दिल्ली नगर निगम की सत्ता संभालते ही भाजपा ने फिर से भ्रष्टाचार करना शुरू कर दिया है। ताजा मामला एक रियल एस्टेट कंपनी एस्ट्रॉयड शेल्टर्स होम्स प्राइवेट लिमिटेड से जुड़ा है। लॉरेंस रोड स्थित इंडस्ट्रीयल एरिया में कंपनी के एक प्रोजेक्ट के सामने कूड़ा घर व एक सरकारी ऑफिस है, जिसे हटाने के लिए भाजपा के मेयर राजा इकबाल सिंह ने एक प्रस्ताव एमसीडी सदन में टेबल किया है। इसके पास होने से कंपनी के प्रोजेक्ट की कीमत लगभग 150 से 200 करोड़ बढ़ जाएगी, जबकि कूड़ा घर व ऑफिस हटाने में महज 60-70 लाख रुपए ही खर्च होंगे। यह बड़ा खुलासा करते हुए एमसीडी में आम आदमी पार्टी के नेता प्रतिपक्ष अंकुश नारंग ने कहा कि मेयर के प्रस्ताव में भ्रष्टाचार साफ दिख रहा है। आखिर प्रस्ताव लाने की इतनी जल्दबाजी क्यों है, मेयर और भाजपा नेताओं का इसमें क्या हित छिपा है?
आम आदमी पार्टी के एमसीडी में नेता प्रतिपक्ष अंकुश सोमवार को पार्टी मुख्यालय में प्रेस वार्ता कर कहा कि हाल ही में एमसीडी के हाउस में एक प्रस्ताव टेबल पर रखा गया, जिस पर राजा इकबाल सिंह के हस्ताक्षर हैं। एमसीडी में मेयर रूपी राजा इकबाल सिंह का यह पहला हाउस था, फिर ऐसी क्या जल्दबाजी थी कि यह प्रस्ताव तुरंत टेबल पर लाया गया। यह प्रस्ताव एक प्राइवेट कंपनी एस्ट्रॉयड शेल्टर्स होम्स प्राइवेट लिमिटेड से संबंधित है, जो 12 साल पुरानी गैर-सरकारी कंपनी है। यह कंपनी लॉरेंस रोड इंडस्ट्रियल एरिया में ब्लॉक ए, प्लॉट नंबर चार से आठ तक एक हाउसिंग सोसाइटी बना रही है।
अंकुश नारंग ने कहा कि इस हाउसिंग सोसाइटी के ठीक सामने 300 फीट की दूरी पर एमसीडी का एक ढलाव (कूड़ा घर) और डैम्स डिपार्टमेंट का एक ऑफिस है। प्रस्ताव में इस ढलाव और डैम्स डिपार्टमेंट के ऑफिस को हटाने की मांग की गई थी। प्रस्ताव में यह भी उल्लेख किया गया कि कंपनी स्वयं अपने खर्चे पर ढलाव और ऑफिस को दूसरी जगह शिफ्ट कर देगी। इस शिफ्टिंग में कंपनी को मात्र 60 से 70 लाख रुपए का खर्च आएगा, लेकिन इससे उसकी प्रॉपर्टी की रियल एस्टेट कीमत में लगभग 150 से 200 करोड़ रुपए की बढ़ोतरी होगी।
अंकुश नारंग ने बताया कि प्रस्ताव के छठें पॉइंट में साफ लिखा है कि उक्त एजेंसी के अनुरोध की जांच की गई और यह पाया गया कि एमसीडी ने पहले कभी ऐसी प्राइवेट पार्टियों के अनुरोध को स्वीकार नहीं किया। यानी, एमसीडी के इतिहास में पहले कभी ऐसा अनुरोध प्राइवेट पार्टी से नहीं स्वीकारी गई। इसके बावजूद, प्रस्ताव में लिखा है कि यदि ढलाव को शिफ्ट किया जाता है, तो इससे स्वच्छता सेवाओं पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा। प्रस्ताव में यह भी स्वीकार किया गया है कि एस्ट्रॉयड शेल्टर्स होम्स प्राइवेट लिमिटेड यह शिफ्टिंग केवल अपनी हाउसिंग प्रोजेक्ट की रियल एस्टेट कीमत बढ़ाने के लिए कर रही है।
