दिल्ली नगर निगम में आम आदमी पार्टी के नेता प्रतिपक्ष अंकुश नारंग ने एमसीडी के प्राइमरी स्कूलों में शिक्षा के अधिकार से वंचित विशेष जरूरत वाले बच्चों को लेकर भाजपा को आड़े हाथ लिया है। उन्होंने कहा कि भाजपा को इन विशेष जरूरत वाले छात्रों के विकास से कोई लेना-देना नहीं है। निगम के 1514 प्राइमरी स्कूलों में सिर्फ 1460 स्पेशल टीचर हैं और 55 स्कूलों में विशेष जरूरत वाले बच्चों को पढ़ाने के लिए एक भी टीचर नहीं है। भ्रष्टाचार में डूबी भाजपा सरकार ने नियमों को दरकिनार कर कई स्कूलों में दो-दो स्पेशल टीचर तैनात कर दिया है। जहां 5 से कम या एक भी विशेष जरूरत वाला बच्चा नहीं है, वहां भी स्पेशल टीचर तैनात हैं, जबकि 55 स्कूल खाली पड़े हैं। एक तरफ विशेष जरूरत वाले बच्चे शिक्षा से वंचित हैं और दूसरी तरह भाजपा स्पेशल टीचरों से क्लर्क का काम ले रही है।
शनिवार को ‘‘आप’’ मुख्यालय पर प्रेसवार्ता कर एमसीडी के नेता प्रतिपक्ष अंकुश नारंग ने कहा कि दिल्ली में भाजपा की चार इंजन सरकार है, फिर एमसीडी में भ्रष्टाचार लगातार बढ़ता जा रहा है। भाजपा सरकार एमसीडी में शिक्षा समेत सभी समिति बनने के बाद भी कुछ काम नहीं कर पाई है। दिल्ली में एमसीडी के 1514 प्राइमरी स्कूल हैं। इन स्कूलों में विशेष जरूरत वाले बच्चों (सीडब्ल्यूएसएन) को पढ़ने के लिए स्पेशल टीचर होने चाहिए। आज इन स्कूलों में 1514 स्पेशल टीचर के बजाय सिर्फ 1460 टीचर ही हैं। ऐसे में 55 स्कूलों में स्पेशल टीचर के पद खाली हैं। यह भी बड़ी अजीब बात है कि कई प्राइमरी स्कूलों में सीडब्ल्यूएसएन छात्रों को बढ़ाने के लिए एक के बजाय दो-दो स्पेशल टीचर तैनात हैं। जबकि सिर्फ एक ही स्पेशल टीचर रखने का नियम है।
अंकुश नारंग ने जिन स्कूलों में दो-दो स्पेशल टीचर लगाए गए हैं, उनके नाम भी बताए। उन्होंने बताया कि वेस्ट जोन में मायापुरी प्रेस कॉलोनी, बसाईं दारापुर में दो स्पेशल टीचर हैं। इसी तरह, नरेला जोन में रोहिणी सेक्टर 22, बवाना में दो इंस्टक्टर हैं। सिटी एसपी जाने में जय रानी बाग, ललीता ब्लॉक, किशन गंज न्यू बस्ती में दो स्पेशल टीचर हैं। जब 55 स्कूलों में स्पेशल टीचरों के पद खाली हैं तो दूसरे स्कूलों में दो-दो स्पेशल टीचर तैनात करने की जरूरत नहीं है। जिन स्कूलों में दो-दो स्पेशल टीचर हैं, उनमें 5 से 10 ही विशेष जरूरत वाले बच्चे पढ़ते हैं।
अंकुश नारंग ने कहा कि एक तरफ, पूरी दिल्ली में एमसीडी के स्कूलों में एक ही बोर्ड पर हिन्दी और अंग्रेजी मीडियम में बच्चों को पढ़ाया जा रहा है, एक क्लास रूम में 40 से 60 बच्चे पढ़ते हैं। दूसरी तरफ, जहां विशेष जरूरत वाले बच्चों की संख्या 5 से भी कम है या नहीं हैं, वहां पर भी भाजपा सरकार ने विशेष टीचर तैनात कर रखा है और उसे 70-80 हजार रुपए सैलरी मिलती है। नरेला जोन में 53 स्कूलों में विशेष जरूरत वाले बच्चे 5 से कम हैं, लेकिन वहां स्पेशल टीचर तैनात हैं। इन 55 में से 15 स्कूलों में एक भी विशेष जरूरत वाले बच्चे नहीं हैं, फिर भी वहां विशेष टीचर तैनात हैं। सिटी एसपी जोन में 40 स्कूलों में 5 से कम विशेष जरूरत वाले बच्चे हैं और इनमें 13 स्कूलों में एक भी विशेष जरूरत वाला छात्र नहीं है। शाहदरा साउथ जोन में 43 स्कूलों में विशेष जरूरत वाले 5 से कम बच्चे हैं और 13 स्कूलों में एक भी विशेष जरूरत वाला बच्चा नहीं है। इसी तरह, वेस्ट जोन में 28 स्कूलों में विशेष जरूरत वाले 5 से कम बच्चे हैं और 4 स्कूलों में एक भी विशेष जरूरत का बच्चा नहीं है।
