आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में छठ पूजा को भव्य बनाने और यमुना को साफ करने को लेकर दावे कर रही भाजपा की पोल खोल कर रख दी। “आप” के दिल्ली प्रदेश संयोजक सौरभ भारद्वाज ने कहा कि भाजपा सरकार छठ पूजा को लेकर इतनी सारी कोशिशें सिर्फ बिहार चुनाव में वोट लेने के लिए कर रही है। चूंकि अरविंद केजरीवाल ने छठ आयोजन को लेकर इतनी लंबी लकीर खींच दी है कि अगर भाजपा नहीं करेगी तो बिहार चुनाव में उसे करारा जवाब मिलेगा। भाजपा ने यमुना की सफाई को लेकर भी पूर्वांचल के लोगों को धोखा दिया है। केमिकल के छिड़काव के बाद भी यमुना में जहरीला झाग बना हुआ है। उन्होंने कहा कि एक बार फिर भाजपा ने माना लिया है कि केजरीवाल को ही सरकार चलाने आती है, उसे नहीं। कांवड़ के दौरान भाजपा ने “आप” सरकार पर आरोप लगाया था कि टेंट लगाने में कमीशन लिया गया, लेकिन अब वो खुद छठ पूजा मे टेंट लगवाएगी। ऐसे भाजपा को बताना चाहिए कि क्या उसे टेंट वालों से कमीशन मिल गया है?
बुधवार को पार्टी मुख्यालय पर विधायक संजीव झा और विनय मिश्रा के साथ प्रेस वार्ता कर अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने कहा कि भाजपा 30 साल से गुजरात में सरकार है। महाराष्ट्र में भी भाजपा की सरकार रही, जहां दिल्ली के बराबर ही पूर्वांचली भाई-बहन रहते हैं। लेकिन वहां भाजपा ने छठ के लिए उतनी कोशिशें नहीं की, जितनी दिल्ली में कर रही है। दिल्ली में बड़े स्तर पर छठ की तैयारी करने के पीछे भाजपा के दो बड़े कारण हैं। पहला, अरविंद केजरीवाल ने इतनी लंबी लकीर खींच दी है कि अगर भाजपा मोहल्ला क्लीनिक की तरह ये छठ पूजा के आयोजन को भी बंद करेगी तो दो हफ्ते बाद बिहार के चुनाव में इसका असर दिखेगा और भाजपा को वोट नहीं मिलेगा। दूसरा, भाजपा दिल्ली के लोगों से झूठ बोल रही है कि उसने यमुना को साफ कर दिया है, जबकि आज भी यमुना में प्रदूषण और झाग पहले की तरह ही है।
सौरभ भारद्वाज ने बुधवार सुबह 5:45 बजे यमुना की ली गई एक वीडियो दिखाते हुए कहा कि तीन दिन पहले मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता यमुना पर गईं और उन्होंने डिफोमिंग एजेंट का छिड़काव करवाया और कहा कि हमने यमुना को साफ कर दिया। आम आदमी पार्टी ने तब भी कहा था कि इन्होंने यमुना को साफ नहीं किया है, सिर्फ झाग को साफ किया है। ये वही केमिकल है, जिसे पहले “आप” सरकार इस्तेमाल करती थी तो भाजपा वाले कहते थे कि यमुना में जहर मिलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि केमिकल के छिड़काव के बाद भी अभी यमुना में झाग साफ दिख रहा है।
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि भाजपा वाले दो तरह से दिल्लीवालों के साथ छल कर रहे हैं। पहला, जिस केमिकल को ये जहर बताया करते थे, आज उसी का स्प्रे कर रहे हैं। दूसरा छल एक महापाप है। इन्होंने पिछले 10-11 साल से पूर्वांचलियों के साथ बेईमानी की। भाजपा इतनी निम्न स्तर की राजनीति करती है कि कोई सोच भी नहीं सकता। पिछले कई वर्षों तक भाजपा ने एक षड्यंत्र के तहत पूर्वांचलियों को यमुना के किनारे छठ मनाने के लिए तरसाया। हर साल छठ से पहले हरियाणा के हथिनीकुंड बांध से यमुना में अतिरिक्त पानी छोड़ा जाता था। इससे नजफगढ़ नाले का प्रदूषित पानी डाइल्यूट हो जाता था, प्रदूषण कम हो जाता था और झाग कम होने से पानी छठ मनाने लायक हो जाता।
