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नई दिल्ली, 28 मार्च 2024

दिल्ली के एक सरकारी मेडिकल कॉलेज भीमराव अंबेडकर में एमबीबीएस कि छात्रों के साथ हुए एक छेड़छाड़ के मामले में पत्रकारों को संबोधित करते हुए, दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि 31 जनवरी 2024 को इस अस्पताल के एक प्रोफेसर ने एमबीबीएस की दो छात्राओं के साथ बहुत अभद्र बातें की और उनके गुप्तांगों को छूने की कोशिश की I उन्होंने कहा कि जब इसकी शिकायत छात्राओं ने अपने एक अध्यापक प्रोफेसर धनकड़ से की तो उन्होंने छात्राओं से इसकी शिकायत प्रधानाचार्य महोदय को दर्ज करने के लिए कहा I पीड़ित छात्राओं ने 1 फरवरी 2024 को प्रधानाचार्य के कार्यालय में अपनी शिकायत दर्ज कराई I मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि शिकायत करने के पश्चात छात्राओं को एक उम्मीद लगी कि शायद इस मामले में कोई कार्यवाही की जाएगी I यह मामला आंतरिक जांच समिति (ICC) को भेजा भी गया, परंतु दिन बीतते गए और कोई कार्यवाही नहीं की गई I उन्होंने कहा कार्यवाही करने के बजाय उल्टा उन छात्रों पर अपनी शिकायत वापस लेने का दबाव प्रधानाचार्य और अस्पताल में ही एक विभाग के उच्च अधिकारी द्वारा बनाया गया I कोई कार्यवाही होती ना देख थक हार कर उन दोनों छात्रों ने 22 फरवरी 2024 को पुलिस के समक्ष अपनी-अपनी एफआईआर दर्ज कराई I

स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि इस मामले के बारे में मुझे सोशल मीडिया के माध्यम से 18 मार्च को पता चला I मैंने तुरंत उन दोनों छात्राओं को मिलने के लिए बुलाया I वह दोनों छात्राएं अपने सीनियर्स और एक वार्डन के साथ मेरे कार्यालय आई और पूरी घटना विस्तार पूर्वक मुझे बताई I मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि उन छात्रों की बात सुनने के बाद जब मैंने मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य से बात की तो प्रधानाचार्य दोषी प्रोफेसर को बचाते हुए नजर आए और उल्टा छात्रों पर ही अनर्गल आरोप लगाने लगे I मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि मामले की गंभीरता को देखते हुए मैंने तुरंत उसी दिन मुख्य सचिव को एक पत्र लिखा और उनसे पूछा कि इस मामले में फरवरी के शुरुआत में गठित की गई आईसीसी की रिपोर्ट अब तक क्यों नहीं आई है ? दूसरी बात मैंने मुख्य सचिव से पूछी की प्रधानाचार्य बता रहे हैं कि 5 फरवरी को उन्होंने इस मामले की जानकारी स्वास्थ्य सचिव को दे दी थी, तो स्वास्थ्य विभाग का मंत्री होने के नाते इस मामले की जानकारी मुझे क्यों नहीं दी गई? और साथ ही साथ मैंने उन्हें निर्देश जारी किए कि दोषी प्रोफेसर को तुरंत प्रभाव से सस्पेंड किया जाए और प्रधानाचार्य एवं उनके सहयोगी अधिकारी जो इन दोनों छात्रों पर शिकायत वापस लेने का दबाव बना रहे हैं, इन दोनों को तुरंत प्रभाव से तबादला किया जाए, एवं 24 घंटे के भीतर मुझे इसकी रिपोर्ट दी जाए I

मंत्री सौरभ भारद्वाज ने पत्रकारों से कहा कि अगले दिन जो रिपोर्ट मुख्य सचिव द्वारा इस संबंध में मुझे प्राप्त हुई वह बेहद ही घटिया और शर्मसार कर देने वाली रिपोर्ट थी I रिपोर्ट के संबंध में पत्रकारों को जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि मुख्य सचिव ने रिपोर्ट में लिखा, कि स्वास्थ्य सचिव ने स्वास्थ्य मंत्री को इस मामले की जानकारी इसलिए नहीं दी, क्योंकि यह मामला सर्विसेज का है, तो स्वास्थ्य मंत्री को इस मामले की जानकारी देने की आवश्यकता नहीं थी I उन्होंने कहा कि दूसरी बात मुख्य सचिव ने रिपोर्ट में यह लिखी की स्वास्थ्य मंत्री यह क्यों कह रहे हैं, कि आईसीसी रिपोर्ट देने में देरी कर रही है, जबकि आईसीसी के पास रिपोर्ट देने के लिए 90 दिन का समय है, आईसीसी अभी अपना काम कर रही है I उन्होंने बताया कि तीसरी बात उस रिपोर्ट में यह लिखी थी, कि इस प्रधानाचार्य के तबादले के लिए एनसीसीएसए को लगभग डेढ़ महीने पहले एक फाइल दी जा चुकी है I पत्रकारों को इस संबंध में जानकारी देते हुए स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि 17 प्रिंसिपल/MS के तबादले की रूटीन फाइल एनसीसीएसए को भेजी गई थी I इस फाइल में दोषी प्रोफेसर का नाम भी नहीं है । उस फाइल में इस मामले का ज़िक्र तक नहीं है।

