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19 अप्रैल, नई दिल्ली

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार इन्सुलिन और ज़रूरी दवाइयाँ न देकर जेल में अरविंद केजरीवाल जी के खिलाफ़ बड़ी साज़िश रच रही है। तिहाड़ प्रशासन और ईडी कोर्ट में केजरीवाल जी के इन्सुलिन की माँग के अपील का विरोध कर रही है। स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार होगा जब जेल में किसी आरोपी को डॉक्टर द्वारा प्रिस्क्राइब्ड इन्सुलिन और दवाइयाँ न दी जा रही हो। वरिष्ठ आप नेता आतिशी ने शुक्रवार को एक प्रेस-कॉन्फ़्रेंस के दौरान इस साज़िश का पर्दाफ़ाश किया। उन्होंने कहा कि, एलजी साहब के ख़ास वकील, उनके स्पेशल काउंसल्स ने कोर्ट में तिहाड़ की ओर से अरविंद केजरीवाल जी की दवाइयों और इन्सुलिन की माँग का विरोध किया। उन्होंने सवाल पूछते हुए कहा कि, एलजी ने क्यों इन वकीलों को कोर्ट में अरविंद केजरीवाल जी की दवाइयों का, इन्सुलिन का विरोध करने के लिए भेजा? क्या एलजी भी इस साज़िश में शामिल है?।

आतिशी ने कहा कि, स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार होगा जब जेल में किसी क़ैदी को डॉक्टर द्वारा प्रिस्क्राइब्ड दवाइयाँ न दी जा रही हो; स्वतंत्रता पूर्व अंग्रेज स्वतंत्रता सेनानियों का मनोबल तोड़ने के लिए ऐसे पैंतरे अपनाते थे। उन्होंने कहा कि, भाजपा और प्रधानमंत्री मोदी जबाव दे-अरविंद केजरीवाल जी ने कोर्ट में इन्सुलिन और दवाइयाँ देने की अपील की तो क्यों केंद्र सरकार, ईडी, तिहाड़ प्रशासन उसका विरोध कर रही थी?

आतिशी ने सवाल पूछते हुए कहा कि, क्यों और किस प्रावधान के तहत तिहाड़ जेल प्रशासन द्वारा ग़लत और ग़ैरक़ानूनी तरीक़े से अरविंद केजरीवाल जी की मेडिकल डिटेल्स ईडी को सौंपी गई? उन्होंने कहा कि, जिस तरह अंग्रेज जेल में स्वतंत्रता सेनानियों को क़ैद करने के बाद प्रताड़ित करते थे; ठीक वही साज़िश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अरविंद केजरीवाल जी के साथ कर रहे है।

आतिशी ने कहा कि, स्वतंत्र भारत के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ होगा जब न्यायिक हिरासत में, जेल में किसी व्यक्ति को उसकी दवाइयाँ लेने से रोका जा रहा है। ये व्यक्ति कोई गैंगस्टर, मर्डरर, लुटेरा नहीं है बल्कि दिल्ली में 3 बार भारी बहुमत से चुना हुआ दिल्ली का मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी है।

उन्होंने कहा कि, सभी को पता है कि अरविंद केजरीवाल जी को 30 सालों से डायबटीज़ है। उनके डॉक्टरों ने भी लिख के दिया है कि वो पहले इन्सुलिन के 54 यूनिट लिया करते थे। लेकिन आज भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अरविंद केजरीवाल जी की दवाइयाँ रोककर, उनकी इन्सुलिन न देकर उनके ख़िलाफ़ साज़िश रच रहे हैं।

आतिशी ने कहा कि, ये स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहले कभी भी नहीं हुआ होगा। जब भी कोई क़ैदी बीमार होता है, उसे डॉक्टर जो दवाइयाँ प्रिस्क्राइब्ड करते है, क़ैदी को वो दवाइयाँ दी जाती है। लेकिन आज तिहाड़ जेल के अंदर अरविंद केजरीवाल जी को उनकी इन्सुलिन देने से मना किया जा रहा है। तिहाड़ प्रशासन, ईडी, पूरी केंद्र सरकार कोर्ट में आकर अरविंद केजरीवाल जी के इन्सुलिन की माँग के अपील का विरोध कर रही है।

उन्होंने कहा कि, भाजपा-प्रधानमंत्री मोदी बताए कि यदि अरविंद केजरीवाल जी ने एप्लीकेशन डाली की उन्हें इन्सुलिन दी जाए, दवाइयाँ दी जाए तो क्यों केंद्र सरकार, ईडी, तिहाड़ प्रशासन उसका विरोध कर रही थी।

