आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने भाजपा द्वारा किए जा रहे वोट घोटाले पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि भाजपा धांधली करके और बेईमानी से दिल्ली का चुनाव लड़ना चाहती है। इस मुद्दे पर हम दोपहर तीन बजे मुख्य चुनाव आयुक्त से मुलाकात करेंगे। भाजपा के कई सांसदों के सरकारी बंगले के पते से 30-40 वोट बनवाने की एप्लीकेशन दी गई है, जबकि पहले यहां पर 2 से 4 वोट ही थे। अचानक इतने वोट कैसे बढ़ गए? भाजपा के इस वोट घोटाले में स्थानीय डीएम भी शामिल हैं। वह आए आवेदनों को सही बता रहे हैं। इसका मतलब है कि वह भी इन लोगों का वोट बनाने का मन बना चुके हैं। अरविंद केजरीवाल के साथ दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, राज्यसभा सदस्य संजय सिंह और राघव चड्ढा भी चुनाव आयोग से मिलने जाएंगे।*नामांकन की अंतिम तारीख से 10 दिन पहले तक वोट ट्रांसफर के लिए आवेदन कर सकते हैं- केजरीवाल*पार्टी मुख्यालय में सोमवार को प्रेसवार्ता कर अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आज मैं, दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, राज्यसभा सदस्य संजय सिंह और राघव चड्ढा दोपहर तीन बजे चुनाव आयोग से जाकर मिलेंगे। हमारे दो मुद्दे हैं। पहला, पटपड़गंज से हमारे उम्मीदवार अवध कुमार ओझा का वोट ग्रेटर नोएडा में बना हुआ था। उन्होंने दिल्ली में वोट बनवाने के लिए 26 दिसंबर को फॉर्म 6 भरकर आवेदन दिया था। लेकिन उन्हें कोई जवाब नहीं आया। किसी ने उनसे कहा कि क्योंकि उनका ग्रेटर नोएडा में वोट बना हुआ है तो उन्हें वोट ट्रांसफर के लिए फॉर्म 6 नहीं, फॉर्म 8 भरना पड़ेगा। इसलिए उन्होंने 7 जनवरी को फॉर्म 8 भर दिया। कानून के मुताबिक, फॉर्म 8 भरने की 7 जनवरी आखिरी तारीख थी। इलेक्शन कमीशन के मैनुअल यह कहते हैं कि नामांकन की अंतिम तारीख से 10 दिन पहले तक फॉर्म 6, फॉर्म 7, फॉर्म 8 भरे जा सकते हैं। *क्या यह आदेश जानबूझकर अवध ओझा को चुनाव से बाहर करने के लिए निकाला गया?- केजरीवाल*अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली की निर्वाचन अधिकारी ने एक आदेश निकालकर कहा है कि फॉर्म 8 भरने की 7 जनवरी आखिरी तारीख है। लेकिन रहस्यमय ढंग से एक दिन बाद उन्होंने दोबारा आदेश निकालकर कहा कि 6 जनवरी आखिरी तारीख है। यह दूसरा आदेश क्यों निकाला गया? यह कानून के खिलाफ है। यह चुनाव आयोग की गाइडलाइंस और मैनुअल के खिलाफ है। गाइडलाइंस और मैनुअल यह कहता है कि नामांकन की अंतिम तारीख से 10 दिन पहले तक फॉर्म 8 स्वीकार किए जाएंगे। नामांकन की अंतिम तारीख 17 जनवरी के हिसाब से 10 दिन पहले की तारीख 7 जनवरी है। 7 जनवरी आखिरी तारीख होनी चाहिए। निर्वाचन अधिकारी ने भी आदेश निकाला था कि 7 जनवरी आखिरी तारीख होगी। लेकिन फिर अचानक से ऐसा प्रतीत होता है कि पीठ पीछे कुछ हुआ है। अचानक से यह आदेश आता है कि 7 जनवरी नहीं 6 जनवरी आखिरी तारीख मानी जाएगा। 