िल्ली में मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया समेत अन्य मौसमी बीमारियों के केस बढ़ने से लोग परेशान हैं, लेकिन भाजपा के चारों इंजन पूरी तरह से बेपरवाह हैं। इसका नतीजा यह है कि अभी तक भाजपा सरकार ने मच्छर जनित इन बीमारियों को रोकने के लिए कोई सख्त क़दम नहीं उठाया है। उधर, इन बीमारियों को रोकने वाले एमटीएस समान वेतन, मेडिकल लाभ समेत अन्य मांगों को लेकर हड़ताल पर बैठे हैं और सरकार उनकी मांगों को पूरा नहीं कर रही है। जब से दिल्ली में भाजपा की सरकार आई है, हर वर्ग के लोग परेशान है। एक फिर दिल्ली में धरना-प्रदर्शन और हड़ताल का दौर लौट आया है। बुधवार को सिविक सेंटर में प्रेसवार्ता कर ‘‘आप’’ के वरिष्ठ नेता व नेता प्रतिपक्ष अंकुश नारंग ने यह बातें कहीं।
अंकुश नारंग ने कहा कि यह समय मच्छर जनित बीमारियों का है। बारिश के मौसम में मलेरिया, चिकन गुनिया और डेंगू की बीमारियां तेजी से बढ़ती हैं। मच्छरों की तादाद इस समय बहुत ज्यादा होती है। लेकिन भाजपा मलेरिया, चिकनगुनिया और डेंगू के खिलाफ कोई कड़े कदम नहीं उठा रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने हाल में एक साप्ताहिक रिपोर्ट दी। लेकिन जब कोई महामारी या बीमारी आती है, तो उसकी रोजाना की रिपोर्ट आनी चाहिए, साप्ताहिक नहीं। जैसे कोविड में सूचना पटल पर रोजाना के केस दिखते थे। इसी तरह मलेरिया, चिकनगुनिया और डेंगू की भी रोजाना की रिपोर्ट आनी चाहिए। इससे लोगों में जागरूकता बढ़ेगी। लोग सतर्क होंगे। खुद ही कदम उठाएंगे। लेकिन भाजपा की रिपोर्ट साप्ताहिक आती है। कभी-कभी तो वह भी नहीं भेजते। भाजपा इन रिपोर्ट को प्रकाशित भी नहीं करती। न ही सार्वजनिक करती है।
अंकुश नारंग ने कहा कि 2025 की रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल मलेरिया के 112 केस आए। पिछले साल यही केस 97 थे और उससे पिछले साल 34 केस थे। डेंगू के अब तक 261 केस आ चुकें हैं। 2023 में इसकी संख्या 97 थी। यानी इस साल डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया दिल्ली में तेजी से बढ़ रहे हैं। लेकिन भाजपा के पास इन्हें रोकने की कोई ठोस योजना नहीं है। अगर रोजाना की रिपोर्ट प्रकाशित हो, तो जनता में जागरूकता बढ़ेगी। लोग सतर्क होंगे। लेकिन भाजपा इन केसों को जनता तक नहीं ले जाती।
अंकुश नारंग ने कहा कि भाजपा सरकार में मच्छरों को रोकने वाले पहले कहलाये जाने वाले डोमेस्टिक ब्रीडिंग चेकर (डीबीसी) अब मल्टी टास्किंग स्टाफ (एमटीएस) वर्कर्स के साथ भेदभाव हो रहा है। “आप” की सरकार ने डीबीसी वर्कर्स को एमटीएस बनाया था। कमिश्नर के प्रस्ताव पर यह हुआ। सभी को एक समान तनख्वाह दी। लेकिन आज एमटीएस वर्कर्स को छह अलग-अलग स्केलों में तनख्वाह मिल रही है। वे हड़ताल पर हैं। उनकी तीन मांगें हैं। पहली, सभी की तनख्वाह एक समान हो। दूसरी, अगर किसी की मृत्यु हो, तो उनके परिवार के सदस्य को नौकरी मिले। तीसरी, अर्न लीव्स, मेडिकल लीव्स और मेडिकल लाभ मिलें।
अंकुश नारंग ने कहा कि मल्टी टास्किंग स्टाफ की मांगें जायज हैं। 20-30 साल से काम करने वाले कर्मचारी ऐसी मांगें रख रहे हैं, तो इसमें कुछ गलत नहीं है। “आप” की सरकार ने तो समानता दी थी। लेकिन भाजपा इन मांगों को लागू नहीं कर रही है। चार इंजन की सरकार होने के बावजूद कर्मचारियों के लिए कुछ नहीं कर रही है। जब मच्छर जनित बीमारियां बढ़ रही हैं, तब ये वर्कर्स हड़ताल पर हैं, क्योंकि उनकी मांगें पूरी नहीं हो रही।
अंकुश नारंग ने कहा कि एमटीएस वर्कर मच्छरों के सबसे करीब होता है। वह दवाई डालकर हमें बचाता है। लेकिन उसे ही सुविधाएं नहीं मिल रही हैं। एमटीएस वर्कर्स ने मेयर राजा इकबाल सिंह के सामने आवाज उठाने का प्रयास किया, लेकिन उन्होंने मुलाकात तक नहीं की। उल्टा एक मैसेज भेजा, जिसमें साफ-साफ चेतावनी थी कि हड़ताल खत्म न हुई, तो एमटीएस वर्कर्स को बर्खास्त कर दिया जाएगा। यह शर्मनाक है। उन्होंने कहा कि भाजपा को तुरंत कड़े कदम उठाने चाहिए। मलेरिया, चिकनगुनिया और डेंगू के मामले कम करने चाहिए। डीबीसी को एमटीएस बनाने का प्रस्ताव “आप” ने दिया था। 3200 वर्कर्स को एमटीएस बनाया गया। भाजपा को भी उन्हें आय की समानता का अधिकार और सारे लाभ देने चाहिए।