आम आदमी पार्टी ने एमसीडी की एससी कमेटी में सदस्यों की संख्या में भारी कटौती करने को लेकर भाजपा पर तीखा हमला बोला है। एमसीडी में ‘‘आप’’ के नेता प्रतिपक्ष अंकुश नारंग ने कहा कि सत्ता की लोभी भाजपा दलित विरोधी है। इसलिए उसने अपना चेयरमैन बनाने के लिए 35 सदस्यीय एससी कमेटी को कम करके 21 सदस्यीय कर दिया है। क्योंकि उसके पास सिर्फ 9 पार्षद ही दलित समाज से हैं। जबकि एमसीडी में 42 में से 31 दलित पार्षद ‘‘आप’’ के हैं। अगर कमेटी का चेयरमैन ‘‘आप’’ का बन जाता तो क्या बिगड़ जाता? सिर्फ सत्ता के लोभ में भाजपा ने 14 दलित पार्षदों का अधिकार छीन लिया है। अगर ये पार्षद कमेटी में होते तो अपने समाज की आवाज उठाते, लेकिन भाजपा ने इससे भी उन्हें वंचित कर दिया।
आम आदमी पार्टी के एमसीडी में नेता प्रतिपक्ष अंकुश नारंग ने प्रेसवार्ता कर कहा कि कुछ दिन पहले एमसीडी की कमेटियों का चुनाव होना था, लेकिन महापौर राजा इकबाल सिंह ने अचानक एक नोटिस जारी कर कमेटियों के चुनाव को रोक दिया। क्योंकि वह 10 जुलाई को आयोजित सदन की बैठक में एक प्रस्ताव लाना चाहते थे। यह किसी को भी नहीं पता था कि महापौर कमेटियों में क्या संशोधन करना चाहते थे। अब वह संशोधन सामने आ गया है। भाजपा के मेयर ने कमेटियों में जो संशोधन किया है, वह पूरी तरह से दलित विरोधी कार्य है।
अंकुश नारंग ने कहा कि अभी तक एमसीडी में अनुसूचित जाति की कमेटी 35 सदस्यों की होती थी। लेकिन भाजपा संशोधन प्रस्ताव लाकर अनुसूचित जाति की कमेटी को 21 सदस्यीय कर दिया है। अनुसूचित जाति की एक कमेटी से भाजपा ने 14 सदस्य कम कर दिए हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा आदर्शवाद की बहुत बात करती है और मेयर राजा इकबाल सिंह सिद्धांतों की बात करते हैं। एमसीडी चुनाव के दौरान 42 सीटें एससी वर्ग के लिए आरक्षित थी। इसमें से 36 सीटें आम आदमी पार्टी जीती। दलित समाज ने भाजपा को एमसीडी चुनाव में दरकिनार कर दिया। भाजपा ने एससी की मात्र 6 सीटें ही जीत सकी। इसके बाद भाजपा ने ईडी-सीबीआई से डराकर आम आदमी पार्टी के कुछ पार्षदों को तोड़ लिया।
अंकुश नारंग ने कहा कि भाजपा के पास एससी के पार्षद ही नहीं हैं। इसलिए भाजपा ने एससी की कमेटी की सदस्यों की संख्या 35 से घटाकर 21 कर दी है। भाजपा के पास वर्तमान में 9 पार्षद दलित समाज से हैं। इसलिए उसने अपने 9 पार्षद कमेटी में शामिल कर दिए। जबकि 7 पार्षद ‘‘आप’’ और 2 पार्षद इंद्रप्रस्थ विकास पार्टी (आईवीपी) के हैं। जबकि आवंटित लिस्ट में आईवीपी का एक पार्षद था। कांग्रेस का भी एक पार्षद सूची में था, लेकिन उसके पास दलित पार्षद नहीं था। तो भाजपा ने कांग्रेस का कोटा आईवीपी को दे दिया। इससे साफ है कि इस कमेटी के चुनाव में भाजपा, कांग्रेस और आईवीपी मिलकर काम कर रहे हैं। भाजपा के पास सिर्फ 9 पार्षद ही एससी के थे, इसलिए इन्होंने 21 सदस्यीय कमेटी बना दी।
अंकुश नारंग ने भाजपा से पूछा कि एससी कमेटी 35 सदस्यीय थी, जिसमें 32 सदस्य पार्षद थे और 3 नॉमिनेटेड थे। लेकिन अब भाजपा ने 18 सदस्य नॉमिनेटेड कर दिया है। यानि भाजपा ने 14 दलित पार्षदों का अधिकार छीन लिया है। भाजपा ने कमेटी गठन कुछ इस प्रकार कर दिया है कि चेयरमैन भाजपा का ही बने। भाजपा को बताना चाहिए कि आखिर क्या बिगड़ जाता, अगर यह कमेटी 35 सदस्यीय ही रहती। अगर 35 सदस्यीय कमेटी होती तो आम आदमी पार्टी का दलित पार्षद चेयरमैन बन जाता। दलितों के अधिकारों की बात उठती। भाजपा ने जिन 14 दलित पार्षदों को कमेटी से वंचित कर दिया है, उनका अधिकार छीनने का क्या इनके पास अधिकार था? क्या भाजपा सत्ता में इसलिए आई है कि वह अपना चेयरमैन बना सके।
अंकुश नारंग ने कहा कि भाजपा हमेशा दलित विरोधी काम कर रही है। कर्मचारियों को पक्का करने, टीचर्स के प्रमोशन के बाद अब एससी कमेटी में भी भाजपा दलित विरोधी काम कर रही है। भाजपा बताए 14 दलित पार्षदों का अधिकार क्यों छीना? भाजपा सत्ता के लोभ में कमेटी में यह प्रस्ताव क्यों लाई, जबकि वर्षों से 35 सदस्यीय कमेटी बन रही थी। क्या भाजपा ने अपना चेयरमैन बनाने के लिए 35 सदस्यीय कमेटी को कम करके 21 सदस्यीय कर दिया।
इस दौरान सिटी एसपी जोन के चेयरमैन विकास टांग ने कहा कि 2007 में वह पार्षद हैं। उस समय भी एससी कमेटी में 35 मेंबर थे। लेकिन भाजपा ने सत्ता के दुरुपयोग से इसे घटाकर 21 कर दिया। सिर्फ इसलिए ताकि उनका चेयरमैन बन जाए। 14 मेंबर, जो कमेटी में आ सकते थे, उनकी आवाज दबा दी गई। ये लोग अपने क्षेत्र के अनुसूचित जाति के लोगों की समस्याएं उठाते। लेकिन भाजपा ने उनके अधिकार छीन लिए। उन्होंने कहा कि “आप” ने सदन में 12,000 सफाई कर्मचारियों को पक्का करने का प्रस्ताव पारित किया था। ये कर्मचारी 20-20 सालों से पक्के होने का इंतजार कर रहे हैं। भाजपा सत्ता का दुरुपयोग कर रही है। भाजपा दलितों का हक छीन रही है। जबकि “आप” दलितों को उनका अधिकार दिलाने की बात करती है। एक बार फिर भाजपा का दलित विरोधी चेहरा सबके सामने आ चुका है।