Scrollup

मुख्यमंत्री कार्यालय
दिल्ली सरकार, दिल्ली
नई दिल्ली : 23/08/2019

सीसीटीवी लगाने की सुस्त रफ्तार पर दिल्ली सरकार ने बीईएल पर लगाई 16 करोड़ रुपये की पेनाल्टी

–    बीईएल को 22 नवंबर तक 1 लाख 40 हजार सीसीटीवी कैमरे लगाने का काम पूरा करना है
 सीसीटीवी कैमरे लगाने की सुस्त रफ्तार के लिए दिल्ली सरकार भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) पर 16 करोड़ रुपये पेनाल्टी लगाने की तैयारी में है। दिल्ली सरकार के साथ बीईएल के करार के अनुसार इस कंपनी को नौ महीने के भीतर 1 लाख 40 हजार सीसीटीवी कैमरे लगाने हैं और ऐसा न कर पाने की स्थिति में बीईएल पर 10 फीसदी पेनाल्टी का प्रावधान है। बीईएल को पिछले साल नवंबर में दिल्ली में 1 लाख 40 हजार सीसीटीवी कैमरे लगाने का पीडब्ल्यूडी से ठेका मिला था और सारी कागजी प्रक्रिया पूरी होने पर इस साल फरवरी में कैमरे लगने का काम शुरू होना था और नवंबर में ये पूरा काम खत्म होना है। बीईएल की सुस्त रफ्तार के खिलाफ पहला कदम उठाते हुए क्योंकि बीईएल को दिये गये समय में से दो तिहाई समय निकल चुका है, इसलिए दिल्ली सरकार सीसीटीवी लगाने के प्रोजेक्ट की कुल लागत 320 करोड़ के पांच प्रतिशत यानी 16 करोड़ रुपये पेनाल्टी लगाने की तैयारी कर चुकी है। सरकार ने ये बड़ा कदम मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल द्वारा काम की सुस्त रफ्तार पर कड़ा रुख अपनाने के बाद उठाया है। मुख्यमंत्री ने साफ कर दिया है कि हर हाल में सीसीटीवी कैमरे लगाने का काम समय पर पूरा होगा। देरी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और किसी भी जानबूझकर ढिलाई की सूरत में बीईएल को ब्लैक लिस्ट और पूरी 10 प्रतिशत की पेनाल्टी लगाई जाएगी।
कारण बताओ नोटिस
पीडब्ल्यूडी ने बीईएल को काम में देरी पर कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है। यदि बीईएल दिल्ली सरकार के साथ काम को समय पर पूरा करने वाले करार की जरूरी शर्त को किसी भी कारण से पूरा नहीं कर पाती तो करार के अनुसार उसे 10 प्रतिशत पेनाल्टी यानी 32 करोड़ रुपये गंवाने पड़ सकते हैं। बीईएल को 22 नवंबर तक 1 लाख 40 हजार कैमरे लगाने हैं और अभी तक वो केवल 16 कैमरे लगाने का काम ही पूरा कर पाई है। हाल ही में पीडब्ल्यूडी मंत्री श्री सत्येंद्र जैन और दिल्ली के मुख्य सचिव श्री विजय कुमार देव ने बीईएल के सीएमडी को तलब किया था और काम की सुस्त रफ्तार पर नाराजगी जाहिर की थी। उस बैठक में बीईएल के शीर्षस्थ अधिकारी को बताया गया था कि उनकी कंपनी एक दिन में अभी मात्र 400 कैमरे ही लगा पा रही है और इस रफ्तार को कई गुना बढ़ाने की जरूरत है। बैठक में बीईएल की ओर से कहा गया था कि वह रोजाना 15,00 कैमरे लगाने के लक्ष्य पर काम कर रहे हैं।
पीडब्ल्यूडी अब बीईएल से रोजाना की प्रोग्रेस रिपोर्ट मांगी है। इससे पहले पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ने कई बार बीईएल से लिखित पत्राचार और बैठकों के कई दौर में उनसे काम की स्पीड बढ़ाने के लिए कहा था।  
दिल्ली में सीसीटीवी कैमरे लगाना केजरीवाल की सरकार की मुख्य प्राथमिकताओं में से है। और मुख्यमंत्री इस प्रोजेक्ट की खुद बारीकी से निगरानी कर रहे हैं। मुख्यमंत्री खुद कई इलाकों में जाकर सीसीटीवी लगने के कार्य का मुआयना कर रहे हैं और अनेक स्थानों पर महिलाओं ने इसे अपनी सुरक्षा की दिशा में जरूरी और महत्वपूर्ण कदम बताया। साथ ही और सीसीटीवी कैमरे लगाने की मांग की। इसके बाद कैबिनेट ने 1 लाख 40 हजार सीसीटीवी कैमरों की संख्या को बढ़ाकर दोगुना कर दिया और अब दिल्ली सरकार पूरे शहर में लगभग 3 लाख सीसीटीवी कैमरे लगाने जा रही है।
सीसीटीवी लगाने के प्रोजेक्ट पर केजरीवाल सरकार ने 14 फरवरी, 2015 से ही काम शुरू कर दिया था और पिछले चार सालों में अनेक बाधाओं, चुनौतियों, लाल फीताशाही और कई तरह के दुष्प्रचार का सामना करने के बाद दिल्ली में सीसीटीवी कैमरे लगवाने में कामयाबी पाई है।
 ***

When expressing your views in the comments, please use clean and dignified language, even when you are expressing disagreement. Also, we encourage you to Flag any abusive or highly irrelevant comments. Thank you.

sudhir