आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता व पूर्व विधायक सोमनाथ भारती ने रविवार को मालवीय नगर विधानसभा के वाल्मीकि कैंप में झुग्गीवासियों के साथ शांतिपूर्ण बातचीत करने पहुंचे, लेकिन दिल्ली पुलिस ने उन्हें बातचीत करने से रोक दिया। सोमनाथ भारती ने कहा कि दिल्ली में इमरजेंसी जैसे हालात है। मैं बाल्मीकि कैंप में झुग्गीवासियों से बातचीत करने गया तो भाजपा ने पुलिस भेज कर मुझे बात करने से रोक दिया। जबकि वाल्मीकि कैंप के लोगों से उनका घर जैसा रिश्ता है। क्या अब मैं अपने परिवार के लोगों से बात भी नहीं कर सकता। भाजपा ने चुनाव के दौरान जहां झुग्गी, वहां मकान देने का वादा किया था, लेकिन अब इसका उल्टा कर रही है।
सोमनाथ भारती ने कहा कि आज उन्हें ऐसा महसूस हुआ जैसे दिल्ली में इमरजेंसी लागू हो गई हो। जिस प्रकार से भाजपा ने पुलिस भेजकर वाल्मीकि कैंप के लोगों के साथ हो रही शांतिपूर्ण बातचीत को रोका, वह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। हम बार-बार कहते हैं कि देश में एक अघोषित इमरजेंसी जैसी स्थिति है और आज उसका एक रूप सामने आया। मैं क्षेत्र (मालवीय नगर) के तीन बार के विधायक हूं और पूर्व मंत्री भी रह चुका हूं।
सोमनाथ भारती ने कहा कि वाल्मीकि कैंप के लोगों से उनका घर जैसा रिश्ता है और उनके सारे दुख उनके अपने दुख हैं। क्या अब मैं अपने क्षेत्र के लोगों से बातचीत भी नहीं कर सकता? भाजपा एक तरफ तो दुख देती है और फिर रोने भी नहीं देती, न ही बातचीत करने देती। आज मालवीय नगर क्षेत्र के लोग बहुत आहत और दुखी हैं। भाजपा ने वादा किया था कि जहां झुग्गी, वहां मकान, लेकिन अब स्थिति ऐसी हो गई है कि जहां झुग्गी थी, वहां मैदान बन गया। भाजपा झुग्गियों को तोड़कर खाली जमीन को अपने अमीर दोस्तों को सौंपना चाहती है।
सोमनाथ भारती ने कहा कि भाजपा ने चुनाव के दौरान वादा किया था कि जहां झुग्गी, वहां मकान देंगे, लेकिन अब वह इसका ठीक उल्टा कर रही है। 50-50 साल पुरानी झुग्गी बस्तियां, चाहे वह वजीरपुर हो, मद्रासी कैंप हो, ओखला हो, निजामुद्दीन हो, या बटला हाउस हो, हर जगह झुग्गियां तोड़-तोड़कर उन बेचारों को बेघर किया जा रहा है, जो बमुश्किल अपने दो वक्त की रोटी का जुगाड़ कर पाते हैं। बच्चे कहां जाएंगे, महिलाएं कहां जाएंगी? ये लोग श्रमिक हैं, रिक्शा चालक हैं, ठेले वाले हैं और आज सभी बेघर हो रहे हैं।
सोमनाथ भारती ने कहा कि उनके क्षेत्र में दो झुग्गी बस्तियां हैं, वाल्मीकि कैंप और इंदिरा कैंप और एक बस्ती निजामुद्दीन में नजीन बिहार के अंदर है। इन लोगों के मन में बहुत सारी शंकाएं थीं, इसलिए वह उनसे बात करने आए थे। लेकिन भाजपा ने पुलिस भेजकर उनकी इस मीटिंग को रोक दिया और उनकी बातचीत नहीं होने दी। यह स्थिति ऐसी है जैसे दिल्ली में इमरजेंसी लागू हो गई हो। आज देश में इमरजेंसी जैसा माहौल प्रतीत हो रहा है। भाजपा ने दिल्ली में हर प्रकार का दुख देने का फैसला कर लिया है, मारती भी है और रोने भी नहीं देती।