यमुना को प्रदूषण मुक्त बनाने के भाजपा सरकार के दावों की पोल खुद उसकी ही एजेंसी डीपीसीसी ने खोल दी है। डीपीसीसी की रिपोर्ट कह रही है कि दिल्ली में भाजपा सरकार बनने के बाद यमुना मैया और मैली हो गई हैं। जिन इलाकों में यमुना बिल्कुल साफ थीं, अब वहां भी दो-तीन गुना प्रदूषण बढ़ गया और जलीय जीव मर रहे हैं। भाजपा सरकार ने तो 90 दिनों में यमुना को साफ करने का दावा किया था, लेकिन अब तो छह महीने हो चुके हैं। आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता व विधायक संजीव झा ने सोमवार को पार्टी मुख्यालय में प्रेसवार्ता कर यह बातें कहीं। उन्होंने मांग की कि सीएम रेखा गुप्ता यमुना सफाई की प्रगति रिपोर्ट सार्वजनिक करें और बताएं कि केंद्र, दिल्ली, हरियाण और यूपी में भाजपा की सरकार होने के बावजूद यमुना और प्रदूषित क्यों हो रही हैं?
संजीव झा ने कहा कि हाल ही में यमुना में प्रदूषण को लेकर दिल्ली पॉल्यूशन कंट्रोल कमिटी (डीपीसीसी) की रिपोर्ट आई है। डीपीसीसी की रिपोर्ट ने भाजपा सरकार के झूठे, खोखले वादे का पर्दाफाश कर दिया है। दिल्ली चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत भाजपा के बड़े-बड़े नेताओं ने बड़े-बड़े दावे किए थे। दिल्ली में भाजपा की सरकार बनी और दो-तीन दिन बाद ही एलजी और सीएम रेखा गुप्ता समेत अन्य नेता यमुना के किनारे जाकर फोटो खिंचवाए। यमुना की सफाई शुरू होने को लेकर कई सारे रील बने। दावे किए गए कि यमुना एक से तीन महीने में साफ हो जाएगी।
संजीव झा ने कहा कि डीपीसीसी ने एक जुलाई को यमुना के कई जगहों से पानी का सैंपल लिया था और 18 जुलाई को अपनी रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट बता रही है कि भाजपा सरकार के आने के बाद यमुना में प्रदूषण की स्थिति बद से बदतर हो गई है। यमुना के जिन हिस्सों में प्रदूषण नहीं था और पानी बिल्कुल साफ था। आज उन सभी जगहों पर पानी की गुणवत्ता खराब हो गई है। पानी में प्रदूषण बढ़ा है। पल्ला से लेकर वजीराबाद तक यमुना की लंबाई 22 किलोमीटर की है। इतनी दूरी में यमुना के पानी में बीओडी, एफसी खराब नहीं होते थे। एक जुलाई को लिए गए सैंपल की रिपोर्ट कहती है कि अब यहां के पानी में दो-तीन गुना प्रदूषण बढ़ गया है। बुराड़ी विधानसभा में यमुना बिल्कुल साफ बह रही थी। लेकिन प्रदूषण बढ़ने से दो माह पहले सारी मझलियां मर गईं।
संजीव झा ने कहा कि भाजपा ने 90 दिनों में यमुना को साफ करने का वादा किया था, लेकिन अब तो 6 महीेने हो चुके हैं। जब यमुना की सफाई बहुत तेज गति से चल रही थी तो जिन इलाकों में यमुना साफ थी, वहां पानी प्रदूषित कैसे हो गया? आखिर वहां प्रदूषण कैसे बढ़ गया? आम आदमी पार्टी शुरू से कहती रही है कि यमुना में प्रदूषण हरियाणा के इंडस्ट्रीयल कचरे की वजह से हो रहा है। तब भाजपा इससे इन्कार करती थी और कहती थी कि हरियाणा को बदनाम किया जा रहा है। लेकिन अब तो डीपीसीसी खुद कह रहा है कि हरियाणा का इंस्ट्रीयल कचरा पल्ला वाले इलाके में आने से प्रदूषण हो रहा है। दिल्ली के अंदर यमुना में फैले प्रदूषण के लिए जिम्मेदार उत्तर प्रदेश और हरियाणा का इंडस्ट्रीयल कचरा है। ‘‘आप’’ लगातार कहती रही है कि अगर हरियाणा और यूपी अपने इंडस्ट्रीयल कचरे को ट्रीट करके यमुना में गिराए तो दिल्ली के अंदर यमुना में प्रदूषण नहीं होगा।
संजीव झा ने कहा कि दिल्ली में अब तो भाजपा की चार इंजन की सरकार है। केंद्र, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और दिल्ली में भी भाजपा की सरकार है। इसके बाद भी यमुना में प्रदूषण बढ़ रहा है, लेकिन भाजपा अब इस पर चुप्पी साधी बैठी है। दिल्ली की मुख्यमंत्री और पर्यावरण मंत्री अब दिल्ली की जनता को बताएं कि इन छह महीनों में यमुना की कितनी सफाई हुई? भाजपा सरकार का ही महकमा बता रहा है कि यमुना की स्थिति और बदतर हुई है। आखिर यमुना में प्रदूषण बढ़ने की अब जिम्मेदारी किसकी है। ‘‘आप’’ दिल्ली सरकार से मांग करती है कि छह महीने में यमुना की सफाई में कितनी प्रगति हुई है, इसका लेखा-जोखा दिया जाएगा। यमुना एक्शन प्लान-3 में क्या प्रगति हुई, इसकी रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए। बात तो यमुना को साफ करने की थी तो उसमें और प्रदूषण कैसे बढ़ा। भाजपा सरकार ने अपने 90 दिन के एक्शन प्लान में भी यमुना की सफाई को रखा था। लेकिन यमुना मैया के हालात नहीं सुधरे, बल्कि और बदतर हो गए।
संजीव झा ने कहा कि डीपीसीसी की रिपोर्ट महत्वपूर्ण इसलिए भी है, क्योंकि यह जुलाई महीने की है। जुलाई में बारिश शुरू हो जाती है, हरियाणा द्वारा यमुना में पानी छोड़ा जाता है। इसके बाद भी यमुना में प्रदूषण बढ़ा है, जबकि कम होना चाहिए। भाजपा के हर वादे झूठे साबित हो रहे हैं। खुद भाजपा की एजेंसी ही इनके वादे झूठे साबित कर रही हैं। भाजपा ने दिल्ली की जनता से यमुना को साफ करने का झूठा वादा किया था। दिल्ली के स्कूल, अस्पताल, बिजली, दवाई, फ्री बस सेवा समेत सभी वादों पर भाजपा ने यू-टर्न लिया है। हमें उम्मीद है कि यमुना में बढ़ने प्रदूषण को लेकर मुख्यमंत्री और पर्यावरण मंत्री जवाब देंगे।