आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और सांसद संजय सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बचत उत्सव से देशवासियों को सावधान किया है। उन्होंने आगाह किया कि मोदी जी का बचत उत्सव कहीं चपत उत्सव न बन जाए। क्योंकि सरकार ने कच्चे माल पर जीएसटी 12 से बढ़ाकर 18 फीसद कर दिया है, इससे वस्तुएं महंगी हो जाएंगी। उन्होंने याद दिलाया कि प्रधानमंत्री ने नोटबंदी का भी इसी तरह जनता से जश्न मनवाया था, लेकिन लाइनों में लगकर 100 लोग मर गए। देश में न कालाधन आया और न आतंकवाद ही रूका। अब एक बार फिर मोदी जी जीएसटी का उत्सव बनाने के साथ ही स्वदेशी अपनाने के लिए कह रहे हैं, जबकि वह खुद विदेशी वस्तुओं में डूबे हुए हैं। मोदी सरकार ने जीएसटी के नाम पर 8 साल में देश के गरीबों से 80 लाख करोड़ रुपए वसूला है। हमारी मांग है कि सरकार इसे वापस करे।
मंगलवार को ‘‘आप’’ मुख्यालय पर प्रेसवार्ता कर संजय सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री ने देश में बचत उत्सव का शुभारम्भ किया है। जब भी प्रधानमंत्री बड़े-बड़े एलान या दावे करते हैं तो जनता उनके बहकावे में आकर उनकी असलियत भूल जाती है। प्रधानमंत्री का यह बचत उत्सव है या फिर चपत उत्सव है, लोग ये भूल जाते हैं। नोटबंदी के दौरान यही प्रधानमंत्री ने देश के लोगों से 50 दिन मांगे थे और कहा था कि नोटबंदी से आपकी तकदीर नहीं बदली तो किसी भी चौराहे पर खड़े करके फांसी दे देना। पूरा देश नोटबंदी के जश्न में शामिल होकर लाइनों में खड़ा हो गया। लाइन में खड़े होने की वजह से 100 से अधिक लोगों की जान चली गई और 99.30 फीसद पैसा वापस बैंकों में आ गया। नोटबंदी से न कालाधन खत्म हुआ, न जाली नोट खत्म हुआ, न आतंकवाद खत्म हुआ।
संजय सिंह ने कहा कि इसके बाद 2017 में प्रधानमंत्री ने देश के लोगों से कहा कि अभी तो हमें एक आजादी मिली है, अब हमारी सरकार दूसरी आजादी लेकर आ रही है। सरकार जीएसटी लेकर आ रही है। इससे देश के अंदर बहुत बड़ी आर्थिक क्रांति आएगी। प्रधानमंत्री के बहकावे में आकर देश की जनता फिर से जश्न मनाने लगी। मोदी जी ने जिन वस्तुओं पर 5 फीसद टैक्स था, उसे बढ़ाकर 28 फीसद कर दिया। इसके बाद भी लोग जीएसटी का जश्न मनाते रहे। पिछले 8 साल से हम लोग चिल्ला रहे हैं कि यह टैक्स सिस्टम गलत है। टैक्स के नाम पर देश की जनता को लूटा जा रहा है। दूध, पानी, बिजली, शिक्षा समेत सभी चीजों के दाम बढ़ रहे हैं और इससे आम जनता की कमर टूट रही है। हमारे शोर मचाने के बाद भी कही कोई सुनवाई नहीं हुई।