अंकुश नारंग ने कहा कि एमसीडी कमिश्नर ने साफ लिखा है कि दिल्ली की जनता ढलाव को अपने घरों के पास नहीं चाहती और अगर इस तरह के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई, तो अन्य लोग भी ऐसी मांगें उठा सकते हैं। प्रस्ताव में लिखा है कि यदि बाद में ऐसे और प्रस्ताव आते हैं, तो उन्हें व्यक्तिगत रूप से उनकी योग्यता के आधार पर जांचना और मूल्यांकन करना होगा। क्या मेयर राजा इकबाल सिंह ने इस प्रस्ताव में कोई पात्रता देखी? यह एमसीडी के इतिहास में पहला उदाहरण है, जहां एक प्राइवेट हाउसिंग सोसाइटी के कहने पर ढलाव और डैम्स डिपार्टमेंट के ऑफिस को शिफ्ट किया जा रहा है।
अंकुश नारंग ने कहा कि ढलाव शिफ्ट करने के लिए सामान्य प्रावधान तब लागू होते हैं, जब मेट्रो लाइन या स्टेशन बन रहा हो, ताकि लोगों को असुविधा न हो। या सड़क चौड़ीकरण के कारण ढलाव रास्ते में आ रहा हो। लेकिन इस मामले में ऐसी कोई स्थिति नहीं थी। फिर भी, मेयर राजा इकबाल ने इस प्रस्ताव को टेबल पर रखा और पास करवा दिया।
अंकुश नारंग ने बताया कि दिल्ली में 100 से ज्यादा ढलाव हैं। मैं स्वयं वार्ड नंबर 87 से पार्षद हूं, जहां ढलाव के कारण लोगों को बदबू और अन्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसी तरह, पार्षद पुनीत राय के वार्ड नंबर 91 में भी ढलाव की समस्या है। दिल्ली की जनता को ढलाव से होने वाली बदबू और कूड़े की गाड़ियों से परेशानी होती है, लेकिन मेयर ने इन ढलावों को शिफ्ट करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया। इसके बजाय, एक प्राइवेट कंपनी के सामने वाले ढलाव को शिफ्ट करने का प्रस्ताव पास कर दिया गया।
अंकुश नारंग ने कहा कि यह प्रस्ताव स्टैंडिंग कमेटी में जाना चाहिए था, क्योंकि एमसीडी में किसी भी संपत्ति या स्ट्रक्चर की मंजूरी के लिए स्टैंडिंग कमेटी की भूमिका होती है। लेकिन राजा इकबाल सिंह ने स्टैंडिंग कमेटी को दरकिनार कर एमसीडी के अधिकारों का हनन किया और इस प्रस्ताव को टेबल पर रखकर पास करवा दिया। सत्ता और संख्या बल के दम पर भाजपा ने यह प्रस्ताव पारित किया, ताकि एस्ट्रॉयड शेल्टर्स होम्स प्राइवेट लिमिटेड को फायदा पहुंचाया जा सके।
अंकुश नारंग ने कहा कि जब सेंट्रल जोन में कूड़ा नहीं उठ रहा, तो भाजपा कहती है कि टेंडर अप्रूवल के लिए स्टैंडिंग कमेटी की जरूरत है। सड़कों पर कूड़ा फैला हुआ है, लेकिन उसका समाधान करने के लिए कोई प्रस्ताव टेबल पर नहीं लाया जाता। इसके विपरीत, इस तरह के प्रस्ताव, जो एक प्राइवेट कंपनी की रियल एस्टेट कीमत बढ़ाने के लिए हैं, तुरंत टेबल पर लाए जाते हैं। मेयर या अन्य भाजपा नेताओं का इस प्रस्ताव में क्या हित था? यह साफ तौर पर भाजपा के भ्रष्टाचार का मामला है, क्योंकि डेढ़ महीने के भीतर ही भाजपा ने एमसीडी में फिर से भ्रष्टाचार शुरू कर दिया।
अंकुश नारंग ने कहा कि मेरा एमसीडी के विपक्ष नेता के रूप में राजा इकबाल सिंह से सवाल है कि जब कमिश्नर ने साफ लिखा कि यह प्रस्ताव केवल हाउसिंग सोसाइटी की रियल एस्टेट कीमत बढ़ाने के लिए है और एमसीडी में ऐसा कोई केस पहले नहीं है, तो फिर ऐसी क्या मजबूरी थी कि यह प्रस्ताव टेबल पर लाया गया। मेयर और अन्य भाजपा नेताओं का इस प्रस्ताव में क्या हित था, जिसके कारण उन्होंने एक प्राइवेट कंपनी की रियल एस्टेट कीमत बढ़ाने के लिए ढलाव शिफ्ट करने की मंजूरी दी?