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि अरविंद केजरीवाल की सरकार में भी कुछ सालों तक ऐसा ही चलता रहा लेकिन भाजपा के नए एलजी विनय सक्सेना ने आते ही हरियाणा की भाजपा सरकार के साथ षड्यंत्र करके हर साल यमुना का पानी रोका। सिर्फ इसलिए कि यमुना का पानी कम हो जाए, नजफगढ़ नाले का प्रदूषण ज्यादा फैले और झाग बढ़ें, ताकि पूर्वांचली भाई-बहन यमुना के किनारे छठ न मना सकें। भाजपा इस तरह की गंदी मानसिकता वाली पार्टी है। उन्होंने एक पीडीएफ दिखाते हुए कहा कि हथिनीकुंड बांध पर तय होता है कि कितना पानी उत्तर प्रदेश जाने वाले कैनाल में जाएगा और कितना यमुना में जाएगा। मंगलवार से भाजपा कैनाल फ्लो जीरो कर दिया है। उत्तर प्रदेश के किसानों को पानी न मिले, लेकिन प्रोपगैंडा के लिए सारा पानी यमुना में डाइवर्ट कर दिया। यमुना में पानी का बहाव पूरा हो, जबकि ईस्टर्न कैनाल सुख गई है। वहां से दिल्ली पानी पहुंचने में तीन दिन लगते हैं, यानी गुरुवार सुबह तक यमुना साफ दिखेगी। फिर ये लोग यमुना पर डिफोमिंग एजेंट स्प्रे करेंगे और झाग खत्म हो जाएगा। यही भाजपा का षड्यंत्र है।
सौरभ भारद्वाज ने आगे कहा कि इस साल कावड़ शिविर लगाने से पहले भाजपा ने कई प्रेस वार्ता कर केजरीवाल सरकार को गालियां दीं और कहा कि पिछली सरकार कावड़ शिविर के टेंट लगाने में कमीशन खा जाती थी। इसलिए टेंट लगवाए जाते थे और टेंट वाले को पैसे देकर कमिशन लिया जाता था और यह बहुत बड़ा भ्रष्टाचार था। लिहाजा भाजपा सरकार यह काम नहीं करेगी। वह इसके बजाय डीबीटी (डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर) करेगी और कांवड़ शिविर वालों को पैसा दे देगी। इसके तहत सरकार उन्हें यह छूट देगी कि वे लाइट, टेंट आदि खुद से लगाएं और सरकार उन्हें पैसा दे देगी। लेकिन तीन महीने में भाजपा को पता चल गया कि अरविंद केजरीवाल को ही सरकार चलानी आती है, इन्हें नहीं आती। इन्हें तीन महीने में पता चल गया कि अरविंद केजरीवाल सही थे। अब ये लोग अरविंद केजरीवाल की तरह ही छठ पूजा में टेंट, लाइट, साउंड सीधा टेंट वालों से लगवा रहे हैं। डीबीटी स्कीम एक बार करके इन्होंने वापस ले ली। तो क्या अब भाजपा वाले भ्रष्टाचारी हो गए? या कमीशन मिल रहा है? क्या उन्होंने अब पैसा तय कर लिया? तीन महीने पहले तो यही भ्रष्टाचार बताकर गालियां दे रहे थे। तो अब ये लोग खुद ये काम क्यों कर रहे हैं? इन्हें तो यह काम नहीं करना चाहिए था क्योंकि इसी काम के लिए इन्होंने केजरीवाल सरकार को गालियां दी हैं। ये कथनी-करनी का फर्क दिखाता है।