आतिशी ने कहा कि, ऐसी बातें भारत की आज़ादी से पहले सुनने में आती थी। सभी को पता होगा कि क़ैदियों को जेल में प्रताड़ित करने के कारण ही भगत सिंह जी ने 1929 में जेल में भूख हड़ताल की थी। क्योंकि तब अंग्रेज जेलों में भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों का स्वास्थ्य ख़राब करने के लिए, उनका मनोबल तोड़ने के लिए उन्हें प्रताड़ित करते थे, उन्हें सही से खाना नहीं देते थे, दवाइयाँ नहीं देते थे।

उन्होंने कहा कि, भारत के स्वतंत्रता के 75 साल बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी वही कर रह है जो अंग्रेज आज़ादी से पहले करते थे। वो अपने विरोधियों तक जेल में ठीक खाना नहीं पहुँचने दे रहे है, दवाइयाँ नहीं पहुँचने दे रहे है और उन्हें प्रताड़ित कर रहे है।

आतिशी ने तथ्य रखते हुए कहा कि, अरविंद केजरीवाल जी की दवाइयों को रोकने की ये बहुत बड़ी साज़िश है। उन्होंने एक मेल के हवाले से बताया कि, तिहाड़ प्रशासन द्वारा ईडी को मेल भेजा गया, जिसमें अरविंद केजरीवाल जी ने क्या खाया? कितने बजे खाया? इसकी पूरी जानकारी है।

उन्होंने कहा कि, किस क़ानूनी प्रावधान के तहत तिहाड़ जेल प्रशासन ने ईडी को ये सभी जानकारी भेजी है? जब कोई व्यक्ति न्यायिक हिरासत में होता है तो वो कोर्ट की हिरासत में होता है। अगर तिहाड़ प्रशासन को कोई भी जानकारी भेजनी है तो कोर्ट को भेजे, ईडी को जानकारी क्यों भेजी जा रही है?

आतिशी ने कहा कि, ईडी का एक ही काम होता है मनी लौंड्रीग की जाँच करना। उन्होंने कहा कि, क्या अरविंद केजरीवाल जी की रोटी में ‘आप’ ने कैश मिला रखा था? क्या ईडी इसकी जाँच कर रही थी? ईडी को तिहाड़ प्रशासन द्वारा क्यों अरविंद केजरीवाल जी का डाइट चार्ट और मेडिकल कंडीशन से जुड़ी जानकारी ईडी को भेजी गई? ईडी ने किस प्रावधान के तहत से ये सभी मेडिकल डिटेल्स कोर्ट में दाखिल की?

उन्होंने कहा कि, ईडी ने ऐसा इसलिए किया क्योंकि वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा की अनुसांगिक संगठन की तरह काम करती है और उनका एक राजनीतिक हथियार है। ग़लत और ग़ैरक़ानूनी तरीक़े से अरविंद केजरीवाल जी की मेडिकल डिटेल्स ईडी को सौंपी गई।

आतिशी ने एक और तथ्य साझा करते हुए कहा कि, इस षड्यंत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने ईडी के साथ-साथ दिल्ली के एलजी विनय सक्सेना जी और तिहाड़ जेल प्रशासन को भी शामिल कर रखा है। उन्होंने कहा कि, ये इस बात से पता चलता है कि, आज अरविंद केजरीवाल जी की इन्सुलिन का विरोध करने के लिए कौन वकील सामने आए। इसमें 2 वकील, योगेन्द्र हाण्डू और वाणी दीक्षित सामने आए। तिहाड़ प्रशासन की ओर से पेश होने वाले ये दोनों वकील एलजी ऑफिस के स्पेशल काउंसल्स है। जिन्हें 14 दिसंबर 2023 के आदेश से कोर्ट में एलजी ऑफिस को रिप्रेजेंट करने के लिए नियुक्त किया गया था।

उन्होंने कहा कि, इसका क्या मतलब हुआ? इसका सीधा मतलब हुआ कि एलजी साहब के ख़ास वकील जो उनके व्यक्तिगत मामलों में भी और सरकारी मामलों में भी उनका प्रतिनिधित्व करते हैं, एलजी साहब ने उन वकीलों को कोर्ट में अरविंद केजरीवाल जी की दवाइयों का, उनकी इन्सुलिन का विरोध करने के लिए भेजा!

आतिशी ने कहा कि ये सारे तथ्य साफ़-साफ़ दिखाते है कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार द्वारा अरविंद केजरीवाल जी की इन्सुलिन और दवाइयाँ रोकने की एक बहुत बड़ी साज़िश चल रही है। और उसी तरह चल रही है जिस तरह अंग्रेज जेल में स्वतंत्रता सेनानियों को क़ैद करने के बाद प्रताड़ित करते थे। आज वही साज़िश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अरविंद केजरीवाल जी के साथ कर रहे है

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