संजय सिंह ने कहा कि जीएसटी के साथ ही पेट्रोल-डीजन के नाम पर भी लूट होने लगी। पिछले 8 साल में केंद्र सरकार ने जीएसटी के नाम पर देश की जनता से 127 लाख करोड़ रुपए वसूला। आज जनता जिस बचत उत्सव में शामिल होने जा रही है, उसे 8 साल तक इसी सरकार ने चपत लगाया। ऐसा नहीं है कि ये सारा पैसा अडानी-अंबानी जैसे पूंजीपतियों से वसूला गया है। देश के 50 फीसद गरीब जनता से कुल टैक्स का 64 फीसद हिस्सा वसूला गया और मिडल-अपर मिडल क्लास से 33 फीसद और बड़े-बड़े अमीरों से मात्र 3 फीसद टैक्स वसूला गया। भाजपा की केंद्र सरकार ने जीएसटी के नाम पर पिछले 8 सालों में देश के गरीब आदमी की जेब से 80 लाख करोड़ रुपए की लूट की। गरीब लोगों से 80 लाख करोड़ रुपए लूटने के बाद मोदी जी बचत उत्सव मना रहे हैं। भाजपा अब भारतीय जेब कतरा पार्टी बन गई है, जो सिर्फ लोगों की जेब काटती है।
संजय सिंह ने कहा कि अब मोदी सरकार जीएसटी में क्रांतिकारी सुधार लाने के दावे कर रही है और कह रही है कि इससे आम जनता को बहुत फायदा होगा। इससे आम जनता की 2 लाख करोड़ रुपए की बचत होगी। सरकार यह भी दावा कर रही है कि जीएसटी में सुधार से उसे 47 हजार करोड़ रुपए का घाटा होगा। जब सरकार को 47 हजार करोड़ रुपए का घाटा होगा तो जनता को 2 लाख करोड़ रुपए का फायदा कैसे होगा? भारतीय जेब कतरा पार्टी की यह गणित समझ से परे है। अगर 47 हजार करोड़ रुपए के बचत उत्सव को मान भी लें तब भी सरकार ने जीएसटी के नाम पर देश की गरीब जनता से 79.50 लाख करोड़ रुपए की अवैध वसूली की। आम आदमी पार्टी की मांग है कि केंद्र सरकार अवैध रूप से वसूले गए 80 लाख करोड़ रुपए देश की गरीब जनता को वापस करे। अगर हम मोदी जी के देश की जनता को 2 लाख करोड़ रुपए की बचत होने के दावे को भी मान लें, तब भी एक व्यक्ति की महीने में 115 रुपए की बचत होगी।
संजय सिंह ने देश की जनता को आगाह करते हुए कहा कि यह समझना जरूरी है कि यह बचत उत्सव या फिर चपत उत्सव है। क्योंकि कच्चे माल पर टैक्स 12 फीसद से बढ़ाकर 18 फीसद कर दिया गया है और तैयार माल पर टैक्स घटाकर जीरो फीसद कर दिया जा रहा है। मोदी जी के हर उत्सव पर हमें सावधान रहने की जरूरत है। क्योंकि पता चला कि बिहार चुनाव का परिणाम आया और रात 8 बजे प्रधानमंत्री आकर कहने लगें कि फिर से आपकी जेब काटना राष्ट्र के लिए जरूरी हो गया है। 5 फीसद टैक्स को बढ़ाकर 15 से 28 फीसद न कर दें। मोदी जी भरोसे के योग्य नहीं हैं।
संजय सिंह ने आंकड़े साझा करते हुए कहा कि भारत सरकार ने जीएसटी सुधार के एलान के दौरान कहा कि देश के लोगों को अब स्वदेशी अपनाना है। प्रधानमंत्री जिस कैमरे में बोल रहे थे, वो कैमरा भी विदेशी है। प्रधानमंत्री इटली का चश्मा, स्वीटजरलैंड की घड़ी पहनते हैं, जर्मनी की पेन लगाते हैं। अमेरिका का फोन, जर्मनी की कार, विदेशी जहाज भी इस्तेमाल करते हैं। कपड़े-जूते सब विदेशी इस्तेमाल करते हैं। मोदी जी सिर से लेकर पांव तक विदेशी माल में डूबे हुए हैं और देश की जनता से 127 लाख रुपए लूटने के बाद स्वदेशी अपनाने के लिए कह रहे हैं। जब अमेरिका ने भारत पर 50 फीसद टैरिफ लगा दिया, तब मोदी जी को स्वदेशी की याद आ रही है।
