आम आदमी पार्टी ने बांगलादेश में इस्कॉन संगठन के खिलाफ हाल ही में की गई अनुचित कार्रवाई के बाद इस्कॉन के समर्थन में मजबूती से आवाज उठाई है। आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया और दिल्ली के कैबिनेट मंत्री सौरभ भारद्वाज गुरुवार को दिल्ली स्थित इस्कॉन गए और महंतों से मिलकर उन्हें अपना समर्थन दिया। दोनों नेताओं ने महंत चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी की कड़ी निंदा की और कहा कि उनके खिलाफ कार्रवाई करने वाले दावे निराधार और अनुचित हैं। उन्होंने इस्कॉन के वैश्विक मिशन को भी सराहा, जो शांति, सद्भाव और मानवसेवा को बढ़ावा देता है। मनीष सिसोदिया ने कहा कि बांग्लादेश में इस्कॉन मंदिरों पर हमले और चिन्मय कृष्ण दास जी की गिरफ्तारी पर केंद्र सरकार की चुप्पी शर्मनाक है।
मनीष सिसोदिया ने भारत सरकार से बांग्लादेश के अधिकारियों से बातचीत करने की अपील की, ताकि इस्कॉन के भक्तों और बांगलादेश में रहने वाले हिंदू समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। उन्होंने संगठन के खिलाफ फैलाए जा रहे झूठे आरोपों का कूटनीतिक जवाब देने की जरूरत पर बल दिया और कहा कि ऐसे संस्थान की प्रतिष्ठा को बनाए रखना बहुत महत्वपूर्ण है, जो वैश्विक शांति और समाज सेवा में समर्पित है।
मनीष सिसोदिया ने कहा कि भारत सरकार को इस मामले पर कड़ी प्रतिक्रिया देनी चाहिए कि इस्कॉन जैसे संगठन को कोई आतंकवादी कैसे कह सकता है। इस्कॉन ने ना सिर्फ पूरी दुनिया में मानवता का संदेश दिया बल्कि दुनिया के कोने-कोने में ज़मीन पर उतरकर काम किया है। उसको किसी देश का समूह अगर आतंकवादी कहता है तो भारत को कड़ी प्रतिक्रिया देनी चाहिए। देश के प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को खुलकर कहना चाहिए कि इस्कॉन को अगर कोई देश आतंकवादी संगठन कहेगा तो हम उस पर जवाब देंगे, उस पर कड़ी प्रतिक्रिया देंगे। कैसे हो सकता है कि जो पूरी दुनिया में हरे कृष्णा का संदेश देते हैं, उनको कोई देश आतंकवादी कहे और हम चुप बैठे रहें। भारत सरकार को इस पर जो कुछ हो सकता है, वो तुरंत करना चाहिए।
मनीष सिसोदिया ने कहा कि इस्कॉन के खिलाफ लगाए गए आरोप केवल संगठन की छवि के लिए खतरा नहीं हैं, बल्कि इससे बांग्लादेश में इसके सदस्यों की सुरक्षा को भी खतरा है। उन्होंने कहा कि इसका तात्कालिक समाधान जरूरी है, और भारत सरकार को इन बेबुनियाद आरोपों का जवाब देने के लिए कूटनीतिक कदम उठाने चाहिए।
मनीष सिसोदिया ने एक्स पर कहा कि बांग्लादेश में इस्कॉन मंदिरों पर हमले हो रहे हैं। मूर्तियां तोड़ी जा रही हैं और चिन्मय कृष्ण दास जी जैसे प्रमुखों को गिरफ्तार कर उन्हें जमानत तक नहीं दी जा रही है। इस मसले पर आज दिल्ली के इस्कॉन मंदिर में महंत विजेंद्र नंदन दास प्रभु, अभय गौर दास, प्रदीप मल्होत्रा और युधिष्ठिर गोविंद दास जी के साथ चर्चा की।
उन्होंने कहा कि जो लोग हरे राम-हरे कृष्ण का मंत्र लेकर, पूरी दुनिया में प्रेम, भाईचारे और भारतीयता का संदेश फैला रहे हैं, उन्हें आतंकवादी साबित करने की कोशिश हो रही है और भारत सरकार हाथ पर हाथ रखे बैठी है, यह शर्मनाक है। हम सबको पूरे बल के साथ एकजुट होकर खड़ा होना होगा और यह सुनिश्चित करना होगा कि इस्कॉन और उसके अनुयायियों को न्याय मिले। यह हमारी सांस्कृतिक धरोहर और धर्मनिरपेक्षता की रक्षा का मामला है।
वहीं, कैबिनेट मंत्री सौरभ भारद्वाज ने भी इस पर अपनी चिंता व्यक्त की और भारत से निर्णायक कदम उठाने की अपील की। उन्होंने कहा, ‘‘इस्कॉन भारत की धरोहर के हिस्से के रूप में शांति और करुणा के मूल्यों का प्रतीक है। इस संगठन को बदनाम करने की किसी भी कोशिश का हमारी केंद्र सरकार को कड़ा जवाब देना चाहिए।’’