दिल्ली में पानी की भारी किल्लत को लेकर सोमवार को मंगोलपुरी में महिलाओं ने भाजपा सरकार के खिलाफ मटका फोड़ प्रदर्शन किया। आम आदमी पार्टी की महिला विंग की प्रदेश अध्यक्ष सारिका चौधरी के नेतृत्व में हुए प्रदर्शन के दौरान बड़ी संख्या में स्थानीय महिलाओं ने हिस्सा लिया और सीएम रेखा गुप्ता से पर्याप्त और साफ पानी उपलब्ध कराने की मांग की। इस दौरान सारिका चौधरी ने कहा कि दिल्ली की जनता प्यास से तड़प रही है और मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता एसी कमरों में आराम फरमा रही हैं। दिल्ली की जनता 100 दिन में ही भाजपा सरकार से परेशान हो गई है। न नल में पानी है और न भाजपा सरकार में शर्म है। “जब से दिल्ली में भाजपा सरकार आई है, पूरी दिल्ली में पानी नहीं आ रहा है। हर जगह त्राहि-त्राहि मची हुई है।
सारिका चौधरी ने कहा कि मंगोलपुरी में राकेश जाटव यहां के निगम पार्षद हैं और क्षेत्र की सारी महिला शक्ति के साथ-साथ हर गली से आईं लोकल महिलाओं ने हमें बताया है कि यहां पानी की भारी किल्लत है। पानी बूंद-बूंद करके आता है, वो भी गंदा। पीने के लिए साफ पानी उपलब्ध नहीं है। 24 घंटों में मात्र दो घंटे पानी आता है और वो भी गंदा। इससे स्थानीय महिलाएं और पुरुष बेहद परेशान हैं। लोग कपड़े नहीं धो पाते, क्योंकि पानी का इंतजार करना पड़ता है। इस वजह से लोग न तो मार्केट जा पाते हैं और न ही काम पर। पानी कब आएगा, इसका कोई निश्चित समय नहीं है। जब से रेखा गुप्ता की सरकार बनी है, तब से पूरी दिल्ली में पानी को लेकर त्राहि-त्राहि मची है। हम सभी विधानसभाओं में जा रहे हैं, महिलाओं से बात कर रहे हैं और हर जगह यही शिकायत है कि पानी की भारी कमी है।
सारिका चौधरी ने कहा कि मंगोलपुरी के भाजपा विधायक राजकुमार चौहान, जो पहले कई बार विधायक और दिल्ली सरकार में मंत्री रह चुके हैं, इतने अनुभवी होने के बावजूद इस सरकार में फेल साबित हुए हैं। वे जनता को न पानी दे पा रहे हैं, न बिजली। उन्होंने जनता को बेवकूफ बनाने का काम किया। गैस सिलेंडर देने का वादा किया, लेकिन वो भी पूरा नहीं हुआ। महिलाओं को झूठे वादों से ठगा गया। बिजली और पानी जैसी मूलभूत सुविधाएं महिलाओं के लिए सबसे जरूरी हैं, लेकिन इन्हें भी बंद कर दिया गया। बिजली के बिल अब 8-10 हजार रुपये तक आने लगे हैं, जबकि जिनके घर की आय 10-15 हजार रुपये है, वे इतना बिल कहां से भरेंगे? पानी के बिल भी आने लगे हैं। महिलाओं के लिए मुफ्त बस सेवा भी बंद होने की कगार पर है। तीन महीनों में ही महिलाएं सड़कों पर उतर आई हैं। झुग्गियां तोड़ी जा रही हैं, जिससे लोग और परेशान हैं।
महिलाओं ने कहा कि भाजपा सरकार की संवेदनाएं शायद सूख चुकी हैं, क्योंकि उनकी इस हरकत का भी कोई असर नहीं हुआ। दिल्ली की जनता बूंद-बूंद पानी को तरस रही है, लेकिन मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता अपने एसी कमरों में आराम फरमा रही हैं। जब से रेखा गुप्ता की सरकार दिल्ली में बनी है, पानी की भारी किल्लत ने जनता का जीना मुहाल कर दिया है। जब से रेखा गुप्ता की सरकार बनी है, दिल्ली में बड़े-बड़े पावर कट लगने शुरू हो गए हैं, जो अरविंद केजरीवाल की सरकार में कभी नहीं देखे गए। पहले पानी पूरा दिन उपलब्ध रहता था, लेकिन अब पानी आता ही नहीं और अगर आता भी है तो इतना गंदा कि उसे इस्तेमाल करना मुश्किल है। हम केजरीवाल से अपील करती हैं कि दिल्ली की जनता, खासकर महिलाएं, उन्हें याद कर रही हैं। प्रधानमंत्री मोदी का कार्यकाल पूरा हो चुका है, वे दिल्ली की सत्ता केजरीवाल को सौंप दें, क्योंकि देश चलाना उनके बस की बात नहीं।
महिलाओं ने कहा कि देश को एक पढ़े-लिखे व्यक्ति की जरूरत है और वह अरविंद केजरीवाल हैं। अगले पांच साल बाद दिल्ली में भाजपा वैसे ही भागेगी, जैसे पिछली बार भगी थी। इस बार सत्ता में वापस आ गए, लेकिन अब 70 साल बाद भी वापसी नहीं होगी। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, जो खुद एक महिला हैं, फिर भी महिलाओं का दर्द नहीं समझ पा रही हैं। रसोईघर, जो हर महिला के निजी जीवन का मुख्य हिस्सा है, वहां पानी की कमी ने जीवन को और मुश्किल बना दिया है। रेखा गुप्ता ने चुनाव से पहले किए सारे वादे झूठे साबित हुए हैं। उन्होंने मांग की कि रेखा गुप्ता तुरंत अपने पद से इस्तीफा दें और अरविंद केजरीवाल को सत्ता सौंप दें।
महिलाओं ने कहा कि रात को दो-तीन बजे तक मोटर चलाने की कोशिश में उनकी नींद खराब होती है, फिर भी पानी नहीं मिलता। गंदे पानी से बीमारियां हो रही हैं। मंगोलपुरी के स्कूलों में प्राइवेट स्कूलों की फीस बढ़ा दी गई है और बच्चों की शिक्षा पर भी असर पड़ रहा है। बिजली बिल इतने ज्यादा आ रहे हैं कि 10,000 रुपये की आय में 6,000 रुपये का बिल देना असंभव है। केजरीवाल के शासन में उनका बिजली बिल जीरो था और 10,000 रुपये में गुजारा अच्छे से हो जाता था, लेकिन अब वे रो रही हैं कि कैसे गुजारा करें।