पार्टी मुख्यालय में हुई एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए आम आदमी पार्टी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने कहा, कि भाजपा द्वारा, गैर भाजपा समर्थकों के वोटो को एक षड्यंत्र के तहत कटवाने का जो सिलसिला है, एक लंबे समय से हम उसके खिलाफ आवाज उठाते आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि फरवरी 2025 दिल्ली विधानसभा के चुनाव में भी हमने नई दिल्ली विधानसभा और शाहदरा विधानसभा में एक षड्यंत्र के तहत काटे गए हजारों वोटो को लेकर कई बार प्रेस वार्ताएं की। उन्होंने कहा कि इस संबंध में सभी साक्ष्य भी सार्वजनिक तौर पर मौजूद है सौरभ भारद्वाज ने उस समय की दिल्ली की मुख्यमंत्री अतिशी जी द्वारा 5 जनवरी 2025 को मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार को लिखा गया पत्र पत्रकारों के समक्ष प्रस्तुत करते हुए कहा, कि इस पत्र में आतिशी जी ने मुख्य चुनाव आयुक्त को लिखा है, कि किस प्रकार से पिछले कुछ दिनों में नई दिल्ली विधानसभा से 6166 वोट काटने की अर्जियां दी गई हैं। इन अर्जियों के संबंध में कुछ आंकड़े प्रस्तुत करते हुए उन्होंने बताया कि आंकड़ों के मुताबिक 29 अक्टूबर 2024 से लेकर 15 दिसंबर 2024 तक 2776, 17 दिसंबर को 131, 24 दिसंबर को 518, 25 दिसंबर को 675 तथा 26 दिसंबर को 215 इस प्रकार की अर्जियां वोट काटने के लिए चुनाव आयोग को दी गई।
नई दिल्ली विधानसभा की वोटर लिस्ट के संबंध में एक महत्वपूर्ण जानकारी पत्रकारों के साथ साझा करते हुए सौरभ भारद्वाज ने बताया, कि जब अक्टूबर 2024 में चुनाव आयोग द्वारा दिल्ली की समस्त विधानसभाओं के वोटो की समरी तैयार की गई, उस वक्त चुनाव आयोग द्वारा नई दिल्ली विधानसभा के कुल वोटो की संख्या 1,04000 बताई गई जबकि 2020 के दिल्ली विधानसभा चुनावों में यह संख्य 1,46000 थी। अर्थात 2020 के मुकाबले में 42000 वोट पहले ही नई दिल्ली विधानसभा की वोटर लिस्ट से काटे जा चुके थे और 6166 अतिरिक्त वोट काटने की अर्जियां 29 अक्टूबर से 15 दिसंबर के बीच और दी गई।
वोट काटने की अर्जियों के संबंध में एक चौंकाने वाला खुलासा करते हुए सौरभ भारद्वाज ने बताया, कि वोट काटने को लेकर जिन लोगों के नाम पर अर्जियां दी गई हमने उन लोगों से मुलाकात की। उन्होंने बताया कि तरुण कुमार चौटाला जो एनडीएमसी क्वार्टर्स खान मार्केट में रहते हैं, उनके नाम पर 85 अर्जियां दी गई, उषा देवी जो गोल मार्केट इलाके में रहती हैं, उनके नाम पर 22 अर्जियां दी गई। इसी प्रकार से सुनीता देवी, विपिन, मोनिका राजकुमार तथा अन्य ऐसे ही विभिन्न लोगों के नाम पर भी बहुत सारी अर्जियां वोट काटने के लिए दी गई। सौरभ भारद्वाज ने बताया, कि जब इन लोगों से हमने बातचीत की तो एक बेहद ही चौंकाने वाले जानकारी निकलकर सामने आई। उन्होंने कहा कि इन सभी लोगों ने एक सिरे से इस बात को नकार दिया, इन सभी लोगों ने कहा कि उनके द्वारा कोई भी इस प्रकार की अर्जी वोट काटने के लिए नहीं दी गई है। उन्होंने कहा कि हमें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। सौरभ भारद्वाज ने कहा कि जब इस प्रकार के चौंकाने वाले तथ्य सामने आए तो उस समय की दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी जी द्वारा 5 जनवरी कैबमुख्य चुनाव आयुक्त को पत्र लिखा। उसमें उन्होंने इस संबंध में फिर दर्ज करने और जांच करने का अनुरोध किया था। कोई कार्रवाई न होते देख आतिशी जी ने 8 जनवरी एवं 9 जनवरी को भी इस संबंध में मुख्य चुनाव आयुक्त को पत्र लिखे। उन्होंने कहा की यही नहीं 9 जनवरी को आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल जी ने भी इस संबंध में जांच हेतु मुख्य चुनाव आयुक्त को पत्र लिखा। क्योंकि इस प्रकार धोखाधड़ी से किसी व्यक्ति के नाम