Scrollup

पार्टी मुख्यालय में हुई एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं कैबिनेट मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि 30 अक्टूबर को माननीय उच्चतम न्यायालय में मनीष सिसोदिया जी की ज़मानत याचिका खारिज होने के पश्चात इस मामले पर बहुत अधिक चर्चाएं हुई I उन्होंने कहा कि इस संबंध में उच्चतम न्यायालय में हुई पिछली सभी सुनवाईयों पर जब मैंने गौर किया तो मुझे याद है, कि उच्चतम न्यायालय के एक न्यायाधीश ने ईडी से इस संबंध में विभिन्न प्रश्न पूछे I माननीय न्यायाधीश ने ईडी से पूछा कि यदि घोटाला हुआ है तो इस रिश्वत के पैसे के लेनदेन की जानकारी कहां है, पैसा मनीष सिसोदिया जी के पास कब पहुँचा, कैसे पहुंचा और इन सब आरोपों के ईडी पास क्या सबूत है? ईडी के पास उच्चतम न्यायालय के इन प्रश्नों का कोई जवाब नहीं था I उच्चतम न्यायालय ने इन सभी सबूत और जानकारी को इकट्ठा करने के लिए ईडी को 5 अगस्त से लेकर 5 सितंबर तक लगभग 1 महीने का समय दिया I इस 1 महीने की अवधि में भी ईडी ऐसा कोई भी तथ्य, कोई सबूत नहीं प्रस्तुत कर सकी जिससे कि ईडी द्वारा लगाए गए आरोप सिद्ध हो सकें I केवल यही नहीं इसके बाद भी माननीय उच्चतम न्यायालय ने अपने आरोपों को सिद्ध करने के लिए ईडी को और भी कई मौके दिए कि आप रिश्वत के पैसे के लेनदेन से जुड़े सबूत कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत कीजिए I

सौरभ भारद्वाज ने ईडी द्वारा मनीष सिसोदिया जी पर लगाए गए आरोपों के सम्बंध में जानकारी देते हुए पत्रकारों को बताया कि ईडी द्वारा जो दो आरोप मनीष सिसोदिया जी पर लगाए गए हैं, उनमें से पहला आरोप यह है कि अमित अरोड़ा एवं दिनेश अरोड़ा नाम के दो युवकों ने मनीष सिसोदिया जी को 2 करोड़ 20 लाख रुपए दिए I सौरभ भारद्वाज ने पत्रकारों से कहा कि जब आप उच्चतम न्यायालय का वह ऑर्डर पढ़ोगे तो आपको जानकर हैरानी होगी की उच्चतम न्यायालय ने ईडी से प्रश्न पूछते हुए कहा, कि जो आरोप ईडी के द्वारा लगाए गए हैं, सीबीआई की चार्जसीट में इसका कोई जिक्र नहीं है और ना ही इस संबंध में ईडी के पास भी किसी प्रकार के कोई सबूत या कोई साक्ष्य मौजूद हैं I उच्चतम न्यायालय ने कहा कि जब इस आरोप के संबंध में कोई साक्ष्य कोई सबूत ही नहीं हैं तो पीएमएलए के तहत कोई मामला बनता ही नहीं है और यदि पीएमएलए के तहत कोई मामला बनता ही नहीं है तो इस मामले में ईडी किस आधार पर हस्तक्षेप कर सकती है I
ईडी द्वारा लगाए गए दूसरे आरोप के संबंध में पत्रकारों को बताते हुए सौरभ भारद्वाज ने कहा, कि ईडी ने दूसरे आरोप में कहा है, कि साउथ ग्रुप ने इस लीकर पॉलिसी के बदले में आम आदमी पार्टी को 100 करोड रुपए दिए I उन्होंने कहा कि इस आरोप पर भी कोर्ट ने ईडी को जवाब देते हुए कहा कि आपके द्वारा प्रस्तुत किए गए सबूत इस आरोप को सिद्ध करने के लिए पर्याप्त नहीं है I
मामले से जुड़े माननीय उच्चतम न्यायालय के एक और आदेश की जानकारी पत्रकारों के साथ साँझा करते हुए सौरभ भारद्वाज ने कहा कि जब केंद्र सरकार के वकीलों द्वारा कोर्ट के समक्ष यह बात रखी गई कि 6 से 8 महीने के भीतर हम इस केस की सुनवाई पूरी कर लेंगे, तो कोर्ट ने इस बात को भी सही न मानते हुए यह आदेश दिया कि 3 महीने के भीतर यदि मनीष सिसोदिया जी को ऐसा प्रतीत होता है कि इस केस के संबंध में ट्रायल धीमी गति से चल रहा है तो मनीष सिसोदिया जी आकर कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं I

