आम आदमी पार्टी के दिल्ली प्रदेश संयोजक सौरभ भारद्वाज ने एमसीडी में चल रहे भ्रष्टाचार को लेकर भाजपा पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि भाजपा शासित एमसीडी अफ़सरों और बिल्डरों की मिलीभगत से अवैध निर्माण किया जा रहा है और बदले में पैसे की वसूली की जा रही है। उन्होंने कहा कि बुधवार को इस भ्रष्टाचार का खुलासा तब हुआ, जब स्टैंडिंग कमेटी में भाजपा के ही पार्षद पंकज लूथरा ने दक्षिण शाहदरा जोन के डिप्टी कमिश्नर पर निर्माणाधीन बिल्डिंग से अवैध वसूली का आरोप जड़ दिया। इस पर डीसी का आरोप है कि पार्षद उस पर दबाव बना रहे हैं, जबकि एमसीडी कमिश्नर ने भाजपा पार्षदों को ब्लैकमेलर बता दिया। अब भाजपा को साफ करे कि उसके पार्षद ब्लैकमेलर हैं या डिटी कमिश्नर बादल कुमार भ्रष्ट हैं। ‘‘आप’’ ने सीवीसी और सीबीआई को लिखित शिकायत देकर इसकी जांच की मांग की है।गुरुवार को ‘‘आप’’ मुख्यालय पर एमसीडी में नेता प्रतिपक्ष अंकुश नारंग के साथ प्रेस वार्ता कर सौरभ भारद्वाज ने कहा कि बुधवार को एमसीडी की स्टैंडिंग कमेटी की बैठक में जो घटनाक्रम हुआ है, उसके बाद भाजपा के लिए कई बड़े सवाल खड़े हो गए हैं। इस बैठक में एमसीडी कमिश्नर अश्विनी कुमार, विभिन्न जोन के डिप्टी कमिश्नर (डीसी), स्टैंडिंग कमेटी के सभी सदस्य और चेयरपर्सन मौजूद थे। बैठक के दौरान भाजपा के शाहदरा साउथ जोन के स्टैंडिंग कमेटी के सदस्य और पार्षद पंकज लूथरा ने कहा कि उनके क्षेत्र में एक निर्माण कार्य चल रहा है, जिसका नक्शा स्वीकृत है। इस निर्माण से संबंधित मामले में एमसीडी का जूनियर इंजीनियर (जेई) पैसे माँग रहा है। जब पंकज लूथरा ने जेई से पूछा, तो उसने बताया कि यह मांग शाहदरा साउथ जोन के डिप्टी कमिश्नर बादल कुमार ने की है। यह एक गंभीर आरोप है कि भाजपा का एक पार्षद, एमसीडी कमिश्नर के सामने, उनके ही डिप्टी कमिश्नर बादल कुमार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा रहा है कि वह अवैध निर्माणों से पैसे की उगाही कर रहा है। सौरभ भारद्वाज ने कहा कि इस स्थिति में सामान्य रूप से यह अपेक्षित था कि कमिश्नर अश्विनी कुमार कहते कि इस मामले की जाँच होगी और दोषी पर कार्रवाई की जाएगी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। वहीं, डीसी बादल कुमार ने खड़े होकर कहा कि भाजपा पार्षद पंकज लूथरा का उस बिल्डिंग में पैसा लगा हुआ है और इसलिए वह उन पर दबाव डाल रहे हैं। इतना ही नहीं, एमसीडी कमिश्नर अश्विनी कुमार ने भाजपा पार्षदों की ओर इशारा करते हुए बार-बार कहा कि ये सभी लोग ब्लैकमेलिंग कर रहे हैं। भाजपा के पार्षदों को ब्लैकमेलर कहा गया और एमसीडी कमिश्नर ने निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को बार-बार ब्लैकमेलर कहा। सौरभ भारद्वाज ने कहा कि भाजपा के सभी पार्षदों को डूब मारना चाहिए कि वे अपनी स्टैंडिंग कमेटी में अपने ही कमिश्नर द्वारा ब्लैकमेलर कहलाए गए और किसी पार्षद में इतनी हिम्मत नहीं थी कि वह खड़े होकर कमिश्नर से बोले, “क्या बकवास की जा रही है?” “आप” के नेता प्रतिपक्ष अंकुश नारंग ने आज “आप” पार्षदों से बात की