से किसी अन्य व्यक्ति का वोट काटने के लिए अर्जी देना कानूनन अपराध है और इसकी जांच होना बेहद जरूरी है। सौरभ भारद्वाज ने कहा, कि यह बड़ी ही निराशाजनक बात है, कि इतने बड़े स्तर पर लोगों के वोट के अधिकार का हनन किया गया। फर्जी तरीके से धोखाधड़ी करके लोगों के वोट कटवाए गए। दिल्ली की मुख्यमंत्री द्वारा जांच के लिए पत्र लिखा गया, एक राष्ट्रीय पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक द्वारा पत्र लिखा गया, लेकिन उसके बावजूद भी चुनाव आयोग की ओर से इस मामले में कोई जांच नहीं की गई।
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के नेता राहुल गांधी जी भी आज इस मामले को उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज से लगभग 8 महीने पहले आम आदमी पार्टी के तमाम वरिष्ठ नेता अरविंद केजरीवाल जी, आतिशी जी, संजय सिंह जी, राघव चड्ढा जी आदि इस मामले में कई बार प्रेस वार्ता कर दिल्ली की वोटर लिस्ट में हो रही गड़बड़ी का खुलासा कर चुके हैं। सौरभ भारद्वाज ने बताया कि 2 महीने पहले हमने चुनाव आयोग में एक आरटीआई के माध्यम से प्रश्न पूछा, कि आतिशी जी द्वारा की गई शिकायत पर क्या कार्यवाही हुई और किस अधिकारी को इस संबंध में जांच के लिए नियुक्त किया गया, उसकी जानकारी दी जाए? सौरभ भारद्वाज ने कहा, कि बड़े ही शर्म की बात है, कि हमारी आरटीआई के जवाब में चुनाव आयोग ने कहा, कि यह जानकारी एक व्यक्तिगत जानकारी है, यह आपको नहीं दी जा सकती। सौरभ भारद्वाज ने कहा की एक षड्यंत्र के तहत हजारों लोगों के वोट काटे जा रहे हैं, उनसे वोट डालने का अधिकार छीना जा रहा है और चुनाव आयोग बेशर्मी के साथ यह कह रहा है, कि यह एक व्यक्तिगत जानकारी है। उन्होंने कहा कि हमने आरटीआई के जरिए से चुनाव आयोग से यह प्रश्न भी पूछा, कि इतना ही बता दीजिए, कि इस संबंध में चुनाव आयोग की तरफ से कोई एफआईआर दर्ज कराई गई है? चुनाव आयोग ने इस पर जवाब दिया, कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है। अर्थात चुनाव आयोग की ओर से कोई एफआईआर दर्ज नहीं करवाई गई। एक कानूनी अपराध को व्यक्तिगत जानकारी बात कर चुनाव आयोग इस पूरे मामले को दबाने की कोशिश कर रहा है। सौरभ भारद्वाज ने कहा कि उस समय के मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार जी ने इस पूरे मामले में किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की और आज के मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेंद्र कुमार जी हमारी आरटीआई का कोई जवाब नहीं दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले में दोनों चुनाव आयुक्तों की भूमिका संदिग्ध है।
प्रेस वार्ता के अंत में सौरभ भारद्वाज ने कहा, कि आज भारतीय चुनाव आयोग भाजपा की सोशल मीडिया आर्मी को विपक्ष के नेताओं को ट्रोल करने के लिए सामग्री उपलब्ध कराने की मशीन बनाकर काम कर रहा है। उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि राहुल गांधी जी ने अपनी प्रेस वार्ता में कहा की वोट डिलीट करने के लिए ऑनलाइन अर्जियां दी गई। उस पर तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए चुनाव आयोग ने इस बात को नकारते हुए कह दिया, कि ऑनलाइन वोट काटने की अर्जी नहीं दी जा सकती, जबकि चुनाव आयोग की वेबसाइट पर यह सुविधा अभी इस समय भी उपलब्ध है। कोई भी व्यक्ति चुनाव आयोग की वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन वोट काटने की अर्जी दे सकता है। उन्होंने कहा की चुनाव आयोग ने ऐसा केवल और केवल इसलिए किया ताकि भाजपा की ट्रोल आर्मी इस मामले पर राहुल गांधी जी को ट्रोल कर सके। आज के समय में भारतीय चुनाव आयोग सोशल मीडिया पर विपक्ष के नेताओं को ट्रोल कराने के लिए खुल्लम खुल्ला भाजपा की ट्रोल आर्मी की मदद कर रहा है।