केंद्र सरकार पर बड़ा आरोप लगाते हुए सौरभ भारद्वाज ने कहा, कि यह सारा का सारा मामला केवल और केवल राजनीति से प्रेरित एक षड्यंत्र है I इस संबंध में भारतीय जनता पार्टी से प्रश्न पूछते हुए सौरव भारद्वाज ने कहा कि 29 अक्टूबर को भारतीय जनता पार्टी के सांसद मनोज तिवारी जी का बयान आया था, जिसमें उन्होंने इस बात को कहा था, कि अब ईडी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को समन भेजेगी और उन्हें गिरफ्तार करेगी I सौरभ भारद्वाज ने कहा कि ईडी के समन भेजने से पहले ही आखिर मनोज तिवारी जी को कैसे पता चला कि अब ईडी मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी को समन भेजेगी और उन्हें गिरफ्तार करेगी I उन्होंने कहा कि मनोज तिवारी जी के इस बयान से साफ तौर पर यह सिद्ध हो जाता है कि यह सारा का सारा मामला केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित मामला है I सौरभ भारद्वाज ने कहा, कि सभी जानते हैं, कि देश के पांच राज्यों में चुनाव है और आम आदमी पार्टी उन राज्यों में चुनाव लड़ रही है I क्योंकि अरविंद केजरीवाल जी न केवल दिल्ली में अपितु पूरे देश में अपने कामों के लिए अपनी ईमानदारी के लिए प्रसिद्ध है, इसी कारण से जानबूझकर एक षड्यंत्र के तहत ईडी द्वारा मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी को यह समन भिजवाया गया, ताकि अरविंद केजरीवाल जी उन राज्यों में जाकर आम आदमी पार्टी के लिए प्रचार न कर सकें I हार के डर से भारतीय जनता पार्टी ने राजनीति से प्रेरित होकर यह सारा का सारा षड्यंत्र रचा है I

ईडी द्वारा मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी को भेजे गए समन के संबंध में कुछ प्रश्न मीडिया के माध्यम से पूछते हुए सौरभ भारद्वाज ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी की तरफ से ईडी द्वारा भेजे गए समन को स्वीकार नहीं किया गया, उसके पीछे कुछ महत्वपूर्ण बातें हैं जो कि निम्न प्रकार से हैं….

1) सौरव भारद्वाज ने कहा की ईडी के द्वारा भेजे गए समन में यह बात साफ़ नहीं की गई, कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी को ईडी के द्वारा एक गवाह के तौर पर बुलाया जा रहा है या फिर एक संदिग्ध के तौर पर बुलाया जा रहा है I
2) ईडी के द्वारा भेजे गए समन में यह बात भी साफ नहीं है, कि ईडी द्वारा अरविंद केजरीवाल जी को दिल्ली का मुख्यमंत्री होने के नाते इस मामले में पूछताछ के लिए बुलाया जा रहा है या फिर आम आदमी पार्टी के संयोजक होने के नाते बुलाया जा रहा है I

सौरभ भारद्वाज ने कहा, कि अरविंद केजरीवाल एक राष्ट्रीय दल के नेता हैं I पांच राज्यों में चुनाव हो रहे हैं और अरविंद केजरीवाल जी इन चुनावों में आम आदमी पार्टी के लिए प्रचार करने के लिए जा रहे हैं I क्योंकि भाजपा को हार का डर सता रहा है, इसलिए भाजपा नहीं चाहती कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी चुनाव प्रचार के लिए इन पांच राज्यों में जा सकें I उन्होंने कहा, कि कानून ने कभी भी किसी भी एजेंसी कोई यह अधिकार नहीं दिया कि आप किसी भी व्यक्ति को बिना किसी आधार के पूछताछ के लिए बुला लें और बाद में उसे यह कहकर गिरफ्तार कर लें कि हमारी बात का जवाब नहीं दिया I उन्होंने कहा कि हमेशा से ही हर एक लोकतांत्रिक देश में कानून में यह विद्यमान होता है, कि जो भी दल सत्ता में आएगा, वह किसी प्रकार से अपनी शक्तियों का और सरकारी एजेंसियों का दुरुपयोग न कर सके I न केवल आजाद भारत के इतिहास में अपितु अंग्रेजों के जमाने में भी इस प्रकार के नियम और कायदे, कानून थे, कि यदि पुलिस को किसी व्यक्ति के घर में कोई जांच, कोई तलाशी करनी होती थी तो उसके लिए कोर्ट से अनुमति लेनी अनिवार्य थी I सौरभ भारद्वाज ने कहा परंतु ईडी के संबंध में ऐसा कोई नियम, कोई कानून, कोई कायदा नहीं दिखाई दे रहा है और केंद्र सरकार इसका खुलकर दुरुपयोग कर रही है I उन्होंने कहा न केवल आम आदमी पार्टी के खिलाफ अपितु केंद्र सरकार ईडी का दुरुपयोग सभी विपक्षी दलों के खिलाफ कर रही है I

When expressing your views in the comments, please use clean and dignified language, even when you are expressing disagreement. Also, we encourage you to Flag any abusive or highly irrelevant comments. Thank you.

socialmedia