Scrollup

सीएम के पीएस और सांसद एनडी गुप्ता के घर मंगलवार को हुई रेड को लेकर आम आदमी पार्टी ने भाजपा और उसकी ईडी पर सीधा हमला बोला। ‘‘आप’’ की मुख्य प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि भाजपा ईडी को ‘‘आप’’ के पीछे लगाकर ‘‘केजरीवाल मॉडल ऑफ गवर्नेंस’’ पर हमला करना चाहती है, जनता यह खेल समझ रही है। उन्होंने कहा कि क्या अब ईडी बिना कारण बताए ही किसी के घर पर रेड करेगी और उससे पूछा जाएगा कि किस मामले में रेड की जा रही है तो वजह बताए बिना चली जाएगी? आखिर इस देश में यह क्या चल रहा है? मंगलवार को ईडी ने सीएम के पीएस और सांसद एनडी गुप्ता के घर रेड करने का कारण तक नहीं बताया। यह तो पूरी तरह से गुंडागर्दी है। वहीं, वरिष्ठ नेता जस्मिन शाह ने कहा कि रेड करने का एक प्रोटोकॉल होता है। पहले फाइल बनती है और प्लानिंग के साथ रेड की जाती है। लेकिन मंगवार को हुई रेड में प्रोटोकॉल का अभाव दिखा। इससे साफ है कि ईडी केवल अपने राजनीतिक आकाओं के निर्देश पर तय कर रही है कि विपक्षी के किस नेता को उठाना है और किस पर रेड करनी है। इस रेड का मकसद मात्र मीडिया के जरिए सनसनी पैदा करना था।

आम आदमी पार्टी की मुख्य प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ बुधवार को पार्टी मुख्यालय में प्रेसवार्ता कर कहा कि सकारात्मक राजनीति के लिए पॉलिसी पर चर्चा करनी होगी, लोगों के बीच सौहार्द बढ़ाने की कोशिश करनी होगी, लोगों का जीवन स्तर बेहतर करने की कोशिश करनी होगी। इसी कड़ी में आम आदमी पार्टी ने देश के सामने ‘‘केजरीवाल मॉडल ऑफ गवर्नेंस’’ रखा है। इस मॉडल के तहत लोगों को मुक्त शिक्षा, हेल्थ केयर, बिजली, पानी दिया गया। महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए बसों में मुफ्त यात्रा और बुजुर्गों के लिए मुफ्त तीर्थ यात्रा जैसी अनेकों योजनाएं दी गईं। इसके साथ ही मुनाफे का बजट भी दिया गया।

उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार का हेल्थ केयर और एजुकेशन सिस्टम तो इतना प्रसिद्ध है कि देश-विदेशों से लोग अपना इलाज कराने और पढ़ने के लिए यहां आते हैं। लेकिन भाजपा अपने किसी भी राज्य में ऐसा मॉडल स्थापित नहीं कर पाई। बीजेपी शासित हर राज्य का बजट घाटे में रहता है। लोग अब यह डिमांड करने लगे हैं कि अरविंद केजरीवाल उनके राज्य में आएं और केजरीवाल मॉडल ऑफ गवर्नेंस के तहत सुविधाएं दें। लोगों को पता चल चुका है कि आम आदमी पार्टी पढ़े-लिखे लोगों की पार्टी है। पार्टी में लोग अपने बिजनेस और नौकरी को छोड़कर अरविंद केजरीवाल के विजन को आगे बढ़ाने के लिए जुड़े हैं। भाजपा की तरह आम आदमी पार्टी राजनैतिक संरक्षण के लिए लिए गुंडे-मवालियों को भर्ती नहीं करती है और न तो पैसा कमाने के लिए लोग आम आदमी पार्टी में आते हैं। बीजेपी को इसी बात से दिक्कत है। इसलिए उसने ईडी को ‘‘आप’’ के पीछे लगा दिया है।

‘‘आप’’ प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि ईडी को आम आदमी पार्टी के पीछे लगाने का मकसद अरविंद केजरीवाल की लोकप्रियता को कम करना, उनको बदनाम करना और उनके मॉडल पर हमला करना है। पिछले दो साल से देख रहे हैं कि तथाकथित शराब घोटाले में आज तक एक चवन्नी नहीं मिली। हाल ही में पता चला है कि ईडी का केस इतना कमजोर है कि कि अब ये सबूत के साथ भी छेड़छाड़ करने लगे हैं। इसलिए 5 फरवरी को मंत्री आतिशी ने एलान कर 6 फरवरी की सुबह प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए ईडी को बेनकाब करने की। इससे डरी ईडी दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के पीएस विभव कुमार और पार्टी के कोषाध्यक्ष व राज्यसभा सांसद एनडी गुप्ता के घर पहुंच गई। इस दौरान विभव कुमार के घर में 16 घंटे और एनडी गुप्ता के घर में 18 घंटे तक रेड चली, लेकिन ईडी यह नहीं बता पाई कि किस केस और एफआईआर के तहत छापेमारी हो रही है।

