आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और कोंडली से विधायक कुलदीप कुमार ने भी पीएम की रैली में एमसीडी के कर्मचारियों को जबरदस्ती भेजने पर भाजपा को आड़े हाथ लिया। उन्होंने कहा कि पीएम की रैली में नौकरी से निकालने की धमकी देकर एमसीडी के कर्मचारियों को ले जाने से साफ है कि दिल्ली में भाजपा के पास जनाधार नहीं है। सरकारी कर्मचारियों को रैली में भेजना सरकारी तंत्र का दुरुपयोग है और इसके लिए एमसीडी के अधिकारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि दिल्ली में साफ पानी, जलभराव, बिजली कटौती की समास्या का समाधान नहीं मिलने और झुग्गियां तोड़ने व दुकानें सील करने से लोग भाजपा सरकार से बेहद नाराज हैं। इसलिए लोगों ने पीएम की रैली का वहिष्कार किया।
रविवार को ‘‘आप’’ मुख्यालय में प्रेस वार्ता कर कोंडली से विधायक कुलदीप कुमार ने कहा कि रविवार को पीएम मोदी की रैली से पूरी दिल्ली और देश में साफ हो गया है कि वोट चोरी करके दिल्ली की सत्ता में आने वाली और धोखे से दिल्ली का चुनाव जीतने वाली भाजपा के साथ न पहले जन समर्थन था और न आज है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली में भीड़ जुटाने के लिए दिल्ली के गरीब, दलित सफाई कर्मचारियों को रविवार को छुट्टी के दिन बुलाया गया। एक आदेश जारी किया गया कि अगर वह रैली में नहीं आए, तो उनको नौकरी से निकाल दिया जाएगा। शनिवार रात से मुझे कई फोन आए और लोगों ने बताया कि रविवार को हमारा नवमी का त्योहार है। लेकिन हमें प्रधानमंत्री की रैली में जाने के लिए बुलाया गया है। नवमी को वाल्मीकि और दलित समाज बहुत मानता है।
कुलदीप कुमार ने कहा कि आम आदमी पार्टी भाजपा से कहना चाहती है कि दिल्ली का जनसमर्थन उनके साथ नहीं है। आज यह स्पष्ट हो गया कि भाजपा की छह महीने की सरकार प्रधानमंत्री की रैली कराने में पूरी तरह विफल साबित हुई। पिछले 10 दिनों से केंद्रीय मंत्री, राज्य मंत्री, प्रदेश अध्यक्ष, मुख्यमंत्री सभी लोग रैली स्थल का जायजा ले रहे हैं। लेकिन इतना जायजा नहीं ले पाए कि जनता को वहां ला सकें। क्योंकि दिल्ली की जनता इनसे नाराज है। जनता को पता है कि ये साफ पानी, जलभराव का समाधान नहीं कर पाए। बिजली कटौती हो रही है। झुग्गी-झोपड़ियां तोड़ी जा रही हैं। दुकानें सील की जा रही हैं। दिल्ली की जनता इनसे बहुत नाराज है।
कुलदीप कुमार ने कहा कि आज जिस तरह से सफाई कर्मचारियों और शिक्षकों के लिए आदेश निकाला गया, उससे यह प्रतीत होता है कि एमसीडी आयुक्त अश्विनी कुमार को ऐसा लगता है जैसे कर्मचारियों की तनख्वाह भाजपा के खाते से जाती है। इसलिए वह सफाई कर्मचारियों को भाजपा की रैली में भेज रहे हैं। लेकिन ऐसा नहीं है, दिल्ली की जनता के टैक्स के पैसे से एमसीडी के सफाई कर्मचारियों, कर्मचारियों और शिक्षकों को तनख्वाह दी जाती हैं। ये कर्मचारी दिल्ली की जनता के लिए काम करते हैं।
कुलदीप कुमार ने कहा कि ऐसे आयुक्त पर भी कार्रवाई होनी चाहिए, जो सरकारी तंत्र का दुरुपयोग कर रहे हैं। भाजपा के प्रचार के लिए बाकायदा बसों पर कमल का फूल और जिले का नाम लिखा जा रहा है। उन बसों में सफाई कर्मचारियों को जबरदस्ती बैठाया गया। इस देश के लोकतंत्र और सरकारी व्यवस्था के लिए यह बहुत दुखद है कि आज एक पार्टी के प्रचार के लिए सरकारी संसाधनों का ऐसे दुरुपयोग किया गया। मोदी जी की रैली में भीड़ दिखाने के लिए, उनकी कुर्सियां भरने और वाहवाही बटोरने के लिए यह सब किया जा रहा है। दिल्ली के सफाई कर्मचारी संघ के कई लोग बहुत आहत हैं कि भाजपा कला शिक्षकों, सफाई कर्मचारियों और निगम कर्मचारियों का अपने प्रचार के लिए इस्तेमाल कर रही है।
कुलदीप कुमार ने कहा कि यह साफ हो चुका है कि भाजपा के पास दिल्ली में कोई जनाधार नहीं है। प्रधानमंत्री जिसे भी हाथ हिलाएंगे, समझ लीजिए, वह सरकारी कर्मचारी है, जिसे जबरदस्ती बस में भरकर लाया गया है। रैली में भाषण सुनने वाले सारे लोग दुखी मन के साथ अपनी नौकरी बचाने के लिए जबरदस्ती लाए गए हैं। यह दिखाता है कि प्रधानमंत्री की लोकप्रियता देश में कम हो रही है।