इस दौरान संजीव झा ने कहा कि भाजपा की सरकार हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र और गुजरात जैसे राज्यों में है, जहां बड़ी संख्या में पूर्वांचली रहते हैं, लेकिन वहां छठ पूजा के लिए कोई अनुदान नहीं दिया जाता। दिल्ली में भी 1993 में भाजपा की सरकार थी, तब एक भी जगह छठ पूजा आयोजन के लिए अनुदान नहीं मिलता था। कांग्रेस सरकार ने केवल 60 जगहों पर अनुदान दिया, लेकिन आम आदमी पार्टी की सरकार आने पर पूरे दिल्ली में लगभग 1,000 जगहों पर छठ पूजा का आयोजन कर अनुदान दिया गया। न केवल अनुदान दिया, बल्कि टेंट, लाइट, एंबुलेंस, डॉक्टर, कैमरा, सिक्योरिटी, साफ-सफाई सहित सभी व्यवस्थाएं केजरीवाल सरकार ने की।
संजीव झा ने कहा कि दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि हम हर जिले में एक मॉडल घाट बनाएंगे। लेकिन आम आदमी पार्टी की सरकार में दिल्ली की सभी विधानसभाओं में मॉडल छठ घाट थे। अगर भाजपा भव्य आयोजन कर रही है, तो सभी 70 विधानसभाओं के मॉडल घाटों को घटाकर मात्र 12 क्यों बना रहे हैं? 2019 तक दिल्ली सरकार यमुना के घाटों पर लाखों लोगों के साथ छठ पूजा कराती थी। कोरोना के दौरान 2021 में पूरे देश में गंगा-यमुना के किनारे छठ पूजा हुई, लेकिन दिल्ली में डीडीएमए ने रोका।
संजीव झा ने 2021 की एक चिट्ठी दिखाते हुए कहा कि दिल्ली के तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एलजी को लिखकर कहा कि था कि दिल्ली के लोग बड़ी आस्था से छठ पूजा मनाते हैं। यह त्योहार हमारी वैदिक संस्कृति का हिस्सा है। छठ पूजा से स्वास्थ्य, समृद्धि और सुख मिलता है। पिछले तीन महीनों से कोविड नियंत्रण में है। मेरा विचार है कि कोविड प्रोटोकॉल के साथ छठ पूजा की अनुमति दे देनी चाहिए क्योंकि उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान जैसे राज्यों ने भी अनुमति दी है। तब एलजी डीडीएमए के अध्यक्ष थे और उन्होंने पूजा रोक दी। तब से हर साल डीडीएमए ने यमुना किनारे छठ पूजा रोकी। अब भाजपा सरकार ने अनुमति दी, लेकिन आम आदमी पार्टी से बदला लेते-लेते पूर्वांचलियों की आस्था के सबसे महापर्व छठ पूजा से भी बदला ले लिया।
संजीव झा ने बताया कि हमारे धर्मशास्त्र में कहा गया है कि पूजा में बाधा डालने वाला राक्षस होता है और भाजपा खुद को सनातन रक्षक कहती है। इसलिए मैं रेखा गुप्ता जी और भाजपा नेताओं से पूछता हूं कि जो पांच-छह साल तक पूर्वांचलियों को यमुना किनारे पूजा से वंचित रखा गया, इन सबके जिम्मेदार वह क्यों नहीं हैं? इनकी राजनीतिक पद्धति ऐसी है कि ये धर्म-सनातन की बात तो करते हैं, लेकिन इनके लिए धर्म-सनातन सिर्फ सत्ता में आने का हथकंडा है इनके लिए यह कुछ भी नहीं है। कोई सनातनी छठ पूजा में विघ्न कैसे डाल सकता है? यह काम तो कोई राक्षस ही कर सकता है और इन्होंने पूर्वांचलवासियों को लगातार पांच साल तक पूजा से वंचित रखा। इसलिए आम आदमी पार्टी रेखा गुप्ता सरकार से यह मांग करती है कि अरविंद केजरीवाल सरकार की तरह सभी 1,000 घाटों पर टेंट, लाइट, एंबुलेंस, सिक्योरिटी, साफ-सफाई सहित पूर्ण व्यवस्थाएं व सुविधाएं दी जाएं ताकि कोई छठ व्रती दिक्कत न झेले। छठ पूजा भाजपा की गंदी राजनीति की भेंट न चढ़े।
