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पंजाब की जनता ने जालंधर संसदीय सीट पर ऐतिहासिक जीत दिलाकर आम आदमी पार्टी के कामों पर अपनी मुहर लगा दी है। राष्ट्रीय पार्टी बनने के बाद आम आदमी पार्टी ने पहली संसदीय सीट जीत कर आज संसद में एंट्री ले ली। “आप” के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जालंधर की जनता के साथ-साथ इस चुनाव में अपना पसीना बहाने वाले आम आदमी पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं को बहुत-बहुत बधाई। जालंधर के जनादेश ने बता दिया कि पंजाब की जनता “आप” सरकार के काम से बहुत खुश और संतुष्ट है। भाजपा ने चरणजीत सिंह अटवाल के बेटे और कांग्रेस ने संतोष सिंह चौधरी की पत्नी को टिकट दिया था। इन दोनों को हराकर पंजाब की जनता ने परिवारवाद को हराया है। उधर, पंजाब के सीएम भगवंत मान ने कहा कि इस जीत से हम सभी का हौसला बढ़ा है। अब हमें जालंधर समेत प्रदेश के सभी शहरों को चमका कर देश में पंजाब को नंबर वन बनाना है।

नई दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय पर शनिवार को पंजाब के सीएम भगवंत मान के साथ “आप” के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने प्रेस वार्ता कर कहा कि जालंधर लोकसभा सीट पर आज चुनाव के नतीजे आए हैं। इस पर आम आदमी पार्टी की ऐतिहासिक जीत हुई है। आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी सुशील रिंकू ने भरी मतों के अंतर से जीत दर्ज की है। पिछले 50-60 साल से कांग्रेस जीतती रही थी। आम आदमी पार्टी कांग्रेस के गढ़ में सेंध मारकर जीती है।

उन्होंने कहा कि पिछले साल पंजाब में हमारी सरकार बनी थी। करीब एक साल बाद यह चुनाव हुआ है। किसी भी नई सरकार के लिए पहला साल सबसे कठिन होता है। पुरानी सरकारों ने जो गलत काम किए थे, वह हमें विरासत में मिले थे। इसके अलावा कई समस्याएं थीं। उन समस्याओं को ठीक करते-करते आम आदमी पार्टी की भगवंत मान सरकार ने सकारात्मक माहौल तैयार किया। हम केवल काम की राजनीति करते हैं। हम न धर्म की और न ही जाति की राजनीति करते हैं। हमारे कामों के बल पर ही हम वोट मांगते हैं। पंजाब और जालंधर की जनता का मूड इस जीत में दिखाई देता है। आम जनता ने भगवंत मान सरकार के कामों पर ठप्पा लगाया है कि आप बहुत अच्छा काम कर रहे हो, ऐसे ही लगे रहो। पंजाब और जालंधर की जनता का मैं तहेदिल से शुक्रिया अदा करना चाहता हूं।

जालंधर में ऐतिहासिक जीत से जुड़े आंकडे पेश करते हुए “आप” के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पंजाब में पिछले साल 92 सीट जीतकर हमने सरकार बनाई थी। आम आदमी पार्टी की करीब सवा साल पहले जबरदस्त लहर थी। जालंधर की लोकसभा सीट में 9 विधानसभाएं आती हैं। उस लहर में भी हम 9 में से केवल 4 विधानसभा सीट जीत पाए थे और 5 कांग्रेस के पास चली गईं थीं। कांग्रेस का यह इतना बड़ा गढ़ था कि विधानसभा चुनाव में जबरदस्त आम आदमी पार्टी की लहर में भी कांग्रेस 5 सीट जीत गई थी। लेकिन आज उन 9 में से 7 विधानसभा क्षेत्रों में आम आदमी पार्टी ने जीतीं हैं। केवल जालंधर सेंट्रल और नॉर्थ की सीटों पर हम थोड़ा पीछे रहे हैं। पिछले साल विधानसभा के चुनाव में पूरे पंजाब के अंदर 42 फ़ीसदी मत मिले थे। लेकिन जालंधर में सिर्फ 28 फ़ीसदी मिले थे जो आज यह वोट प्रतिशत बढ़कर 34 फ़ीसदी हो गया है। पिछली बार विधानसभा चुनाव में चार विधानसभा सीट शाहकोट, आदमपुर, फिल्लौर और जालंधर नॉर्थ पर हम तीसरे नंबर पर थे। लेकिन आज इन 4 में से 3 सीटों पर हमें जीत मिली है और एक सीट पर दूसरे स्थान पर रहे हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में जालंधर सीट पर केवल हमें केवल ढाई प्रतिशत वोट मिले थे लेकिन आज हमें 34 फ़ीसदी वोट मिले हैं।

