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राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में अब बिजनेस करना और आसान होने जा रहा है। सीएम अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में बिजनेस करने को आसान बनाने और इसके लिए लोगों पर बोझ कम करने के इरादे से कई सुधारों को अपनी मंजूरी दी है। दिल्ली सरकार के 16 विभागों में 70 सुधारों को मंजूरी दी गई है। इसका उद्देश्य दिल्ली सरकार से संबंधित विभिन्न सेवाओं का डिजिटलीकरण करना, अप्रूवल में तेजी लाना और बिजनेस करने वाले लोगों के लिए विभिन्न मानदंडों को पूरा करने का बोझ कम करना है। इन सुधारों के दायरे में राजस्व, श्रम, डीपीसीसी, आईटी, बिजली, उत्पाद शुल्क, औषधि नियंत्रण, स्वास्थ्य, अग्निशमन सेवा, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, प्रशासनिक सुधार, परिवहन एवं वजन और माप सहित विभिन्न विभाग शामिल हैं। साथ ही, इसके अंतर्गत अंतर्विभागीय सुधारों को भी चिंहित किया गया है।

राजस्व विभाग के लिए सीएम अरविंद केजरीवाल द्वारा अधिकांश सुधारों को मंजूरी दी गई है। इसके तहत करीब 22 सुधारों को मंजूरी दी गई है। इसमें प्रमुख रूप से ऑनलाइन भूमि लेनदेन विलेखों का डिजिटलीकरण एवं प्रकाशन, सार्वजनिक डोमेन में उपलब्ध भूमि विलेखों के लिए खोज योग्य मेटाडेटा बनाना, ऑनलाइन भूमि लेनदेन विलेखों का डिजिटलीकरण एवं प्रकाशन और 20 वर्षों के लिए आरओआर, साझेदारी फर्मों के पंजीकरण के लिए एक ऑनलाइन प्रणाली का निर्माण करना, उप पंजीयक कार्यालय में संपत्ति पंजीकरण से संबंधित शिकायतों को दर्ज करने के लिए स्वतंत्र शिकायत तंत्र लागू करना, जारी या लंबित सभी अनुमोदन/पंजीकरण के लिए सार्वजनिक डोमेन में एक ऑनलाइन डैशबोर्ड बनाना शामिल हैं।

इसी तरह, सीएम अरविंद केजरीवाल ने श्रम विभाग में 10 सुधारों को मंजूरी दी। इनमें सभी श्रम कानूनों के तहत एकल एकीकृत रिटर्न की ऑनलाइन फाइलिंग, महिलाओं के लिए 24 घंटे काम सुनिश्चित करने के लिए रात की शिफ्ट में काम करने के लिए प्रतिबंध लगाने वाले प्रावधान को समाप्त करना, व्यापार लाइसेंस और दुकानों एवं प्रतिष्ठानों के पंजीकरण के लिए एक ही फॉर्म तैयार करना, फ़ैक्टरी लाइसेंस का स्वतः नवीनीकरण, जारी या लंबित सभी अनुमोदन/पंजीकरण के विवरणों के लिए सार्वजनिक डोमेन में एक ऑनलाइन डैशबोर्ड प्रकाशित करना शामिल है।

दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) में डिजिटलीकरण और ऑनलाइन अनुमोदन सुनिश्चित करने के लिए तीन अहम सुधारों को मंजूरी दी गई। इसमें निर्माण एवं विध्वंस अपशिष्ट प्रबंधन नियमों के तहत प्राधिकरण, बैटरी नियमों के तहत डीलरों के लिए पंजीकरण और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के तहत अनुमति देना शामिल है।

सीएम अरविंद केजरीवाल द्वारा आईटी विभाग में 20 सुधारों को मंजूरी दी गई है। इसमें प्रमाण पत्रों के लिए ऑनलाइन सिस्टम विकसित (उपयोगकर्ता मैनुअल- आवेदन जमा करने में तेजी, भुगतान, ट्रैकिंग और प्रमाण पत्र डाउनलोड) करना शामिल है। साथ ही, जन्म, मृत्यु, आय, डोमिसाइल, जाति, विवाह प्रमाण पत्र के अलावा बिजली कनेक्शन, पानी कनेक्शन, राशन कार्ड (सभी प्रकार), ड्राइविंग लाइसेंस, रोजगार कार्यालय, भार प्रमाण पत्र के साथ-साथ लोगों की शिकायतों का निवारण और सभी के लिए स्वीकृत या लंबित अनुमोदन व पंजीकरण को देखने के लिए एक ऑनलाइन डैशबोर्ड का तैयार करना शामिल है।

