आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और दिल्ली के पूर्व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने सरकारी आदेश के तहत शिक्षकों को पीएम नरेंद्र मोदी की रैली में भेजने पर आश्चर्य जताते हुए इसे बहुत ही शर्मनाक बताया है। उन्होंने भाजपा पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि पीएम की रैली में ताली बजाने के लिए शिक्षकों को भेजना उनका अपमान है और भाजपा को इसके लिए माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने कहा कि ‘‘आप’’ सरकार ने इन शिक्षकों को विदेशों में भेजकर ट्रेनिंग दिलाई थी, लेकिन अब भाजपा सरकार उनसे रैली में ताली बजवा रही है। दरअसल, भाजपा का शिक्षा से कोई लेना-देना नहीं है। इसलिए वह साजिशन घटिया शिक्षा देकर लोगों को अनपढ़ रखना चाहती है।
मनीष सिसोदिया ने कहा कि रविवार को दिल्ली में प्रधानमंत्री ने सड़क का उद्घाटन किया। यह बहुत अच्छी बात है। लेकिन भाजपा की दिल्ली सरकार ने प्रधानमंत्री के फीता काटने के कार्यक्रम में दिल्ली के सारे शिक्षकों को सरकारी आदेश देकर ताली बजाने के लिए बुलाया, यह बहुत आश्चर्यजनक और शर्मनाक बात है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का सड़क उद्घाटन एक सामान्य बात है। लेकिन भाजपा को उनके इस कार्यक्रम में ताली बजाने वाले लोग नहीं मिल रहे हैं, लोग उनके कार्यक्रम में आने को तैयार नहीं हैं। इसलिए फरमान जारी किया गया कि दिल्ली के हर सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल और शिक्षक वहां पहुंचेंगे, ताकि प्रधानमंत्री फीता काटें तो ताली बजा सकें। यह बहुत शर्मनाक है।
मनीष सिसोदिया ने कहा कि हम सब जानते हैं कि भाजपा का शिक्षा से कोई लेना-देना नहीं है। वह इस देश की जनता को साजिशन अनपढ़ और घटिया शिक्षा देकर रखना चाहती है। लेकिन इतनी घटिया उम्मीद नहीं थी कि दिल्ली के हजारों शिक्षक, जिन्हें अपने परिवार के साथ समय बिताने या काम करने के लिए मुश्किल से रविवार की छुट्टी मिलती है, उन्हें सड़क उद्घाटन के कार्यक्रम में ताली बजाने के लिए बुलाया जाएगा।
मनीष सिसोदिया ने कहा कि हमारे देश में कहा जाता है, “गुरु गोविंद दोऊ खड़े, काके लागूं पाए। बलिहारी गुरु आपने, गोविंद दियो बताए।” लेकिन यहां स्थिति उलट हो गई है। मोदी जी और गुरु दोनों मौजूद हैं, मोदी जी फीता काटें, मंच पर भाषण दें और गुरु नीचे खड़े होकर ताली बजाएं। क्या इसके लिए शिक्षकों की जिम्मेदारी है? यह शिक्षक के पेशे का अपमान है कि सरकार आदेश जारी कर कहती है कि जब प्रधानमंत्री सड़क का उद्घाटन करें, तो सारे शिक्षक आकर ताली बजाएं। भाजपा को दिल्ली के शिक्षकों से इस बात के लिए माफी मांगनी चाहिए।
मनीष सिसोदिया ने कहा कि कुछ महीने पहले, जब तक दिल्ली में अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी की सरकार थी, शिक्षकों को प्रशिक्षण के लिए फिनलैंड, कैंब्रिज और आईआईएम भेजा जा रहा था। आदेश निकलते थे कि हमारे प्रिंसिपल आईआईएम, फिनलैंड, सिंगापुर जाएंगे। प्रशिक्षण के लिए शिक्षक कैंब्रिज जाएंगे। तब दिल्ली का ऐसा कुछ नजारा था। लेकिन अब नजारा यह है कि प्रधानमंत्री सड़क का फीता काटने आ रहे हैं और सारे शिक्षक ताली बजाने के लिए पहुंचे हैं। यह बहुत शर्मनाक है। शिक्षकों को इस तरह के कार्यक्रम में ताली बजाने के लिए बुलाना उनके पेशे का अपमान है। भाजपा को इसके लिए शिक्षकों से माफी मांगनी चाहिए।
उधर, “आप” के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने कहा कि मोदी जी को कोई भी सुनने तक के लिए नहीं जा रहा है। भाजपा की राजनीति पूरी तरह खत्म हो गई है। छह महीने में इन्होंने दिल्ली को बुरी तरह बर्बाद कर दिया है। स्कूलों में बच्चों की फीस बढ़ाई, अभिभावकों के साथ मारपीट की, बिजली छह-छह घंटे कटने लगी। सड़कों पर नाले बन गए। लोगों के घर गिर रहे हैं। उनकी मौत हो रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने दिल्ली में 50-50 साल से रह रहे हमारे यूपी, बिहार, पूर्वांचल के लोगों को उजाड़ कर बर्बाद कर दिया। छह महीने में ऐसी हालत कर दी कि नरेंद्र मोदी को सुनने के लिए कोई तैयार नहीं है। इसलिए वे सफाई कर्मचारियों और स्कूल के शिक्षकों को इकट्ठा कर रैली में भीड़ जुटाना चाहते हैं। ये बनावटी तरीके से रैलियां और सभाएं कर सकते हैं, लेकिन इसका कोई लाभ होने वाला नहीं है।