िल्ली नगर निगम में आम आदमी पार्टी के नेता प्रतिपक्ष अंकुश नारंग ने अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर बैठे एमटीएस कर्मचारियों से मंगलवार को मुलाकात कर उनकी आवाज बुलंद की। उन्होंने कहा कि दीपावली के दिन भी 5,200 कर्मचारी अपने छोटे बच्चों के साथ सड़क पर हड़ताल पर रहे। भाजपा की सीएम रेखा गुप्ता और मेयर राजा इकबाल सिंह ने उनकी जायज मांगों पर चुप्पी साध ली है। उल्टा मंगलवार को कमला मार्केट थाना प्रभारी और एसीपी को भेज कर कर्मचारियों पर आंदोलन को खत्म करने का दबाव बनाया गया। पुलिस ने कर्मचारीयों को हड़ताल न खत्म करने पर कानूनी कार्रवाई करने की धमकी दी है। उन्होंने कहा कि भाजपा हमेशा से यही करती आई है। अगर कोई भी सच या अपने अधिकार की आवाज़ उठाएं तो उसे पुलिस, सीबीआई और ईडी भेज कर गिरफ्तार करा लो और सच बोलने वालों को जेल भेज दो।
अंकुश नारंग ने कहा कि बाबासाहेब अंबेडकर ने कहा था कि शिक्षित बनो, संगठित रहो और संघर्ष करो। एमटीएस कर्मचारियों ने इन तीनों बातों को चरितार्थ कर दिखाया। पिछले मंगलवार को सदन में आम आदमी पार्टी के पार्षद काली पट्टी बांधकर गए थे। हमने स्पष्ट कहा था कि यह दिवाली काली दिवाली है, क्योंकि कर्मचारी खुश नहीं हैं। दिल्ली की जनता को हो रहा नुकसान महापौर के अहंकार का परिणाम है।
अंकुश नारंग ने कहा कि भाजपा सरकार द्वारा गठित कमेटी तो झुनझुना मात्र है। जो व्यक्ति समाधान करना चाहे, वह तत्काल हल निकाल लेता है। कमेटी भी तो वही तीन मांगें ही रखेगी। कर्मचारी समान काम के लिए समान वेतन चाहते हैं। साथ ही, वे 30 वर्ष से सेवा दे रहे हैं, इसलिए अन्य संविदा कर्मचारियों को मिलने वाली मेडिकल सुविधा इन्हें भी दी जाए। इसके अलावा मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया जैसी बीमारियों के प्रति ये सबसे अधिक संवेदनशील हैं। यदि किसी कर्मचारी या उसके परिवार के सदस्य की दुर्भाग्यवश मृत्यु हो, तो सहानुभूति आधार पर अनुदान दिया जाए।
अंकुश नारंग ने बताया कि कर्मचारियों को एक समान वेतन देने से एमसीडी पर मासिक 5 करोड़ तथा वार्षिक 60 करोड़ रुपए का अतिरिक्त भार पड़ेगा। भाजपा की चार इंजन वाली सरकार में पैसे की कमी नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं कि कर्मचारी जनता से पहले हैं। फिर 60 करोड़ रुपए क्यों नहीं दिए जा सकते? उन्होंने कहा कि एक तरफ भाजपा वाले दिवाली मना रहे हैं, दूसरी तरफ कर्मचारी सड़क पर बैठे हैं। ये कर्मचारी गरीब हैं, मजदूर हैं, बिना समर्थन के हैं, इसलिए भाजपा के लोगों को मिलने का समय नहीं मिलता। जबकि बड़े ठेकेदार या बिल्डर आते हैं तो दरवाजा खुद खोलते हैं।
अंकुश नारंग ने कहा कि दिल्ली की जनता ने भाजपा को सातों सांसद, 48 विधायक तथा निगम पार्षद चुनकर दिए। इन्हीं की वजह से एमसीडी में महापौर व स्टैंडिंग कमेटी के चेयरमैन भाजपा के लोग बने। मैंने स्वयं तीन मांगों वाला प्राइवेट बिल सदन में रखा। महापौर ने कहा, दोबारा दीजिए। मैंने दिया, लेकिन उन्होंने उसे प्लेस ऑन टेबल नहीं किया। मेयर को सिविक सेंटर से बाहर आकर कर्मचारियों से मिलने में क्या परेशानी आ रही है? क्या ऐसा करने पर भाजपा उन्हें पार्टी से बाहर कर देगी? यदि कर्मचारी खुश नहीं होंगे, तो जनता वैसे ही उन्हें सत्ता से बाहर कर देगी।
अंकुश नारंग ने कहा कि भाजपा के लोग कर्मचारियों से मिलने के बाद कहते हैं कि तीन घंटे में फैसला बता देंगे। तीन घंटे छोड़िए, 23 दिन हो चुके हैं, फिर भी फैसला नहीं निकला। मैं 26 सितंबर को कह रहा था कि 29 सितंबर से कर्मचारी स्ट्राइक पर जा रहे हैं। तीन दिन बाकी हैं, मिल लीजिए। 10 मिनट में समाधान निकल जाएगा और मैं भी साथ बैठ जाऊंगा। आज इतने सारे कर्मचारी, इतने परिवार सड़क पर बैठे हैं, लेकिन महापौर के पास 10 मिनट भी नहीं हैं।
अंकुश नारंग ने कहा कि आम आदमी पार्टी कर्मचारियों की आवाज को सदन में 100 फीसद बुलंद कर रही है। कर्मचारियों का संघर्ष व्यर्थ नहीं जाएगा। इस बार आर-पार की लड़ाई है और सबकी सारी मांगें मान ली जाएंगी। जितनी मजबूती से कर्मचारी यहां आवाज उठा रहे हैं, उतनी ही मजबूती से आम आदमी पार्टी के पार्षद सदन में उनकी आवाज उठाएंगे। सदन में कर्मचारियों के साथ 100 फीसद न्याय होगा। आंदोलन करने से न कोई पुलिस रोक सकती है, न महापौर या कोई भाजपा नेता। सबसे पहले मुझे उठाकर ले जाना होगा।