भाजपा की केंद्र सरकार द्वारा टेक्सटाइल इंडस्ट्री को 28 फीसद के दायरे लाने की हो रही कवायद पर आम आदमी पार्टी ने कड़ी आपत्ति जताई है। “आप” के वरिष्ठ नेता सुशील गुप्ता ने कहा कि मोदी सरकार टैक्सटाइल इंडस्ट्री पर 28 फीसद जीएसटी लगाकर भारत को मैन्युफैक्चरिंग हब की जगह कंज्यूमर हब बनाना चाहती है। पहले ही 5 से बढ़ाकर 12 फीसद जीएसटी के दायरे में लाने के बाद से ही टैक्सटाइल इंडस्ट्री प्रभावित है, अब और टैक्स बढ़ने से व्यापारियों की कमर टूट जाएगी। उन्होंने कहा कि मोदी जी देश में थोक कपड़ा बनाने, युवाओं के लिए जॉब बढ़ाने और लोगों को सस्ता कपड़ा दिलाने की जगह चीन को धंधा दिलवाने में लगे हैं। हमें ऐसी अर्थव्यवस्था बनानी चाहिए कि देश छोड़ कर गए लोग वापस आएं, लेकिन मोदी जी ऐसी अर्थव्यवस्था बना रहे हैं कि सारे व्यापारी देश छोड़ कर चले जाएं।
आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता सुशील गुप्ता ने कहा कि भाजपा ने हर इंडस्ट्री को बर्बाद कर दिया है। अब ये कपड़ा बनाने वाली इंडस्ट्री के पीछे पड़ गए हैं। कपड़ा आदमी की बेसिक जरूरत होती है। अगर कपड़ा इंडस्ट्री पर टैक्स ज़्यादा लगेगा तो ज़ाहिर सी बात है की इसका बोझ आम जनता को उठाना पड़ेगा। बहुत विचार विमर्श के बाद टैक्सटाइल इंडस्ट्री को 5 फीसद के टैक्स स्लैब में रखा गया। लेकिन जब देश कोविड के दौर से गुज़र रहा था, लोगों की कमाई बंद थी, दुकानों पर ताले लग चुके थे, तब भाजपा ने टैक्सटाइल इंडस्ट्री पर 12 फीसद जीएसटी लगा दिया। इसका प्रभाव क्या हुआ? छोटा व्यापारी जो सिर्फ़ उतना ही प्रॉफिट बनाता था कि अपने परिवार का पेट पाल सके, उसकी कमर टूट गई। उसको अपना व्यापार बंद करना पड़ा और वो आज दिल्ली आकर टैक्सी चला रहा है।
सुशील गुप्ता ने आगे कहा कि दूसरा प्रभाव क्या पड़ा? बड़े व्यापारी का एक्सपोर्ट बंद हो गया। क्योंकि लोग बांग्लादेश और चीन से कपड़े ख़रीदने लगे। देश में मैन्युफैक्चरिंग कम हो गई। व्यापारी को अपने कर्मचारी नौकरी से निकालने पड़े। अपने देश के ही व्यापार बंद करके, लोगों की नौकरियां खा कर भी मोदी जी का पेट नहीं भरा। अब भाजपा ने ठाना है कि टैक्सटाइल इंडस्ट्री पर 12 फीसद की जगह 28 फीसद जीएसटी लगाएंगे। भारत को मैन्युफैक्चरिंग हब नहीं कंज्यूमर हब ही बना कर छोड़ेंगे। सारा व्यापार बांग्लादेश और चीन को दे देंगे। अपने देश में कपड़े भी चीन से आने लगेंगे।
सुशील गुप्ता ने कहा कि कहां बात होनी चाहिए कि हमारे व्यापारी ठोक में कपड़े बनाएं, लोगों को नौकरी पर रखें, देशवासियों को भी सस्ता कपड़ा मिले, एक्सपोर्ट बड़े और कहां प्रधानमंत्री मोदी फिर व्यापारियोें की कमर तोड़ने पर विचार कर रहे हैं, चीन को ही धंधा दिलवाने में लगे हैं। पिछले 10 सालों में करीब बीस लाख भारतीय देश छोड़ कर जा चुके हैं जिसमें से करीब तीस हज़ार बेहद संपन्न बिजनेसमैन थे। क्योंकि उनके हिसाब से भारत में व्यापार करना मुश्किल होते जा रहा था। हमें ऐसी अर्थव्यवस्था बनानी है कि हम इन लोगों को भी वापस लेकर आयें पर मोदी जी ऐसे अर्थव्यवस्था बनाने में लगे हैं कि सब व्यापारी देश छोड़ के चले जाएं। क्यों मोदी जी अपने देश के व्यापारियों की कमर तोड़ कर सारा व्यापार बांग्लादेश और चीन को देना चाहते हैं?