संजीव झा ने बताया कि भाजपा कह रही है कि पिछली सरकारों में यमुना किनारे पूजा करने वालों पर एफआईआर हुई, अब भाजपा सरकार उसे वापस लेगी। लेकिन एफआईआर करने वाली दिल्ली पुलिस केंद्र सरकार के पास है। ये बहुत गंदे और नीच लोग हैं। 2021-22-23 में भाजपा सांसद ने लोग ले जाकर पूजा कराई, फिर अपनी ही पुलिस से एफआईआर कराई। अब कहते हैं कि वापस लेंगे। ये गंदी सोच दिखाता है। उम्मीद है कि इस बार छठ मैया की पूजा इनकी गंदी राजनीति और मानसिकता का शिकार न हो।
वहीं, आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता व पूर्व विधायक विनय मिश्रा ने कहा कि भाजपा की पूर्वांचलियों के प्रति नफरत आज से नहीं, बल्कि इनके इतिहास में गहरी जड़ें हैं। इनके पूर्व मेयर योगेश गुप्ता ने बाकायदा चिट्ठी लिखकर कहा था कि यूपी-बिहार के लोगों को दिल्ली आने से रोकना चाहिए, क्योंकि इनके तौर-तरीके भद्दे होते हैं और ये दिल्ली में गंदगी पैदा करते हैं। महाराष्ट्र में जब पूर्वांचल के लोग परीक्षा देने जाते थे, तो उन्हें पीटकर भेजा जाता था। इनके नेता विजय जॉली ने प्रस्ताव निकाला कि दिल्ली यूनिवर्सिटी में बिहार-यूपी के छात्रों को एडमिशन न दिया जाए, क्योंकि लोकल लोगों को सीटें कम मिल रही हैं। यह इनके डीएनए में पूर्वांचलियों से नफरत है। यह कोई नई बात नहीं है। दिल्ली में भाजपा की नई सरकार बनी है, इसलिए ये लोग नाटक कर रहे हैं।
विनय मिश्रा ने कहा कि मुझे अच्छे से याद है, हर छठ से पहले मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में बैठक होती थी। सभी छठ समितियों को सचिवालय बुलाया जाता, डिविजनल कमिश्नर मौजूद रहते। मुख्यमंत्री समितियों से राय-मशवरा लेते और भव्य छठ आयोजन की तैयारी करते। एक ऐसी बैठक याद है, जिसमें संजीव झा और मैं भी थे। संजीव झा ने पुरजोर तरीके से यह बात उठाई थी कि यमुना किनारे छठ पूजा की अनुमति दी जाए। हमने भी समर्थन किया। लेकिन तत्कालीन डिविजनल कमिश्नर ने साफ मना कर दिया और कहा कि मुझे एलजी का आदेश है, नहीं करने देंगे। एलजी भाजपा के थे और गृह मंत्रालय भी इन्हीं का था। आज ये झूठे घड़ियाली आंसू बहाकर नाटक कर रहे हैं। पूर्वांचली भाइयों से इनका कोई प्यार नहीं है।
विनय मिश्रा ने कहा कि ऐसे उदाहरण सिर्फ यमुना तक सीमित नहीं हैं। मेरी विधानसभा में फॉरेस्ट लाइन पर 2020 से पहले छठ पूजा होती थी। इन्होंने एनजीटी का हवाला देकर बंद करा दिया। अब वही भाजपा छठ दोबारा शुरू कराने जा रही है। पूर्वांचलियों को सालों परेशान किया, अब नाटक कर रहे हैं कि आंसू बहाकर प्यार जता रहे हैं। मैं मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता से कहना चाहता हूं कि हमें बेवकूफ न समझें। अरविंद केजरीवाल की तरह भव्य तैयारी करें। हर विधानसभा में मॉडल घाट बनाएं। छठ समितियों और छठ व्रतियों की सारी मांगें पूरी करें। सरकार इनको सभी सुविधाएं मुहैया कराए।