आम आदमी पार्टी के छात्र विंग एसोसिएशन ऑफ स्टूडेंट्स फॉर अल्टरनेटिव पॉलिटिक्स (एसैप) ने भाजपा की दिल्ली सरकार से सभी छात्रों के लिए मेट्रो के किराए में 50 फीसद रियायत देने की मांग की है। एसैप का कहना है कि कॉलेजों की लगातार बढ़ती फीस और महंगाई के चलते छात्रों के लिए मेट्रो का किराया बोझ बन गया है। कई छात्र संघ चुनावों में एबीवीपी ने और दिल्ली चुनाव में भाजपा ने छात्रों को मेट्रो में रियायती पास देने का वादा किया था। लेकिन यह वादा पूरा नहीं हुआ। एसैप ने बताया कि उसने मेट्रो में 50 फीसद रियायती पास देने की मांग को लेकर एलजी, सीएम, डीयू के कुलपति और डीएमआरसी को ज्ञापन सौंपा है। साथ ही, इसे लेकर बुधवार से दिल्ली विश्वविद्यालय के कॉलेजों में 16 दिवसीय अभियान शुरू किया जाएगा।
“आप” के छात्र विंग एसोसिएशन ऑफ स्टूडेंट्स फॉर अल्टरनेटिव पॉलिटिक्स (एसैप) ने डीयू के छात्रों के लिए मेट्रो किराए में 50 फीसद रियायत दी जाने को लेकर मंगलवार को पार्टी मुख्यालय में प्रेस वार्ता की। एसैप से ईशना गुप्ता ने कहा कि एक छात्र का सपना बहुत ही सीधा-साधारण होता है। छात्र एक अच्छे कॉलेज में जाएं, वहां अच्छी शिक्षा प्राप्त करें और उस शिक्षा के जरिए उनके लिए बेहतर भविष्य और रोजगार के रास्ते खुलें। उनकी बड़ी मांगें नहीं होतीं, बल्कि सरकारों से सिर्फ यह उम्मीद होती है कि उनकी बुनियादी सुविधाओं में थोड़ी सी राहत मिल जाए।
ईशना गुप्ता ने कहा कि जब कोई छात्र अपने घर से कॉलेज जाए, पूरे दिन मेहनत से पढ़ाई करे और कॉलेज से घर वापस आए, तो उसे मेट्रो के किराए की चिंता न सताए? आज की तारीख में एक आम छात्र हर रोज मेट्रो के किराए पर 60 से 100 रुपये तक खर्च कर देता है। एक छात्र महीने में 1,800 से 3,000 रुपये प्रतिमाह मेट्रो किराए में खर्च करता है। अगर छात्रों का यह पैसा बच जाए तो वह इस पैसे को सर्टिफिकेट कोर्स, स्किल डेवलपमेंट या किताबों में निवेश कर सकता है, जिससे उसे एक समग्र शिक्षा मिल सके। कई छात्रों का कॉलेज बहुत दूर होता है और वे अपने पसंद का कोर्स या कॉलेज सिर्फ इसलिए छोड़ देते हैं, क्योंकि आने-जाने का किराया वहन नहीं कर सकते।
ईशना गुप्ता ने कहा कि एबीवीपी और एनएसयूआई ने अपने सभी चुनावों में अलग-अलग मेनिफेस्टो में वादा किया कि मेट्रो के किराए में रियायत की मांग को आगे रखेंगे। लेकिन ना ही उन्होंने कभी कोई ठोस कदम उठाया और ना ही सही मायने में छात्रों के हकों की आवाज आगे बुलंद की। सिर्फ इंस्टाग्राम पर रील बनाई। भाजपा ने भी क्या किया? 2025 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा के सभी नेताओं ने बड़े-बड़े वादे किए कि जरूरतमंद छात्रों के लिए 4,000 रुपये तक का मेट्रो किराया माफ किया जाएगा। लेकिन भाजपा अपनी सभी गारंटियों और वादों की तरह इसे भी भूल गई।