अंकुश नारंग ने कहा कि जब एमसीडी में ‘‘आप’’ की सरकार थी, तब इन स्कूलों में विशेष जरूरत वाले बच्चों की संख्या करीब 10 हजार थी। अब जब एमसीडी में भाजपा की सरकार है तो इनकी संख्या गिरकर 7500 रह गई है। एक तरफ एमसीडी के स्कूल विशेष जरूरत वाले बच्चों को प्रवेश नहीं दे रहे हैं और दूसरी तरफ स्पेशल टीचरों को रखकर भारी भरकम सैलरी दी जा रही है। एमसीडी कई विशेष टीचरों से क्लर्क का काम करवा रही है। हौजखास पुलिस वाला कॉलोनी में तैनात स्पेशल एजुकेटर अवनीश को साउथ जोन एमसीडी से अटैच किया गया है। नयाबांस स्कूल में तैनात स्पेशल एजुकेटर निशा को नरेला जोन में लगाया गया। न्यू गुप्ता कॉलोनी में तैनात स्पेशल एजुकेटर दीपक यादव को केशवपुरम जोन में लगाया गया है।
अंकुश नारंग ने बताया कि सीएम रेखा गुप्ता की शालीमार विधानसभा में तैनात स्पेशल एजुकेटर को भी केशवपुरम जोन में लगाया गया है। न्यू चंद्रावल में तैनात तनुश्री को केशवपुरम जोन में लगाया गया है। जहांगीरपुरी जे-ब्लॉक में तैनात अमन दीप को मुख्यालय में तैनात हैं। मायापुरी में तैनात अभिषेक कुमार भी मुख्यालय में तैनात हैं। बसाईदारापुर में तैनात दीपाली, न्यू कृष्णा पार्क में तैनात गौरव मल्होत्रा, झंडेवालान में तैनात लोकेश को भी मुख्यालय में लगाया गया है। मेहरौली विलेज ब्वॉयज में तैनात सुधांशु बाल्यान को शाहदरा साउथ जोन में तैनात हैं। मायापुरी में तैनात पवनीश कुमार भी जोन में तैनात हैं। शकरपुर विजेल में तैनात रेनू शर्मा भी जोन में तैनात हैं। रमेश पार्क में तैनात अरविंद भी जोन में लगे हैं। यमुना विहार में तैनात पंकज को शाहदरा नार्थ में तैनात किया गया है।
अंकुश नारंग ने भाजपा से सवाल पूछा कि जब पिछले साल 10 हजार विशेष जरूरत वाले बच्चे थे तो इस वर्ष 7500 बच्चे कैसे रह गए? एक ही स्कूल में दो-दो स्पेशल एजुकेटर की तैनाती क्यों की गई है? जबकि यह नियमानुसार गलत है। जिन स्कूलों में एक भी विशेष जरूरत वाले बच्चे नहीं हैं, वहां स्पेशल एजुकेटर क्यों तैनात किए गए। प्राइमरी स्कूलों में टीचरों की कमी है। स्पेशल एजुकेटरों को उनकी जगह क्यों नहीं लगाया गया? इन स्पेशल एजुकेटरों से ये लोग अपने काम करवा रहे हैं। वरिष्ठता सूची भी इन्होंने 1995 से 2002 की बनाई है। स्पेशल एजुकेटर 2015 में नियुक्त किए गए। इनकी वरिष्ठता सूची भी बनाई जा रही है। भाजपा का क्या हित है जो इन स्पेशल एजुकेटरों की वरिष्ठता सूची बना रही है। स्पेशल एजुकेटरों के पास रिहैबिलेशन काउंसिल ऑफ इंडिया का प्रमाण पत्र होना चाहिए। एमसीडी के शिक्षा विभाग को यह भी नहीं पता है कि कितने स्पेशल एजुकेटर के पास आरसीआई का प्रमाण पत्र है और इन्होंने प्रमाण पत्र का नवीनीकरण करवाया है या नहीं।
अंकुश नारंग ने कहा कि एमसीडी के कमिश्नर को चिट्ठी लिख रहा हूं कि जिन स्कूलों में विशेष जरूरत वाले बच्चों के समूचित विकास की सहायता मिले, उनका विकास करना चाहिए। भाजपा भी विकास करने का नारा देती है। आम आदमी पार्टी ने वरिष्ठता सूची, प्रमोशन और तबादला सूची में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे और मेयर ने इसको निराधार बताया था। फिर भी मेयर ने शिक्षा विभाग के निदेशक का तबादला कर दिया कि वरिष्ठता सूची, प्रमोशन सूची सही नहीं बनी है और तबादले में भ्रष्टाचार हुए हैं। विशेष जरूरत वाले बच्चों की स्कूलों में अच्छी देखभाल होनी चाहिए। स्पेशल एजुकेटर की सही तरीके से नियुक्ति होनी चाहिए।