स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने पत्रकारों से कहा कि इस जवाब को पढ़कर मुझे बेहद ही निराशा हुई I तत्पश्चात मैंने दिल्ली के उपराज्यपाल महोदय को इस संबंध में पत्र लिखा I उन्होंने कहा कि मैंने उपराज्यपाल महोदय से कहा कि तुरंत इस संबंध में कार्यवाही की जाए और इन सभी दोषी अधिकारियों को तुरंत प्रभाव से दूसरी जगह डिटेल किया जाए I उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि एक डॉक्टर को या अन्य स्वास्थ्य अधिकारी या किसी कर्मचारी को एक जगह से दूसरी जगह स्थानांतरित करने के लिए इस विधि का इस्तेमाल किया जाता है और इसके लिए NCCSA की जरूरत नहीं होती और स्वास्थ्य सचिव के पास यह पावर होती है, स्वास्थ्य सचिव भी अपनी पावर का इस्तेमाल करके स्वास्थ्य विभाग के किसी अधिकारी या कर्मचारी को एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल में डिटेल कर सकता है और ऐसा करने में किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं होती है I उन्होंने कहा कि मैंने उपराज्यपाल महोदय को यह भी लिखा कि जब पुलिस अपनी रिपोर्ट इतने ही दिन के भीतर पूरी कर सकती है, तो आईसीसी अपनी जांच रिपोर्ट पूरी करने में इतना समय क्यों लग रही है?

मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि 1 फरवरी को आईसीसी को इस संबंध में शिकायत मिल गई थी, पूरा फरवरी का महीना गुजर गया, 20 दिन मार्च के गुजर गए, लगभग 50 दिन बीत गए हैं, उसके बावजूद भी आईसीसी ने इस संबंध में अभी तक रिपोर्ट दाखिल नहीं की I उन्होंने कहा कि इस मामले में दो लड़कियां पीड़ित हैं, दोनों की गवाही ले ली जाए और आरोपी प्रोफेसर की गवाही ले ली जाए और उन लड़कियों ने सर्वप्रथम जिसको भी इस घटना के बारे में बताया उनकी गवाही ले ली जाए, इस आधार पर बड़ी आसानी से आईसीसी की रिपोर्ट तैयार की जा सकती है I उन्होंने कहा कि जानबूझकर आईसीसी की रिपोर्ट नहीं दी जा रही थी, ताकि उन लड़कियों पर शिकायत वापस लेने का दबाव बनाया जा सके और जानबूझकर स्वास्थ्य सचिव ने इस मामले की जानकारी मुझे नहीं दी ताकि इस मामले में कोई कार्यवाही ना की जा सके I

मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि जब इस संबंध में किसी प्रकार की कोई कार्यवाही स्वास्थ्य सचिव और मुख्य सचिव की ओर से होती नहीं दिखाई दी तो मजबूरन मैंने उपराज्यपाल महोदय को यह चिट्ठी लिखी और उसे चिट्ठी का ही नतीजा था, कि मैंने सुना है कि आईसीसी की रिपोर्ट आ गई है I साथ ही साथ स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि यह बड़े ही शर्म की बात है, कि मुझे पता चला है कि उसे रिपोर्ट में आरोपी प्रोफेसर को आईसीसी द्वारा क्लीन चिट दे दी गई है I उन्होंने कहा कि मैं बेहद ही हैरान हूं कि यहां किस प्रकार के न्याय की, कौन से सर्विसेस डिपार्टमेंट की बात की जा रही है I उन्होंने कहा कि यह बेहद ही शर्म की बात है, कि मैं दिल्ली का स्वास्थ्य मंत्री हूं और मेरे ही विभाग के अस्पताल में मेरे ही राज्य की बच्चियों के साथ इस प्रकार की घटना हो रही है और विभाग के अधिकारियों द्वारा यह कहकर मुझे नहीं बताया जा रहा है, कि यह मामला सर्विसेज विभाग का है, आपका इस मामले से कोई लेना देना नहीं है I मीडिया के माध्यम से दिल्ली के उपराज्यपाल महोदय से निवेदन करते हुए मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि स्वास्थ्य सचिव के पास अधिकार हैं, आप उन दोषी अधिकारियों को तुरंत प्रभाव से डिटेल कर सकते हैं I मेरा आपसे अनुरोध है की इन दोषी अधिकारियों के खिलाफ जल्द से जल्द कार्यवाही कर इनको डिटेल किया जाए

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