इसी तरह, विद्युत विभाग में 9 सुधारों को मंजूरीद दी गई है। इसमें स्वीकृत या लंबित सभी अनुमोदन या पंजीकरण के लिए सार्वजनिक डोमेन में एक ऑनलाइन डैशबोर्ड तैयार करना शामिल है। आबकारी विभाग में भी एक सुधार को मंजूरी दी गई। यह भी स्वीकृत या लंबित अनुमोदन या पंजीकरण (नीति के कारण) के लिए एक डैशबोर्ड के जरिए सार्वजनिक डोमेन में लाएगा। औषधि नियंत्रण विभाग के अंतर्गत पंजीयन के नवीनीकरण की अनिवार्यता को समाप्त करने अथवा स्वतः नवीनीकरण (खुदरा, थोक एवं निर्माण) की अनुमति सहित तीन अहम सुधारों को मंजूरी दी गई है।

दिल्ली फायर सर्विस में तीन अहम सुधारों को मंजूरी दी गई। ये सुधार फायर एनओसी के नवीनीकरण से संबंधित हैं, जिसमें राज्यों के पास एक ऑनलाइन सिस्टम है। इस सुधार के जरिए यह सुनिश्चित करना है कि मौके पर बिना गए ही विभाग फायर एनओसी प्रदान कर सके। इसके तहत एक तय समय में एनओसी जारी करने का प्रावधान करना और एक ऑनलाइन डैशबोर्ड बनाना शामिल है, जिसमें प्राप्त और स्वीकृत आवेदनों की संख्या और उसमें लिए गए समय का विवरण शामिल है।

प्रशासनिक सुधार विभाग ने सूचना तक पहुंच और पारदर्शिता से जुड़े तीन सुधारों का प्रस्ताव दिया था, जिसे मंजूरी मिल गई है। पहला, अधिनियमित करने से पहले सार्वजनिक टिप्पणी या फीडबैक लेने के लिए मसौदा व्यापार नियमों को कम से कम 30 दिनों के लिए प्रदर्शित किया जाना चाहिए। दूसरा, मसौदा विनियम पर प्राप्त टिप्पणी या प्रतिक्रिया के संग्रह और प्रबंधन पर केंद्रित है और तीसरा, इस बात पर बल देता है कि अंतिम या प्रस्तावित नए विनियमन में टिप्पणियों/प्रतिक्रियाओं को कैसे ध्यान में रखा गया।

वहीं, परिवहन विभाग ने ऑनलाइन डैशबोर्ड उपलब्ध कराने के संबंध में एक सुधार का प्रस्ताव दिया था, जिसे मंजूरी दी गई है। इसके तहत प्राप्त और स्वीकृत आवेदनों की संख्या और प्रक्रिया के संबंध में लगने वाले समय को प्रदर्शित किया जाएगा। वहीं, बाट एवं माप विभाग में बाट एवं माप के सत्यापन के लिए एक ऑनलाइन सिस्टम विकसित करने से संबंधित एक सुधार को मंजूरी दी गई है।

इन सुधारों के अलावा, सीएम अरविंद केजरीवाल ने आम नागरिकों की योजनाओं तक पहुंचने आसान बनाने और दिल्ली में बिजनेस करना आसान करने के लिए कुछ अंतर-विभागीय सुधारों को भी मंजूरी दी है। जैसे, ई-डिस्ट्रिक्ट के जरिए सेवाएं प्रदान करने के लिए जिम्मेदार आईटी विभाग और संबंधित विभाग के लिए 20 सुधारों को मंजूरी दी गई है। इसमें उन्हें हर एक सेवा को आसानी से उपलब्ध कराने के लिए उपयोगकर्ता नियमावली बनाने का निर्देश दिया गया है, जिसमें वेब लिंक शामिल होंगे। इनमें से सटीक जानकारी प्रदान करने के लिए संबंधित विभाग से इनपुट की जरूरत होगी।

आईटी विभाग और योजना विभाग में चार सुधारों की पहचान की गई है, जिन्हें लागू करने की जरूरत हैं, जो डिजाइन से संबंधित हैं और एक व्यापक ऑनलाइन विज़ार्ड/सिस्टम बनाते हैं। इस सिस्टम का उपयोग लोगों द्वारा दिल्ली में आम नागरिकों के लिए लागू सभी योजनाओं, सेवाओं और अधिकारों के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए किया जा सकता है।

एमसीडी और एक्साइज के साथ व्यापार एवं कर विभाग में एक सुधार की पहचान की गई थी, जिसे सीएम अरविंद केजरीवाल ने मंजूरी दी है। अब एजेंसियां एक ही पोर्टल पर राज्य, नगरपालिका और पंचायत कलेक्शन की सभी सूची प्रकाशित करने के लिए संयुक्त रूप से काम करेंगी। इस पोर्टल पर राज्य और स्थानीय निकायों द्वारा लगाए गए दरों और शुल्कों के बारे में जानकारी मिल सकेगी।

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