ईशना गुप्ता ने कहा कि दिल्ली में लाखों छात्र पढ़ाई करते हैं और मेट्रो का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन मेट्रो के किराए में रियायत न होना एक नाइंसाफी है। एसैप सिर्फ आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों की बात नहीं कर रहा, बल्कि महंगाई के दौर में कॉलेजों की फीस बढ़ती जा रही है, मेट्रो का किराया दिल्ली के हर छात्र के लिए बोझ बन गया है। एसैप की चार इंजन की भाजपा सरकार से मांग है कि दिल्ली के हर छात्र के लिए मेट्रो किराए में 50 फीसद रियायत दी जाए।
एसैप के दिल्ली प्रदेश संगठन मंत्री ओम सिंह ने भी दोहराया कि भाजपा ने विधानसभा चुनाव के मेनिफेस्टो में छात्रों से वादा किया था कि उन्हें मेट्रो किराए में रियायत दी जाएगी। उनकी विचारधारा वाला छात्र संगठन एबीवीपी ने भी 2015, 2023 और 2024 के अपने हर मेनिफेस्टो में छात्रों से वादा किया कि वे उनके लिए मुफ्त मेट्रो पास या रियायती मेट्रो पास लाएंगे। लेकिन उनके बाकी वादों की तरह यह भी एक चुनावी जुमला ही साबित हुआ है। इसी तरह, कांग्रेस और उनके छात्र संगठन एनएसयूआई ने भी 2015 के अपने मेनिफेस्टो में वादा किया था कि वे छात्रों को मुफ्त या रियायती मेट्रो पास देंगे। एनएसयूआई ने भी 2023 के अपने मेनिफेस्टो में भी दिल्ली विश्वविद्यालय और दिल्ली के सभी छात्रों के लिए 50 फीसद मेट्रो किराए में रियायत का वादा किया था।
ओम सिंह ने कहा कि एनएसयूआई का तो दिल्ली विश्वविद्यालय में अध्यक्ष भी है, लेकिन उन्होंने भी इस पर कोई कदम नहीं उठाया। बाकी मुद्दों की तरह, इस पर भी सिर्फ रील बनाकर वे शांत रह गए। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के किसी भी छात्र के लिए न मेट्रो पास दिलाया और न ही बुनियादी सुविधाओं से जुड़ा कोई वादा पूरा किया। सोमवार को एसैप की पूरी टीम ने और आम छात्रों के साथ मिलकर दिल्ली के उपराज्यपाल, मुख्यमंत्री, दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति और डीएमआरसी चेयरमैन को ज्ञापन सौंपा है और बताया है कि जल्द से जल्द छात्रों के लिए मेट्रो में 50 फीसद रियायती पास जारी किया जाए।
एसैप के दिल्ली प्रदेश उपाध्यक्ष अभिषेक कुमार ने कहा कि चाहे मेट्रो पास हों, अच्छी लाइब्रेरी हो या कोई और सुविधा हो, छात्रों के लिए ये बुनियादी सुविधाएं तो होनी ही चाहिए। लेकिन छात्रों के लिए हमेशा से एक अहम मुद्दा रहा है। हर पार्टी 2016 से अपने मेनिफेस्टो में वादे करती आ रही है, चाहे वह एबीवीपी हो या एनएसयूआई। सभी पार्टियां अलग-अलग मेनिफेस्टो जारी करती हैं कि वे छात्रों के लिए मेट्रो पास पर 50 फीसद रियायत दिलाएंगी। लेकिन यह सिलसिला चलता जा रहा है। एसैप इसके लिए आगे प्रदर्शन करेगा। जो भी होगा, उसे देखा जाएगा। एसैप बुधवार से एक 16-दिवसीय अभियान शुरू करने जा रही है, जो सभी कॉलेजों और डूसू कैंपस, साउथ कैंपस, नॉर्थ कैंपस में चलाया जाएगा।