजपा की प्रदूषण कम करने की मंशा होती तो वादों में कहा गया था कि 1,000 से ज्यादा एंटी स्मॉगिंग गन लगाएंगे, जो आम आदमी पार्टी की सरकार में चलती रहती थीं। हजारों की संख्या में जल छिड़काव मशीनें खरीदेंगे। 100 से ज्यादा यांत्रिक सफाई मशीनें खरीदेंगे जो 365 दिन सफाई करेंगी। भाजपा सरकार को नौ महीने हो गए, लेकिन एंटी स्मॉगिंग गन का टेंडर अब खुला है, कहीं नहीं चल रही है। आम आदमी पार्टी की सरकार में यह काम अक्टूबर से शुरू हो जाता था, अब कहीं नहीं चल रहा है। दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 350 के करीब है।
संजीव झा ने कहा कि यदि साढ़े तीन करोड़ रुपये परीक्षण में खर्च हो रहे हैं, तो 1200 से 1500 रुपये में तीन साल की देखभाल वाला एक पेड़ लगता है। इस राशि में हजारों पेड़ लग जाते। कारखानों में 500 से 800 बायो फ्यूल कन्वर्टर आ जाते। अन्य उपायों में धन काम आता। लेकिन ऐसा इसलिए नहीं किया गया क्योंकि या तो यह सरकार नासमझों की टीम है जो अपनी नासमझी में दिल्ली का विनाश कर रही है या लुटेरों की टीम है जो धन लूट रही है और लोगों को गुमराह कर रही है। आम आदमी पार्टी यह चलने नहीं देगी। दिल्ली की जनता ने हमें भाजपा सरकार की पोल खोलने के लिए विपक्ष में भेजा है। यह दिल्ली की जनता की मेहनत की कमाई का टैक्स का पैसा है, किसी के पिताजी का नहीं है। यह मनमाने फिजूलखर्ची पर खर्च करने के लिए नहीं दिया गया है।
संजीव झा ने कहा कि भाजपा सरकार की कैबिनेट के तीन मंत्री लगातार बिहार चुनाव में लगे हैं। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता भी दिल्ली में नहीं हैं। मंत्री आशीष सूद को बिहार में एक विधानसभा का प्रभारी बना दिया गया है। मंत्री पंकज सिंह के पास दिल्ली का परिवहन विभाग है, लेकिन वे भी यहां नहीं हैं। मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा को छोड़कर बाकी सब चुनाव प्रचार में गए हैं। दिल्ली प्रदूषण से कराह रही है, सांस लेना दूभर हो रहा है और पर्यावरण मंत्री यहां झूठा प्रचार करके दिल्ली की जनता के टैक्स के करोड़ों रुपये बर्बाद कर रहे हैं। बाकी मंत्री दिल्ली में नहीं, बिहार चुनाव प्रचार में हैं। इससे समझा जा सकता है कि यह सरकार दिल्ली की जनता के मुद्दों पर कितनी गंभीर है।