दिल्ली नगर निगम की स्टैंडिंग कमेटी में डिप्टी कमिश्नर द्वारा भाजपा के एक पार्षद को ब्लैकमेलर कहने पर बवाल हो गया। एमसीडी में आम आदमी पार्टी के नेता प्रतिपक्ष अंकुश नारंग ने कहा कि राजा इकबाल सिंह एक डमी मेयर हैं। इसलिए वह अपने ही पार्षद की शिकायत पर डिप्टी कमिश्नर के खिलाफ जांच कराने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। भाजपा पार्षद ने जेई के जरिए डिप्टी कमिश्नर पर पैसा लेने का आरोप लगाया, लेकिन मेयर ने अधिकारी का साथ दिया। स्टैंडिंग कमेटी में डिप्टी कमिश्नर ने भाजपा पार्षद को ब्लैकमेलर भी कहा, लेकिन भाजपा ने उसका विरोध नहीं किया। मेयर बताएं कि उनकी डिप्टी कमिश्नर के बीच क्या सांठगांठ है, जो उसे बचाना चाहते हैं?एमसीडी में नेता प्रतिपक्ष अंकुश नारंग ने कहा कि गुरुवार को सदन के अंदर शुरुआत में डीडीए के दो मेंबर्स की अनाउंसमेंट हुई। कृष्ण देवी राघव और सीएस पवार को डीडीए का मेंबर बनाया गया। उसके बाद, मैंने स्टैंडिंग कमेटी की बात करनी चाही लेकिन महापौर ने मुझे बोलने नहीं दिया। क्योंकि महापौर और अधिकारियों की मिलीभगत है। स्टैंडिंग कमेटी के अंदर एक अधिकारी ने भाजपा पार्षद को ब्लैकमेलर कहा। अधिकारी ने क्यों ब्लैकमेलर कहा? क्योंकि भाजपा के पार्षद ने आवाज़ उठाई कि उसके क्षेत्र में जेई पैसे मांग रहा था। भाजपा पार्षद ने जब जेई से पूछा तो जेई कहा कि पैसे डीसी मांग रहा है। जिसके बाद भाजपा पार्षद ने यह कमिश्नर से की। अंकुश नारंग ने बताया कि एमसीडी कमिश्नर को मामले की तुरंत प्रभाव से जांच बैठानी चाहिए। लेकिन कमिश्नर ने जांच बिठाने के बजाय डीसी बादल कुमार का साथ दिया और सारे पार्षदों को ब्लैकमेलर कह दिया। जो मुद्दा भाजपा को उठाना चाहिए था, वह आज आम आदमी पार्टी ने सदन में उठाया है। उन्होंने कहा कि डीसी बादल कुमार का कार्यकाल 2023 में खत्म हो गया था। उन्हें एक साल का एक्सटेंशन मिला, जो 2024 में समाप्त हो गया। 19 दिसंबर 2024 को रेज़ोल्यूशन हुआ, जिसमें तय हुआ कि अब बादल कुमार डीसी के रूप में कार्य नहीं करेंगे। यह पूरे हाउस ने पास किया था। लेकिन आज भी वे डीसी बने हुए हैं।उन्होंने कहा कि बादल कुमार स्टैंडिंग कमेटी में खड़े होकर एक पार्षद के साथ बदतमीजी करते हैं और उसे ब्लैकमेलर कह देते हैं। भाजपा को यह मुद्दा उठाना चाहिए था। जब भाजपा यह कहती है कि हम इंस्पेक्टर राज खत्म करेंगे, अधिकारी राज खत्म करेंगे, तो आज मेयर की ऐसी क्या मजबूरी थी कि अधिकारियों का साथ देकर अपने ही पार्षद को दरकिनार कर दिया और हाउस स्थगित कर दिया।अंकुश नारंग ने कहा कि मैं शोर नहीं मचा रहा था, सिर्फ अपनी बात रख रहा था। मैं प्रस्ताव भी लेकर आया था जिसमें यह कहा गया था कि तुरंत प्रभाव से बादल कुमार को पद से हटाया जाए और डीसी के रूप में उन्हें आगे काम करने की अनुमति न दी जाए। लेकिन वह प्रस्ताव भी रिजेक्ट कर दिया गया।