24 घंटे के अंदर ही आदेश पलट दिया जाता है। क्या यह आदेश जानबूझकर अवध ओझा को चुनाव से बाहर करने के लिए निकाला गया? *आखिरी तारीख के बाद भी आए आवेदन को चुनाव आयोग स्वीकार कर सकता है- केजरीवाल*अरविंद केजरीवाल ने कहा कि चुनाव आयोग का मैनुअल कहता है कि अगर कोई फॉर्म 8 यानि वोट ट्रांसफर कराने की एप्लिकेशन आखिरी तारीख के बाद भी आती है तो चुनाव आयोग उस पर गौर कर सकता है। लेकिन हमारे लिए यह उम्मीदवार के उम्मीदवारी का सवाल है और इसमें किसी भी तरह की कोई गड़बड़ नहीं है। अवध ओझा का वोट ग्रेटर नोएडा से दिल्ली ट्रांसफर होना है। इसलिए आज हम मुख्य चुनाव आयुक्त से मिलेंगे और उनसे निवेदन करेंगे कि अवध ओझा के वोट को ट्रांसफर कराया जाए ताकि वह अपना नॉमिनेशन फाइल कर सकें। *भाजपा सांसदों के घर के पते पर वोट बनाने में चुनाव आयोग भी मिला हुआ है- केजरीवाल*अरविंद केजरीवाल ने आगे कहा कि हमारा दूसरा मुद्दा है कि नई दिल्ली विधानसभा के अंदर भाजपा सांसद प्रवेश वर्मा, सीपी जोशी, कमलेश पासवान, पंकज चौधरी, जय प्रकाश, रेबती, ज्योतिर्मय महतो समेत कई सांसदों के घर से 30-40 नए वोट बनने के लिए एप्लिकेशन गई हुई हैं। यह बहुत रहस्यमयी है। मुझे एक पत्रकार ने बताया कि उन्होंने स्थानीय डीएम से पूछा कि वह इस मामले पर क्या कर रहे हैं? इस पर डीएम ने जवाब दिया कि सांसद के घर में माली, नौकर भी होते हैं। इसका मतलब है कि स्थानीय डीएम मन बना चुका है कि इस खेल में वह भी शामिल है। प्रवेश वर्मा अपने मौजूदा पते पर 11 साल से रह रहे हैं तो क्या वह 11 साल से वह बिना नौकर, माली और रसोइएं के काम चला रहे थे? उस पते पर तब 3 वोट बने हुए थे। वह 3 वोट से काम चला रहे थे। अब अचानक 15 दिन में उन्हें सारे रसोइएं और माली याद आ गए। यह क्या है? इसमें चुनाव आयोग भी मिला हुआ है। भाजपा भी मिली हुई है। *दिल्ली की जनता भाजपा के वोट फर्जीवाड़ा को स्वीकार नहीं करेगी- केजरीवाल*अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अगर सांसदों के घरों से 30-40 वोट 10-15 दिन पहले बनने शुरू हो जाएंगे और स्थानीय डीएम उसका जस्टिफिकेशन देगा तो चुनाव की प्रक्रिया में पवित्रता कहां बच गई? फिर चुनाव करवा क्यों रहे हो? घोेषित कर दो भाजपा जीत गई और अब देश के अंदर तानाशाही होगी। हम यह किसी भी हालत में नहीं होने देंगे। ये हरियाणा, महाराष्ट्र जैसे मर्जी जीते होंगे लेकिन दिल्ली की जनता भाजपा का यह फर्जीवाड़ा स्वीकार नहीं करेगी। यह भाजपा की धांधली चल रही है। यह दिल्ली के लोग किसी भी हालत में नहीं होने देंगे। अभी हमें समय नहीं मिल पाया है क्योंकि हमने कल रात को ही निवेदन भेजा है। हम चुनाव आयोग के शुक्रगुजार हैं कि जब भी हमने उनसे वक्त मांगा उन्होंने हमें वक्त दिया। यह मामला अति आवश्यक है। अगर तुरंत अवध ओझा के वोट का ट्रांसफर नहीं हुआ तो वह नॉमिनेशन पेपर नहीं भर पाएंगे। अगर इनके साथ स्थानीय डीएम मिला हुआ है और उसने सारे वोट जोड़ दिए तो उन्हें रिजेक्ट कराना मुश्किल हो जाएगा, क्योंकि अब आखिरी तारीख खत्म हो चुकी है।