Scrollup

सामाजिक कल्याण मंत्री राजेन्द्र पाल गौतम का विवादित जमीन पर बयान

आम आदमी पार्टी की सरकार बाबा साहब में आस्था रखती है, नही टूटने देंगे बाबा साहब की प्रतिमा : राजेन्द्र पाल गौतम

नई दिल्ली 24 जून 2019

सोमवार को एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कैबिनेट मंत्री, दिल्ली सरकार, राजेंद्र पाल गौतम ने बताया कि दिल्ली के दलित समाज के बीच एक षड्यंत्र के तहत आम आदमी पार्टी के खिलाफ कुछ लोगों द्वारा एक दुष्प्रचार चलाया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि घटना देवली विधानसभा के देवली पहाड़ी क्षेत्र से जुड़ी हुई है। जहां पर लगभग 30-35 साल से बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर जी की प्रतिमा थी और डॉ आंबेडकर विद्यापीठ नामक एक संस्था वहां पर गरीब बच्चों को पढ़ाने का काम कर रही थी। सन 2003 के आसपास उस समय की दिल्ली सरकार द्वारा उस विद्यापीठ को तोड़ दिया गया था। जब सरकार और संस्था के बीच बातचीत हुई तो संस्था को अलग से एक चौपाल वहां पर दे दी गई। जहां पर वह गरीब बच्चों को पढ़ाने का काम कर सकें।

सरकार ने संस्था को जमीन तो दे दी, परंतु उसका अधिकार लिखित तौर पर सरकार के अधीन ही था। संस्था का कहना है कि 1983-84 के आस पास उस समय के ग्राम प्रधान ने वहां की 65 बीघा जमीन संस्था को गरीब बच्चों को पढ़ाने के लिए हस्तांतरित की थी। परंतु धीरे-धीरे वहां पर लोगों की बसावट होती चली गई और वहां पर कालोनियां बनती चली गई। वर्तमान समय में मात्र 22-23 बीघा जमीन ही बची है।

क्योंकि जमीन का अधिकार दिल्ली सरकार के अधीन ही था और सरकार के रिकॉर्ड में जमीन के संबंध में किसी का कोई नाम नहीं था, तो दिल्ली सरकार ने उस जमीन में से कुछ हिस्सा हॉस्पिटल बनाने के लिए और स्कूल बनाने के लिए आबंटित कर दिया। संस्था के पास ग्राम सभा के प्रधान का पत्र तो है, परंतु उस समय की सरकार ने सरकारी दस्तावेजों में इस बात की कोई लिखित जानकारी नहीं रखी। अर्थात सरकार के रिकॉर्ड के अनुसार जमीन सरकार के पास ही रही।

राजेंद्र पाल गौतम ने बताया कि हमारे संज्ञान में यह बात आई है कि जो संस्था, बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर विद्यापीठ, उस जगह की देखरेख करती है और बच्चों को पढ़ाने का काम करती है, उसके द्वारा दिल्ली में एक दुष्प्रचार किया जा रहा है, कि दिल्ली सरकार जल्द ही वहां पर लगी बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर जी की प्रतिमा को तोड़ने वाली है। एक वीडियो बनाकर पूरे दिल्ली के अंदर उसके माध्यम से दुष्प्रचार का काम और दिल्ली सरकार को बदनाम करने का काम किया जा रहा है। इस बाबत वह संस्था कल सुबह 11:00 बजे के लगभग दिल्ली सचिवालय का घेराव करने आ रहे हैं।

यह सब कुछ एक सोची-समझी साजिश के तहत किया जा रहा है। क्योंकि संस्था द्वारा जो लेटर उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया जी को और मुझे दिया गया था, लेटर मिलने के तुरंत बाद हमने उसका संज्ञान लिया। शिक्षा विभाग के अधिकारियों को और क्षेत्र के डीएम को मीटिंग के लिए बुलाया। उस क्षेत्र का पूरा ब्यौरा लिया और दिल्ली सरकार ने एक आदेश जारी किया कि दिल्ली सरकार बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर जी में पूरी आस्था रखती है और ऐसा मूर्ति तोड़ने का कोई भी प्रस्ताव दिल्ली सरकार की तरफ से नहीं दिया गया है।

उन्होंने बताया की 16 जून को जो मीटिंग रखी गई थी, उसमें शिक्षा विभाग के अधिकारी, क्षेत्र के डीएम के साथ साथ इस संस्था के प्रतिनिधि भी शामिल थे। इन सब लोगो की मौजूदगी में शिक्षा विभाग को और क्षेत्रीय डीएम को आदेश दिए गए थे, कि जब तक उस जगह से जुड़ी समस्या का समाधान नहीं हो जाता, तब तक वहां पर किसी भी प्रकार की सरकारी गतिविधियां नहीं की जाएंगी। डीएम को आदेश दिए गए कि विद्या पीठ को उस जगह की चाबी भी हस्तांतरित कर दी जाए, ताकि जो गरीब बच्चों को पढ़ाने का काम वहां पर चल रहा है, वह सुचारू रूप से चलता रहे।

इस संस्था द्वारा जो दिल्ली में झूठ फैलाया जा रहा है, कि दिल्ली सरकार बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर जी की मूर्ति तोड़ने जा रही है, वह बिल्कुल बेबुनियाद है। दिल्ली सरकार का ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है। यह एक षड्यंत्र के तहत केवल दिल्ली सरकार को बदनाम करने की एक साजिश है।

When expressing your views in the comments, please use clean and dignified language, even when you are expressing disagreement. Also, we encourage you to Flag any abusive or highly irrelevant comments. Thank you.

sudhir