कि अगर ये ब्लैकमेलर हैं, तो कल को ये “आप” पार्षदों को भी ब्लैकमेलर कहेंगे। यह एक जनप्रतिनिधि का मसला है। कोई कमिश्नर ब्लैकमेलर कहके सभी जनप्रतिनिधियों को सामान्यीकृत कैसे कर सकता है? सौरभ भारद्वाज ने कहा कि अंकुश नारंग ने गुरुवार इस मुद्दे को एमसीडी में उठाया। लेकिन बड़े शर्म की बात है कि एमसीडी के महापौर राजा इकबाल सिंह ने अंकुश नारंग को बोलने का मौका तक नहीं दिया। इनकी बात शुरू ही हुई थी, मात्र 10 सेकंड के भीतर ही उनका बोलना बंद करके सदन को स्थगित कर दिया गया। सदन मात्र 5 से 7 मिनट तक चला। क्योंकि महापौर भी उस डीसी को बचाना चाहते हैं। वे नहीं चाहते कि इस मामले की सच्चाई सामने आए। सौरभ भारद्वाज ने कहा कि मेरा भाजपा के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा से सवाल है कि या तो उनका डिप्टी कमिश्नर बादल कुमार बिल्डिंग माफिया और बिल्डिंग विभाग से पैसे वसूल रहा है या उनके पार्षद ब्लैकमेलर हैं, जो उन्होंने मान लिया है। दोनों चीजें एक साथ नहीं चल सकतीं। अगर उनके पार्षद ब्लैकमेलर नहीं हैं, तो डीसी पर तुरंत कार्रवाई कीजिए। लेकिन वीरेंद्र सचदेवा कार्रवाई नहीं कर रहे हैं, बल्कि छुपकर घूम रहे हैं। इसका मतलब यह है कि उन्होंने मान लिया है कि भाजपा पार्षद ब्लैकमेलर हैं? यह पूरे भाजपा के पार्षदों के लिए शर्म की बात है कि वे इस ब्लैकमेलर के तमगे के साथ चुपचाप घूम रहे हैं, मगर इसके खिलाफ आवाज नहीं उठा रहे हैं। सौरभ भारद्वाज ने कहा कि एमसीडी में “आप” के नेता प्रतिपक्ष और “आप” के स्टैंडिंग कमेटी के सदस्यों ने इस मामले को केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को पत्र लिखा है। “आप” ने मांग की है कि इस गंभीर आरोप की जांच हो, जिसमें कहा गया है कि डीसी बादल कुमार बिल्डिंग विभाग से पैसे वसूल रहे हैं। कार्यकाल खत्म होने के बाद भी बादल कुमार डिप्टी कमिश्नर पद पर जमे हैं- सौरभ भारद्वाजसौरभ भारद्वाज ने बताया कि बादल कुमार कोई आईएएस अधिकारी नहीं हैं, न ही वे एमसीडी के कैडर से हैं। वे इंडियन स्टैटिस्टिकल सर्विस (आईएसएस) से डेपुटेशन पर आए थे, जिसकी अवधि 3 वर्ष थी। उनकी डेपुटेशन अवधि और उसका विस्तार (एक्सटेंशन) दोनों जुलाई 2024 में समाप्त हो चुके हैं। दिसंबर 2024 में एमसीडी सदन ने एक प्रस्ताव पारित किया था कि बादल कुमार की डेपुटेशन अवधि समाप्त हो चुकी है और यह व्यक्ति जगह-जगह बदतमीजी करता है। पार्षदों ने बार-बार बादल कुमार की बदतमीजी की शिकायतें की हैं। उनका तबादला कई बार हो चुका है। उन्हें वापस उनके मूल विभाग में भेजा जाए। इसके बावजूद कमिश्नर की क्या मजबूरी है कि वे सदन के प्रस्ताव को नजरअंदाज कर बादल कुमार को गले लगाए हुए हैं? बादल कुमार का वर्तमान कार्यकाल पूरी तरह से अनधिकृत और अवैध है। अनधिकृत और अवैध कार्यकाल के बावजूद भाजपा पार्षद इनके ऊपर आरोप लगा रहे हैं कि ये बिल्डिंग डिपार्टमेंट से पैसे इकट्ठे कर रहे हैं। सौरभ भारद्वाज ने कहा कि वीरेंद्र सचदेवा से जवाब दें कि या तो उनके पार्षद ब्लैकमेलर हैं या डिप्टी कमिश्नर बादल कुमार भ्रष्ट हैं। दोनों में से एक बात साफ करें।