आम आदमी पार्टी ने दिल्ली के पीतपुरा स्थित एमसीडी के कम्युनिटी सेंटर में छह साल के बच्चे की डूबने से हुई दुखद मौत के लिए भाजपा की एमसीडी को जिम्मेदार बताया है। एमसीडी में नेता प्रतिपक्ष अंकुश नारंग ने कहा कि एमसीडी की लापरवाही से मासूम बच्चे की जान गई है, लेकिन कार्रवाई को लेकर सीएम रेखा गुप्ता और मेयर राजा इकबाल सिंह चुप है। उन्होंने कहा कि स्वीमिंग पूल में जब यह घटना हुई, उस दौरान वहां लाइफगार्ड मौजूद नहीं था। वहां सुरक्षा उपकरण व सीसीटीवी कैमरे भी नहीं थे। जब तक लाइफगार्ड वहां आकर बच्चे को बाहर निकालता, तक तक उसकी मौत हो चुकी थी। एमसीडी ने मोटी फीस लेकर स्वीमिंग पूल निजी हाथों में सौंप दिया है, लेकिन सुरक्षा मानकों पर ध्यान नहीं दिया। सीएम रेखा गुप्ता और मेयर राजा इकबाल सिंह बताएं कि मासूम बच्चे की डूबने से हुई मौत के लिए जिम्मेदार कौन है?
आम आदमी पार्टी के एमसीडी में नेता प्रतिपक्ष अंकुश नारंग ने रविवार को पार्टी मुख्यालय पर प्रेसवार्ता कर कहा कि दिल्ली के पीतमपुरा स्थित एमसीडी के कम्युनिटी सेंटर का स्विमिंग पूल है। शुक्रवार को इस स्वीमिंग पूल में दिल्ली निवासी छह वर्षीय बच्चा दक्ष राठी की स्वीमिंग के दौरान दुखद मौत हो गईं दक्ष राठी के साथ दो अन्य बच्चे भी स्विमिंग कर रहे थे। उन दोनों बच्चों को पता चला कि दक्ष राठी, दिखाई नहीं दे रहा है तो उन्होंने शोर मचाया। इसके बाद वहां लाइफगार्ड आए। डूबने के तीन-चार मिनट बाद लाइफ गार्ड दक्ष को पानी से बाहर निकाला और अस्पताल लेकर गए। डॉक्टरों ने दक्ष राठी को मौके पर ही मृत घोषित कर दिया। डॉक्टरों ने बताया कि बच्चा तीन से चार मिनट तक पानी में डूबा रहा, जिसके कारण उसकी मृत्यु हुई।
अंकुश नारंग ने कहा कि बच्चे के रिश्तेदारों ने बताया कि दक्ष राठी को स्वीमिंग अच्छे से आती थी। पिछले साल उसने समर कैंप में स्विमिंग सत्र में हिस्सा भी लिया था और बेहतरीन प्रदर्शन भी किया था। यह पूरा हादसा एमसीडी कम्युनिटी सेंटर के स्विमिंग पूल में हुआ। एमसीडी का कहना है कि उसने स्विमिंग पूल को एक प्राइवेट कंसेशनरी को दे रखा है। जांच में पाया गया कि घटना के दौरान वहां न कोई सेफ्टी मेजर्स थे और ना ही कोई सीसीटीवी कैमरा था। लाइफगार्ड भी मौके पर मौजूद नहीं था। लाइफ गार्ड को बच्चे को पानी से निकालने में तीन से चार मिनट लग गए।
अंकुश नारंग ने कहा कि इस घटना से एमसीडी पर कई सवाल उठते हैं। एमसीडी ने भारी भरकम फीस लेकर स्वीमिंग पूल को एक प्राइवेट कंसेशनरी को सौंप दिया। लेकिन एमसीडी ने सेफ्टी मेजर्स पर ध्यान नहीं दिया। इतनी बड़ी लापरवाही बरती गई कि लाइफगार्ड भी समय पर उपलब्ध नहीं था। एक छोटे से बच्चे को पानी से निकालने में तीन से चार मिनट लग गए। इस हादसे से कई सवाल खड़े होते हैं। भाजपा शासित एमसीडी को बताना चाहिए कि क्या उसने कभी स्वीमिंग पूल के पैरामीटर्स कभी चेक किए? क्या यह प्राइवेट कंसेशनरी सभी जरूरी पैरामीटर्स को पूरा कर रहा था? क्या एमसीडी ने कभी वहां सेफ्टी मेजर्स का जायजा लिया? दिल्ली की जनता और बच्चे वहां स्विमिंग करने जाते हैं, क्या वे वहां सुरक्षित हैं? क्या एमसीडी ने कभी यह जांचा कि वहां तैनात लाइफ गार्ड्स इतने प्रशिक्षित हैं कि अगर कोई बच्चा या व्यक्ति डूबने लगे, तो उसे तुरंत बचा सकें और कितने सेकंड में बचा सकें?
अंकुश नारंग ने भाजपा से प्रश्न किया कि भाजपा के मेयर राजा इकबाल सिंह के कार्यकाल और सीएम रेखा गुप्ता की निर्वाचन क्षेत्र पीतमपुरा में यह हादसा हुआ है। क्या मेयर ने कभी इन स्वीमिंग पूल्स का जायजा लिया? क्या उन्होंने कभी जांचा कि दिल्ली की जनता स्वीमिंग करते समय सुरक्षित है? एमसीडी जो स्विमिंग पूल्स प्राइवेट कंसेशनरीज को दे देती है, क्या वे केवल कमीशन लेते हैं या अपने लोगों को मुफ्त में स्वीमिंग करने के लिए मजबूर करते हैं? क्या वे सेफ्टी मेजर्स और लाइफगार्ड्स की जांच करते हैं? क्या वे यह देखते हैं कि दिल्ली की जनता की जिंदगी सुरक्षित है या नहीं? मेयर राजा इकबाल सिंह और सीएम रेखा गुप्ता उन्होंने अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। रेखा गुप्ता मुख्यमंत्री हैं, उनके इलाके में यह हादसा हुआ है। सीएम को बताना चाहिए कि उन्होंने सुरक्षा मानकों का उल्लंघन करने वाले स्विमिंग पूल्स के खिलाफ क्या कार्रवाई की? उन्होंने कहा कि दिल्ली की सीएम और मेयर बताएं कि इस हादसे को लेकर प्राइवेट कंसेशनरी पर क्या कार्रवाई की है। इस तरह का हादसा होना ही नहीं चाहिए थाख् लेकिन उनके कार्यकाल में ऐसे हादसे हो रहे हैं। दिल्ली जानना चाहती है कि सरकार ने स्वीमिंग पूल मेें सुरक्षा मानक सुनिश्चित करने, लापरवाही रोकने, सीसीटीवी कैमरे लगाने और प्रशिक्षित लाइफगार्ड्स की व्यवस्था के लिए क्या कदम उठाए गए?