‘‘आप’’ की मुख्य प्रवक्ता ने कहा कि ईडी के छापेमारी के दौरान न कोई पूछताछ की गई और न ही कोई तलाशी ली गई। बस ईमेल डाउनलोड कर और तीन मोबाइल लेकर चले गए। यह इस देश में क्या चल रहा है। यह तो पूरी तरह से गुंडागर्दी है। आप बताएंगे भी नहीं कि कौन सा केस चल रहा है और किस केस के तहत जांच हो रही है। ईडी बस बिना वजह किसी के भी घर में घुसकर इस तरह रेड करेगी। ये केवल धारणा बनाने के लिए किया गया कि सारा दिन मीडिया में चलता रहे कि 16-18 घंटे तक रेड हुई। आज तो कोई मीडिया नहीं दिख रहा है कि कुछ भी नहीं मिला। बीजेपी सारा परसेप्शन का गेम कर रही है।

उधर, ‘‘आप’’ के वरिष्ठ नेता जस्मिन शाह ने प्रेसवार्ता कर कहा कि पहले जब सुबह टीवी ऑन करते थे तो कभी भजन-कीर्तन, कभी चित्रहार को कभी कोई शास्त्रीय संगीत का प्रोग्राम दिख जाता था। लेकिन पिछले कुछ सालों में सुबह टीवी चालू करने पर केवल विपक्षी नेता के ऊपर ईडी या सीबीआई ने रेड की खबरें देखने को मिलती है। अब ये हर दिन की बात हो गई है। मंगलवार को ईडी ने राज्यसभा सांसद एनडी गुप्ता और सीएम अरविंद केजरीवाल के पीएस विभव कुमार के घर रेड की, जो 16-18 घंटों तक चलीं। इसके बाद भी ईडी को एक चवन्नी का सबूत नहीं मिला। ईडी को पैसा, जेवर या कोई और चीज बरामद नहीं कर पाई।

उन्होंने कहा कि कोई जांच एजेंसी अपनी पूरी तैयारी करके रेड करने आती है। उसको पता होता है कि रेड में क्या-क्या मिलने वाला है। विभव कुमार के घर पर रेड करने ईडी और लोकल पुलिस के 23 अफसर आए थे, वो सुबह साढ़े 6 बजे से रात के 8-9 बजे तक घर के ड्राइंग रूम में बैठे रहे। उन्होंने किसी से कोई पूछताछ नहीं की, कोई पेपर नहीं मांगे। उन्होंने तलाशी लेने की भी कोशिश नहीं की और आखिर में विभव कुमार और उनके परिवार के तीन मोबाइल फोन और उनके दो गुगल अकाउंट्स का डंप डेटा लेकर चले गए। इसलिए यह सवाल उठता है कि ईडी क्या सोच कर आई थी और किस लिए रेड करने आई थी। जिनके यहां रेड डाली गई उन्होंने जांच में पूरा सहयोग किया और पूछा कि किस मामले में रेड कर रहे हैं, लेकिन ईडी के अफसरों ने कुछ नहीं बताया। क्योंकि शायद उनको भी इस बात का पता नहीं था कि किस मामले में रेड करने आए है। अंततः रेड का बिना कारण बताए ही ईडी वापस लौट गई। ईडी ने अपने पंचनामे में भी एफआईआर या ईसीआईआर नंबर का कोई जिक्र नहीं किया है।

‘‘आप’’ नेता जस्मिन शाह ने कहा कि यह गंभीर सवाल खड़ा होता है कि हमारे देश में ईडी के रेड करने का क्या प्रोटोकॉल है। ईडी देश की सबसे ताकतवर एजेंसी है। इसके बाद सीबीआई और आईटी का नंबर आता है। इन तमाम एजेंसियों का एक प्रोटोकॉल होता है। ये कहीं भी रेड करने जाते हैं तो उसकी फाइल बनाई जाती है, जिसमें ये सारी जानकारी लिखी जाती है। इसके बाद एक उच्च अधिकारी उसपर साइन करता है और पूरी प्लानिंग के बाद रेड होती है। लेकिन इनकी प्लानिंग ऐसी थी कि जब ये सुबह विभव कुमार के घर पहुंचे तो पता चला कि वो उनके पुराने घर पर पहुंच गए। वहां जाकर पता चला कि ये उनका घर ही नहीं है, अब वो कहीं और रहते हैं। बाद में वो उनके सही पते पर पहुंचे। इससे पता चलता है कि आज ईडी जिस हिसाब से काम कर रहा है उसमें कोई व्यवसायिकता नहीं है। ईडी केवल अपने राजनीतिक आकाओं के दिशानिर्देश पर तय कर रही है कि किस विपक्षी नेता को उठाना है और किस पर रेड करना है।

