आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने स्पाइनल मस्कुलर एट्रॉफी (एसएमए) टाइप वन नामक जानलेवा बीमारी से पीड़ित 8 माह के बच्चे के इलाज में मदद के लिए अपनी सैलरी से 51 हजार रुपए की मदद देने की घोषणा की है। साथ ही, देश के प्रधानमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री, सभी राजनेताओं, स्वयंसेवी संस्थाओं समेत आम जनता से भी अपनी क्षमता के अनुसार मदद करने की अपील की है। संजय सिंह ने बताया कि हरियाणा पुलिस में सेवा दे रहे राजेश कुमार के बेटे युवांश की जान बचाने के लिए 14.50 करोड़ रुपए का इंजेक्शन लगना है। अगर यह इंजेक्शन नहीं लगा तो उसकी जान को खतरा है। यह चंदा इंपैक्ट गुरु के जरिए इकट्ठा किया जा रहा है। कोई भी व्यक्ति यहां जाकर सहयोग राशि दे सकता है।
शनिवार को पार्टी मुख्यालय में प्रेस वार्ता कर संजय सिंह ने कहा कि हरियाणा के रहने वाले मासूम बच्चे का नाम युवांश है और इसकी उम्र आठ महीने है। डॉक्टरों ने बताया है कि बच्चे को स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी (एसएमए) टाइप वन नामक अत्यंत गंभीर बीमारी है। इस बीमारी से ठीक होने के लिए 14 करोड़ रुपए का इंजेक्शन लगता है। इस बारे में मैंने संसद में भी सवाल उठाया था। ऐसे किसी भी बच्चे का जीवन बचाने का काम उसके परिवार के लिए संभव नहीं है। परिवार अपनी पत्नी के गहने, कुछ जमीनें या अपना घर बेच सकता है, लेकिन फिर भी 14 करोड़ रुपये की धनराशि इकट्ठा नहीं कर सकता। ऐसे मामलों में देश के लोगों को खड़ा होना पड़ेगा। अपनी जीवन की जरूरतों में से एक रुपये, हजार रुपये, लाख रुपये निकालकर अपनी क्षमता के अनुसार बच्चे का सहयोग करने के लिए आगे आना पड़ेगा।
संजय सिंह ने कहा कि ऐसे मामलों में मदद करने के लिए देश में बहुत सारे दानवीर व दयालु लोग सामने आते हैं। मैं हाथ जोड़कर देशवासियों से विनती करता हूं कि अगर इस आठ महीने के बच्चे की जिंदगी बचाना चाहते हैं, तो जो भी बन पड़े, अपनी क्षमता के अनुसार इस बच्चे के इंजेक्शन के लिए मदद कीजिए। यह इंजेक्शन नहीं है, बच्चे की की जिंदगी है। 144 करोड़ की आबादी वाला भारत इतना कमजोर नहीं हैं कि एक मासूम बच्चे को बचाने के लिए अपनी ओर से सहयोग नहीं कर सकते।
संजय सिंह ने कहा कि बच्चे के पिता राजेश कुमार हरियाणा पुलिस के जवान हैं। मैं हरियाणा पुलिस को भी धन्यवाद देना चाहता हूं। हरियाणा के डीजीपी ने हर पुलिसकर्मी से एक-एक दिन की सैलरी बच्चे को देने के लिए अपील की है। यह बहुत अच्छी पहल है। इसी तरह, अन्य राज्यों के पुलिसकर्मियों से भी मदद करें। यह उनके एक भाई से जुड़ा हुआ मामला है। साथ ही, सभी सामाजिक व धार्मिक संस्थाओं, राजनेताओं, प्रधानमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री से विनती करता हूं कि इस बच्चे का जीवन बचाने के लिए इसका सहयोग कीजिए। मीडिया से अपील है कि इस मामले को प्रमुखता से दिखाए ताकि लोगों को जानकारी मिल सके और वो मदद के लिए आगे आ सके।
संजय सिंह ने कहा कि इस बच्चे के पास समय बहुत कम है। डॉक्टरों ने बताया है कि अगर इसको इंजेक्शन नहीं लगा, तो ढाई साल से ज्यादा इसका जीवन नहीं है। इसलिए मैं सभी से हाथ जोड़कर फिर से विनती करता हूं कि इसके लिए अपनी ओर से सहयोग कीजिए। यह चंदा इंपैक्ट गुरु के माध्यम से इकट्ठा किया जा रहा है। इसके लिए क्यूआर कोड भी है, जिसमें कोई भी व्यक्ति जाकर अपनी सहयोग राशि दे सकता है। बैंकों की सारी जानकारी भी मौजूद है। अगर जल्दी बच्चे को इंजेक्शन नहीं लगा, तो इसकी जान जा सकती है। 30 जून को मेरी सैलरी आ जाएगी, तो मैं 51,000 रुपये की छोटी सी सहयोग राशि इस बच्चे के लिए दूंगा। देशवासियों से भी विनती है कि वह इसकी मदद कीजिए।
वहीं, युवांश के पिता राजेश ने कहा कि मैं देशवासियों से यही कहना चाहूंगा कि ज्यादा से ज्यादा मेरा सहयोग करें, ताकि लोगों के सहयोग से मेरे बच्चे का जीवन बच सके और एक नई उमंग के साथ यह अपना जीवन यापन कर सके। युवांश की मां ने भी अपील की कि मेरे बच्चे का जीवन बचाने के लिए ज्यादा से ज्यादा सहयोग करें।