संजय ंिसह ने कहा कि स्वदेशी का मतलब भारत में ही सामान बनाए जाएं। इसके लिए माइक्रो स्माल मिडियम इंटरप्राइजेज (एमएसएमई) मंत्रालय काम करता है। एमएसएमई मंत्रालय के आंकड़े के अनुसार, देश के अंदर 48 फीसद एमएसएमई बंद हो चुके हैं। देश में करीब 3 करोड़ एमएसएमई बंद हो चुके हैं। मोदी सरकार से पहले देश में करीब 6 करोड़ एमएसएमई काम कर रहे थे, जो घटकर 3 करोड़ रह गई है। यह मोदी जी का मेक इन इंडिया है। मोदी सरकार ने देश के सूक्ष्म, लघु, मध्यम, कुटीर उद्योग को बर्बाद कर दिया और अब प्रधानमंत्री स्वदेशी की बात कर रहे हैं। मोदी सरकार तीन करोड़ एमएसएमई को बंद करने के गुनाहगार हैं। देश के युवाओं को भी आंकड़े खंगालने चाहिए, तब वे मोदी जी के जश्न का पर्दाफाश कर पाएंगे।
संजय सिंह ने कहा कि मोदी सरकार ने भारत में स्वदेशी को बढ़ावा देने के लिए कंपनियों को ही हायर किया है। केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय के अनुसार दुनिया के लगभग हर देश से भारत सामानों का आयात करता है। गलवान घाटी में हमारे 20 जवानों के शहीद होने के बाद अंधभक्त चीनी सामानों का बहिष्कार करने का अभियान चलाए थे और मोदी जी कह रहे कि चीनी सामानों का आविष्कार करना है। गलवान की घटना के बाद भारत सरकार ने चीन से 39 लाख करोड़ रुपए का सामान आयात किया है। भारत चीन को लाखों करोड़ रुपए दे रहा है और चीन भारत पर हमला करने के लिए पाकिस्तान को मिसाइल-ड्रोन दे रहा है। पिछले दो वर्षों में चीन से भारत का आयात 13.92 फीसद बढ़ा है। इसी तरह, अमेरिका से 10.40 फीसद, जापान से 9.17 फीसद ब्रिटेन से 4.23 फीसद भारत का आयात बढ़ा है। तुर्कमेनिस्तान से 121 फीसद, मॉरिशस से 195 फीसद, साइप्रस से 20 फीसद आयात बढ़ा है। इस तरह मोदी सरकार दुनिया के करीब 190 देशों से सामान खरीद रही है। 2023-24 में भारत ने 190 देशों से 56 लाख करोड़ रुपए का आयात किया है। 2024-25 में 60 लाख करोड़ रुपए का आयात किया गया है। यही मोदी जी की स्वदेशी की हकीकत है।
संजय सिंह ने कहा कि भारत का एफडीआई 43 फीसद घटा है। इसकी कीमत रुपए में 3 लाख 32 करोड़ रुपए होगा। मोदी सरकार बचत उत्सव के नाम पर देश की जनता को मूर्ख बनाने का काम कर रही है। कच्चे तेल का दाम घटने के बाद भी पेट्रोल-डीजल के दाम नहीं कम हुए। कच्चे तेल के दाम घटने से देश की जनता को कोई लाभ नहीं हुआ। देश की जनता को कुछ फायदा नहीं है, सिर्फ मोदी जी के चंद मित्रों को लाभ है। जीएसटी दरें कम करने के नाम पर उत्सव मनाने के बजाय सरकार ने पिछले 8 साल जनता को कितना लूटा है, उस पर ध्यान दे। देश के आम आदमी से 127 करोड़ रुपए की लूट हुई है। इसमें गरीबों से 80 लाख रुपए की लूट हुई है, जो वापस होना चाहिए। मोदी जी और भाजपा के लोग पहले स्वीदेशी अपनाएं, फिर देश के लोगों को स्वदेशी का ज्ञान दें। मोदी जी का स्वदेशी का नारा खोखला है। मोदी जी अब कुछ सालों तक स्वदेश के नाम पर जनता को उलझा कर रखेंगे। मोदी जी के शब्दों और हकीकत में तालमेल है, इसकी हकीकत की पड़ताल देश के लोगों को करना होगा। वरना हर चीज ये जश्न मनवाते रहेंगे और जनता को बर्बाद करते रहेंगे।