उन्होंने कहा कि ईडी यह इसलिए कर रहा है कि सुबह से शाम तक टीवी चौनलों पर रेड की खबरें चलें और ऐसा माहौल बने कि ‘‘आप’’ नेताओं के घर रेड पर रेड डाली जा रही है। ईडी की रेड का मकसद मात्र मीडिया के जरिए सनसनी पैदा करना है। पिछले कुछ दिनों में यही स्थिति दिल्ली पुलिस के क्राइम ब्रांच की भी थी। बीते दिनों क्राइम ब्रांच के दर्जनों सीनियर और एसीपी स्तर के अफसर सीएम आवास के बाहर पहुंचे। उन्होंने पांच घंटे तक सीएम आवास का बाहर खड़े होकर मीडिया के सामने जिद पर अड़े रहते हैं कि वो खुद सीएम अरविंद केजरीवाल को लेटर दिए बिना नहीं जाएंगे। उन्हें ये अधिकार किसने दिया। हमने उनसे पूछा कि वो किस अधिकार से ये कह रहे हैं। क्या उनके पास कोई एफआईआर है या कोई ऐसी धारा है जिसके लिए वो दिल्ली का सारा जरूरी काम छोड़कर उनका लेटर लेने आएंगे। उनके पास कोई एफआईआर, प्रारंभिक जांच, समन, आईपीसी या सीआरपीसी की धारा नहीं थी, केवल एक कोरी चिट्ठी पर एक नोटिस था, ताकी मीडिया में चल सकें कि क्राइम ब्रांच की टीम सीएम अरविंद केजरीवाल के घर पहुंची। घंटों तक ये अफसर सीएम आवास के बाहर खड़े रहे।

‘‘आप’’ नेता जस्मिन शाह ने कहा कि ये देखकर दुख होता है कि एक ताकतवर एजेंसी में अफसर यह सपना लेकर आते हैं कि वो देश का भला करेंगे, आतंकवाद का खात्मा करेंगे, नारकोटिक्स पर काम करेंगे, मर्डर और किडनैपिंग के केस सुलझाएंगे। लेकिन आज बीजेपी ने इन एजेंसियों को सुबह से शाम तक राजनीतिक विपक्षों की छवि खराब करने के लिए इस्तेमाल करती है। यह भी सवाल पैदा होता है कि केवल आम आदमी पार्टी के साथ ही क्यों हो रहा है? इसका जवाब भी पिछले सालों से साफ होता जा रहा है। कथित शराब घोटाला मामले में पिछले दो सालों में एक हजार के करीब रेड हो चुकी है, लेकिन अभी तक एक चवन्नी की भी रिकवरी नहीं हुई है। अभी तक इन्हें कोई ठोस सबूत नहीं मिला है, और अभी भी ये रेड जारी ही हैं। अब तो रेड भी ऐसे की जा रही है की अंदर जाकर कोई सवाल जवाब या तलाशी की कोई कोशिश भी नहीं की जा रही है। इससे साफ होता है कि इनकी मंशा किसी घोटाले की जांच करना नहीं है। इनकी मंशा केवल सीएम अरविंद केजरीवाल की छवि शराब करने की है। इनकी मंशा केवल सीएम अरविंद केजरीवाल को खत्म करने की है।

उन्होंने कहा कि मोदी और बीजेपी ये अच्छी तरह से जानती हैं कि आने वाले दिनों में अगर मोदी जी का कोई सामना कर सकता है तो वो केवल अरविंद केजरीवाल हैं। अरविंद केजरीवाल उनका सामना इसलिए कर पाएंगे क्योंकि वो काम की राजनीति करते हैं। उन्होंने लोगों के लिए शानदार स्कूल और मोहल्ला क्लीनिक बनवाए। आज सीएम अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में वर्ल्ड क्लास स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी का उद्धाटन किया है। दिल्ली में नए-नए सरकारी स्कूल खोले जा रहे हैं। बीजेपी चाहती तो वो भी अरविंद केजरीवाल के काम से मुकाबला कर सकती थी। वो भी दिल्ली के जैसे वर्ल्ड क्लास लेवल के सरकारी स्कूल अपने राज्यों में बना सकते थे। लेकिन बीजेपी में इतनी ताकत नहीं है कि वो उनके काम का जवाब काम से दे सकें। इसलिए ये लगातार इन एजेंसियों के जरिए अरविंद केजरीवाल को खत्म करना चाहती है।

When expressing your views in the comments, please use clean and dignified language, even when you are expressing disagreement. Also, we encourage you to Flag any abusive or highly irrelevant comments. Thank you.

socialmedia