उन्होंने कहा कि भाजपा ने चरणजीत सिंह अटवाल के बेटे को टिकट दिया था। कांग्रेस ने संतोष सिंह चौधरी की पत्नी को टिकट दिया था। दोनों को हराकर पंजाब की जनता ने परिवारवाद को हराया है और काम की राजनीति को वोट दिया है। आम आदमी पार्टी की 2014 में लोकसभा की 4 सीटें थीं, लेकिन 2019 में एक सीट रह गई थी। वहीं जब भगवंत मान जी पंजाब के मुख्यमंत्री बने तो एक भी लोकसभा की सीट नहीं बची थी। आम आदमी पार्टी की आज लोकसभा में एक सीट से एंट्री हो रही है। देश की जनता ने चाहा तो जल्द आम आदमी पार्टी का लोकसभा के अंदर बहुमत भी होगा। आम आदमी पार्टी अब राष्ट्रीय पार्टी भी बन चुकी है। लोकसभा ही ऐसी जगह थी जहां पर पार्टी की मौजूदगी नहीं थी। अब वहां पर भी आम आदमी पार्टी की मौजूदगी हो गई है।

“आप” सरकार के 14 माह के काम को पंजाब की जनता ने अपनी मुहर लगाई – भगवंत मान*

वहीं, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि लोकसभा की जालंधर सीट पर हुए उपचुनाव के नतीजे आज आए हैं। पंजाब में आम आदमी पार्टी की करीब 14 माह पहले बनी सरकार के कामों पर लोगों ने मुहर लगाई है। हम धर्म और जाति की राजनीति नहीं करते हैं। हम चुनावों के दौरान पंजाब में बनाए गए 580 मोहल्ला क्लीनिकों को गिना रहे थे। स्कूल ऑफ एमिनेंस, जीरो बिजली के बिल, इंफ्रास्ट्रक्चर के नाम पर वोट मांग रहे थे। हम व्यापारी, किसान, मजदूरों की भलाई की बात कर रहे थे। यह अच्छे संकेत है कि लोग सकारात्मक राजनीति को पसंद कर रहे हैं। इसकी शुरुआत दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने से हुई थी। सीएम अरविंद केजरीवाल ने जो काफिला रामलीला मैदान से शुरू किया था, वह आज राष्ट्रीय पार्टी के रूप में बहुत बड़ा बन गया है।

उन्होंने कहा कि पंजाब विधानसभा में हमारे 92 विधायक और दिल्ली विधानसभा में 63 विधायक हैं। इसके अलावा गुजरात विधानसभा में 5 और गोवा विधानसभा में 2 विधायक हैं। साथ ही राज्यसभा में 10 सांसद और लोकसभा में आज से एक सांसद है। राष्ट्रीय पार्टी बनने के बाद ऐसी कोई संवैधानिक संस्था नहीं है, जिसमें हमारा हिस्सा न हो। आम आदमी पार्टी के वालंटियर घर से निकलकर और अपनी जेब से खर्च करके काम करते हैं, यह उनकी जीत है। सीएम अरविंद केजरीवाल जी ने पंजाब को बहुत समय दिया, यह उनकी जीत है।

सीएम भगवंत मान ने कहा कि जिन लोगों ने हमें मान सम्मान दिया, हम उनके आभारी हैं। जिन्होंने हमें गालियां और आपत्तिजनक टिप्पणियां की, हम चाहते हैं कि उनका भी जीवन बेहतर बने। उनको पता चल गया होगा कि गलत आरोपों पर कोई ध्यान नहीं देता है। लोग चाहते हैं कि बच्चों को अच्छी शिक्षा और रोजगार मिले। उनके बिजली के बिल फ्री हो जाएं और बुजुर्गों को मुफ्त अच्छा इलाज मिले। शायद आने वाले दिनों में जो भटके हुए लोग हैं, वह शायद अपनी लाइन को बदल लें। एक दूसरे पर कीचड़ फेंकने की राजनीति के बजाए, हमें विकास की बातें करनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि पंजाब में जब 92 सीट जीतने के बाद अरविंद केजरीवाल ने मुझे मुख्यमंत्री का दायित्व दिया था, तब भी मैंने यही कहा था कि जीतने के बाद अहंकार नहीं करना है। हमारी जिम्मेदारी बड़ी है। इसलिए और मेहनत से काम करना है। जालंधर के लोगों ने इतना भरोसा किया है तो हमें और जिम्मेदारी से काम करना होगा। जालंधर सहित सभी शहरों को चमकाकर देश में पंजाब को नंबर वन बनाना है। जालंधर में जीत के बाद हमारा हौंसला बहुत बढ़ गया है। क्योंकि जब हम प्रचार करने जाते थे तो लोगों को कहते थे कि 11 महीने बाद 2024 में फिर चुनाव होगा। इन दिनों के भीतर हम इतना काम करेंगे कि हाथ जोड़कर वोट ना मांगने पड़ें। अगली बार हमारे कामों के आधार पर वोट मिल जाएं। अब जालंधर की आवाज लोकसभा में पंजाब की आवाज बनकर गुंजेगी। बीजेपी, अकाली दल, बीएसपी कांग्रेस सब इकट्ठे होकर चुनाव लड़े थे। बस इनकी प्रेस कॉन्फ्रेंस ही अलग-अलग होती थी। इसके बावजूद करीब 60 हजार वोटों से जीते हैं। लोगों ने इन सबको नकार दिया और आम आदमी पार्टी के कामों पर मुहर लगाई है।

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