आम आदमी पार्टी के दिल्ली प्रदेश संयोजक सौरभ भारद्वाज ने दिवाली की रात का प्रदूषण का डेटा चोरी करने पर भाजपा सरकार पर तीखे हमले किए। उन्होंने कहा कि सीपीसीबी, डीपीसीसी, आईएमडी, आईआईटीएम के प्रदूषण निगरानी यंत्र दिवाली की रात कैसे बंद हो गए? दिल्लीवाले सरकार के फर्जी आंकड़ों पर भरोसा कर बाहर निकल सकते है और उनकी तबियत बिगड़ सकती है, लेकिन भाजपा को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। सरकारी स्तर पर प्रदूषण का डेटा चोरी करना न सिर्फ अपराध है, बल्कि कोर्ट के आदेश की भी अवमानना है। अगर सरकार सही डेटा कोर्ट के सामने रखती तो प्रदूषण कंट्रोल के उसके सारे दावों की पोल खुल जाती। उन्होंने कहा कि दिल्ली के प्रदूषण के लिए पंजाब के सिख किसानों पर आरोप लगाने वाले भाजपा के मंत्री को भी अब माफी मांगनी चाहिए। क्योंकि पंजाब में इस साल पराली जलाने के सिर्फ 415 केस आए हैं और विशेषज्ञ भी कह रहे हैं कि दिल्ली के प्रदूषण में पराली का असर सिर्फ एक फीसद है।
बुधवार को पार्टी मुख्यालय पर प्रेस वार्ता कर सौरभ भारद्वाज ने कहा कि बुधवार को सभी अखबारों खबरें हैं कि भाजपा सरकार ने प्रदूषण के डेटा में बड़े स्तर पर फर्जीवाड़ा और चोरी की। उन्होंने सवाल किया कि जैसे-जैसे दिवाली की रात प्रदूषण बढ़ने लगा, वैसे-वैसे सरकार के प्रदूषण निगरानी स्टेशन अपने आप बंद कैसे हो गए? दिल्ली में एक्यूआई पर नजर रखने के लिए सीपीसीबी, डीपीसीसी, आईएमडी और आईआईटीएम सहित चार संस्थाओं के स्टेशन लगाए गए है। दिवाली की रात इन संस्थाओं के लगे दर्जनों मॉनिटरिंग स्टेशन बंद हो गए और सुबह हवा चलने तक बंद रहे। जब हवा चली, तब उन्हें फिर चालू किया गया। यह खुलेआम बेइमानी और डेटा की चोरी है। भाजपा सरकार ने प्रदूषण का डेटा चोरी कर अपनी ही दिल्ली की जनता के साथ बेइमानी की।
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि भाजपा के लोग एक्यूआई को कम बताकर दिल्ली में रहने वाले सांस की बीमारियों व ब्रोंकाइटिस, अस्थमा, निमोनिया से ग्रस्त भोले-भाले लोगों को बेवकूफ बना रहे हैं। दिल्ली के लोग सोचते हैं कि दिल्ली सरकार कह रही है 350 या 320 है तो मॉर्निंग वॉक कर लें, काम पर जाएं, बच्चों को स्कूल भेज दें। लेकिन असल में एक्यूआई तो बहुत ज्यादा था। भाजपा आंकड़ों के साथ छेड़छाड़ कर रही है। जब रात को नेहरू नगर स्थित प्रदूषण निगरानी स्टेशन पर एक्यूआई की राइडिंग 1763 आई, तो उसे बंद कर दिया गया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सिरी फोर्ट पर सरकारी एक्यूआई 350 दिखा रहा था, जबकि मोबाइल फोन में अंतरराष्ट्रीय ऐप्स 1700 दिखा रहे थे। 350 और 1700 में पांच गुना का फर्क है।
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि हर घंटे की एक्यूआई की रीडिंग के औसत से पूरे दिन का एक्यूआई निकाला जाता है। जब सरकार इसमें से एक्यूआई की बड़ी रीडिंग ही हटा देगी तो फिर औसत एक्यूआई अपने आप कम हो जाएगा। भाजपा ने दिल्ली की जनता को बेवकूफ बनाने और अपनी वाहवाही के लिए प्रदूषण का डेटा चोरी किया। उन्होंने कहा कि 350 से ज्यादा एक्यूआई होने पर ग्रैप-3 लागू होना चाहिए था, पाबंदियां आनी चाहिए थीं। लेकिन सीएक्यूएम ने अभी तक ग्रैप-3 लागू नहीं किया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि दिल्ली सरकार को प्रदूषण की निगरानी करके रिपोर्ट देनी होगी। लेकिन अगर सरकार ने डेटा के साथ ही फर्जीवाड़ा कर दिया, तो उसने साफ तौर पर कोर्ट की अवमानना की है। सरकार ने सही एक्यूआई न बताकर आपराधिक कृत्य किया। भाजपा सरकार चाहती है कि लोग बीमार हों, अस्पताल में भर्ती हो,कोई मर जाए, लेकिन सरकार को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है। सरकार के स्तर पर प्रदूषण का डेटा चोरी करना एक गंभीर अपराध है।
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली में बढ़े प्रदूषण के लिए सिर्फ भाजपा सरकार का निकम्मापन जिम्मेदार है। इसके लिए पंजाब के सिख किसानों को दोषी बताने वाले भाजपा के मंत्री को उन किसानों से माफी मांगनी चाहिए। भाजपा के मंत्री की यह शर्मनाक सोच है कि सिख किसान हिंदू त्योहार दिवाली को बदनाम करने के लिए पराली जला रहे थे। इसके लिए उन्हें पंजाब के सिखों और हिंदुओं के लिए अपनी जान की कुर्बानी देने वाले सिख गुरुओं से माफी मांगनी चाहिए।
सौरभ भारद्वाज ने पंजाब में पराली जलने की घटनाओं का डेटा दिखाते हुए कहा कि 2021 में पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार नहीं थी। तब कांग्रेस की सरकार थी और उस समय 15 सितंबर से 21 अक्टूबर तक 4,327 पराली जलाने के मामले आए थे। वहीं, आम आदमी पार्टी की सरकार में 2025 में पराली जलाने की घटनाएं घटकर 10 फीसद से भी कम हो गई हैं। 15 सितंबर से 21 अक्टूबर 2025 तक मात्र 415 घटनाएं पराली जलाने की सामने आई है। यानी बीते डेढ़ महीने में मात्र 400 मामले ही सामने आए। फिर भी भाजपा के लोग कहते हैं कि पंजाब में पराली जलने से दिल्ली का प्रदूषण बढ़ा। जबकि वैज्ञानिकों ने भी माना हैं कि पंजाब, उत्तर प्रदेश और हरियाणा की पराली का मिलाकर भी दिल्ली के प्रदूषण में मात्र एक फीसद ही असर है। सच्चाई ये है कि भाजपा की सरकार न सिर्फ निकम्मी है, बल्कि बेईमान, छल-कपट करके अपने ही लोगों से झूठ बोलने और अपने फायदे के लिए सिखों को बदनाम करने वाली सरकार है। इस सरकार की जितनी निंदा की जाए, उतनी कम है।