आम आदमी पार्टी की छात्र विंग एसोसिएशन ऑफ स्टूडेंट्स फॉर अल्टरनेटिव पॉलिटिक्स (एसैप) ने दिल्ली विश्वविद्यालय और उससे जुड़े कॉलेजों में छात्र संघ चुनाव को लेकर बड़ी घोषणा की। शुक्रवार को एसैप से जुड़े छात्रों के साथ ‘‘आप’’ के दिल्ली प्रदेश संयोजक सौरभ भारद्वाज एलान किया कि एसैप डीयू छात्र संघ चुनाव लड़ने में छात्रों की मदद करेगा। इसके लिए इच्छुक छात्र 15 से 25 अगस्त तक आवेदन कर सकते हैं। उन्हांेने बताया कि समान्य घरों से आने वाले जो छात्र योग्यता के बावजूद पैसे के अभाव में डूसू का चुनाव नहीं लड़ पाते हैं, उनको एसैप चुनाव लड़वाएगा। छात्रों को डूसू का चुनाव लड़ने के लिए 50 और कॉलेजों के लिए 10 प्रस्तावक देने होंगे। साथ ही एक मिनट की वीडियो और 500 शब्दों में अपना उद्देश्य भी बताना होगा। एसैप का उद्देश्य वैकल्पिक राजनीति के जरिए प्रजातंत्र को जड़ से मजबूत करना है, ताकि छात्र साफ-सुथरी राजनीति को चुनें।
“आप” के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव को लेकर शुक्रवार को पार्टी मुख्यालय में प्रेस वार्ता की। उन्होंन सभी देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि शहीद भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव, महात्मा गांधी, सरदार पटेल और तमाम स्वतंत्रता सेनानियों ने इस देश को आजाद करवाया। उनका सपना था कि देश आजाद हो और लोग खुद अपनी सरकारें चुनें ताकि देश में एक अच्छा, स्वस्थ लोकतंत्र पनप सके। मगर कुछ वर्षों से लोकतंत्र में कई तरह की खामियां आती जा रही हैं। उन्होंने कहा कि बचपन में हमें फूड चेन पढ़ाई जाती थी कि नीचे घास होती है। घास को टिड्डा खाता है। टिड्डे को मेंढक, मेंढक को सांप, सांप को चील खाती है, चील मरने के बाद उसी मिट्टी में दोबारा दफन हो जाती है और फिर से घास उगती है। यह चक्रीय प्रक्रिया चलती रहती है। इस फूड साइकिल में अगर जहर फैल जाता है, तो पूरी फूड चेन खराब हो जाती है।
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि हमारे प्रजातंत्र के चेन की शुरुआत छात्र राजनीति से होती है। कॉलेजों और यूनिवर्सिटी का छात्र संघ चुनाव पहला मौका होता है, जब एक छात्र लोकतंत्र को सबसे पहले प्रत्यक्ष रूप से देखता है। 17-18 साल की उम्र में बच्चे कॉलेज में आते हैं और छात्र राजनीति से उनका दृष्टिकोण बनना शुरू होता है कि राजनीति और लोकतंत्र क्या है। देश की राजधानी दिल्ली मंे स्थित दिल्ली यूनिवर्सिटी विश्व की सबसे प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में से एक है। डीयू में होने वाली छात्र संघ की राजनीति पूरे देश का राजनीतिक दृष्टिकोण भी तय करती है।
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि अगर वर्तमान में दिल्ली यूनिवर्सिटी की छात्र राजनीति को उदाहरण के तौर पर देखें तो इसमें धन-बल का प्रयोग सबके सामने है। आज कोई साधारण घर का आम बच्चा छात्र सोच भी नहीं सकता कि वह दिल्ली यूनिवर्सिटी का चुनाव लड़े या उसे कोई बड़ी पार्टी छात्र संघ चुनाव लड़वाएगी। क्योंकि डूसू का चुनाव लड़ने के लिए बड़ी-बड़ी गाड़ियां होनी चाहिए। डीयू में आने वाले छात्रों के पास एक-एक करोड़ रुपए की गाड़ियां होती हैं। छात्र संघ चुनाव में अगर 20-20 गाड़ियां हों तभी माहौल बनता है, वरना माहौल ही नहीं बनेगा। चुनाव से पहले छात्र नेता पूरा पीवीआर बुक कराते हैं और साथी छात्रों को फिल्में दिखवाते हैं, छात्रों के लिए डिस्को कराए जाते हैं और छात्र अगले दिन उसी छात्र नेता को वोट डालता है।
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि छात्र राजनीति से ही हमने यह जहर अपनी जड़ों में डालना शुरू कर दिया। छात्र राजनीति में ही हमने एक 17 साल की बच्ची को सिखा दिया कि जब वो जब स्कूल से पढ़कर कॉलेज में पहुंची, तो उसको यह पता चल गया कि उन्होंने हमें वीपीआर मे मूवी दिखाई और अगले दिन वह छात्रा उसकी पार्टी को वोट दे देती है। आज राजनीति ऐसी हो गई है कि जब कोई छात्र नेता दिखवाता है तो छात्र अगले दिन उसको वोट दे देते हैं। यही छात्र जब बड़े होते हैं तो सोने की चेन, जूता, साड़ी या 1100 रुपए लेकर अपना वोट किसी को दे देते हैं। इसलिए एसैप ने जड़ों से प्रजातंत्र को मजबूत करने की ठानी है और स्वतंत्रता दिवस के दिन इसकी एक छोटी शुरुआत करने जा रहा है। इस साफ-सुथरी छात्र संघ की राजनीति का आज से आगाज हो रहा है। हम चाहते हैं कि जो बच्चे छात्र संघ चुनाव लड़ रहा है, उनका चयन भी पारदर्शी प्रक्रिया से किया जाए।
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि एसैप दिल्ली यूनिवर्सिटी का छात्र संघ चुनाव लड़ने के इच्छुक छात्र- छात्राओं से आज से आवेदन आमंत्रित कर रहा हैं। अगर कोई छात्र डीयू या उससे संबंधित कॉलेज में छात्र संघ चुनाव लड़ने के लिए इच्छुक हैं और उनके पास चुनाव लड़ने के लिए पैसा नहीं है, वह एक समान्य परिवार से हैं, लेकिन उसके पास चुनाव लड़ने की योग्यता है, तो उसी योग्यता के आधार पर एसैप उनका आकलन करेगा। अगर वह छात्र उपयुक्त उम्मीदवार दिखता है, तो आम आदमी पार्टी की स्टूडेंट विंग एसैप उसको डीयू के छात्र संघ का चुनाव लड़ाएगी।
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि इसके लिए हमने कुछ योग्यताएं भी तय की हैं। अगर छात्र कॉलेज का छात्र संघ चुनाव लड़ना चाहता है तो उनको अपने कॉलेज के 10 छात्रों के समर्थन का प्रस्ताव लाना होगा और अगर छात्र दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्र संघ का चुनाव लड़ना चाहता है तो उसे पांच अलग-अलग कॉलेजों के 50 साथी छात्रों के समर्थन का प्रस्ताव लाकर देना होगा।