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आम आदमी पार्टी द्वारा शुरू किए ‘डिग्री दिखाओ’ अभियान तहत गुरुवार को वरिष्ठ नेता एवं कैबिनेट मंत्री सौरभ भारद्वाज ने अपनी डिग्री सार्वजनिक की। उन्होंने लॉ की पढ़ाई की है। इस दौरान उन्होंने प्रश्न किया कि आखिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्री के आसपास इतना रहस्य क्यों बना हुआ है? – मेरे फ़ेसबुक/ ट्विटर पर सैंकड़ों दोस्त हैं जो मेरे साथ कॉलेज में पढ़े हैं, मेरे सीनियर और जूनियर है , मगर प्रधानमंत्री के ट्विटर पर ऐसा कोई दोस्त क्यों नहीं है ? डिग्री तो दिखाने की चीज होती है। इसे कौन छिपाता है? कैबिनेट मंत्री सौरभ भारद्वाज ने अपने फेसबुक पेज के कुछ दोस्तों का भी जिक्र किया, जिन्होंने उनके साथ कॉलेज में पढ़ाई की है और आश्चर्य जताया कि ऐसा क्यों है कि आजतक कोई भी ऐसा एक आदमी सामने नहीं आया, जो यह कहे कि उसने गुजरात यूनिवर्सिटी से प्रधानमंत्री के साथ एंटायर पॉलिटिकल साइंस की पढ़ाई की है। इसी वजह से ज्यादा शंका होती है कि कहीं ऐसा तो नहीं कि प्रधानमंत्री के पास असली डिग्री ही नहीं है।

आम आदमी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता एवं कैबिनेट मंत्री सौरभ भारद्वाज ने गुरुवार को पार्टी मुख्यालय में प्रेस वार्ता कर ‘डिग्री दिखाओ’’ अभियान के तहत अपनी डिग्री दिखाई। उन्होंने मीडिया को अपनी लॉ के छह सेमेस्टर की अलग-अलग छह मार्कशीट दिखाई। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री से उनकी डिग्री के बारे में कुछ पूछा जा रहा है, तो भाजपा इतना परेशान क्यों हो रही है? अगर केंद्रीय सूचना आयोग यह कहता है कि प्रधानमंत्री की डिग्री के सिलसिले में आरटीआई के तहत जो भी दस्तावेज मांगे जा रहे हैं, वो दे देने चाहिए तो इसके विरोध में गुजरात यूनिवर्सिटी क्यों गुजरात हाईकोर्ट चली गई। ऐसा तो नहीं होना चाहिए था। अब यह नौबत आ गई है कि दिल्ली के एलजी साहब कह रहे हैं कि डिग्री क्या होती है? डिग्री तो पैसे खर्च करने की रसीद होती है। मेरा सवाल है कि क्या डिग्री ऐसी चीज है, जिसे छिपाया जाए और सूचना मांगने पर कोर्ट तक जाना पड़ जाए। फिर भी डिग्री नहीं दिखाई जाए। इसी के मद्देनजर आम आदमी पार्टी ने ‘डिग्री दिखाओ’ अभियान शुरू किया है। इसके तहत ‘‘आप’’ के नेता एक-एक कर अपनी डिग्री दिखा रहे हैं।

‘‘आप’’ के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि यह बहुत बड़ी बात नहीं है कि आपके पास डिग्री है। आप स्कूल में पढ़ेंगे तो वहां से मार्कशीट मिलेगी। कॉलेज जाएंगे तो कॉलेज की डिग्री मिलेगी। आपके परिवार की परिस्थिति अच्छी थी तो आपकी पढ़ाई हो गई और डिग्री आ गई। नहीं होती तो न आ पाती। यहां मामला यह है कि प्रधानमंत्री की डिग्री के आसपास इतना रहस्य क्यों बना हुआ है? ऐसा क्यों है कि आजतक एक भी आदमी नहीं मिला जो कहे कि वो प्रधानमंत्री को ग्रेजुएशन करने के दौरान उनके साथ था। उसके साथ प्रधानमंत्री ने परीक्षा दी है। ऐसा भी कोई आदमी नहीं मिलता है जो ये कहे कि गुजरात यूनिवर्सिटी से एंटायर पॉलिटिकल साइंस की डिग्री लेने के लिए प्रधानमंत्री ने उसके साथ एक ही हाल में बैठ कर परीक्षा दी थी। ऐसे लोगों को फेसबुक, ट्वीटर पर आकर खूब बताना चाहिए था कि प्रधानमंत्री उसके साथ पढ़ते थे।

‘‘आप’’ के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि आज लगभग हर आदमी का फेसबुक अकाउंट और ट्वीटर हैंडल है। प्रधानमंत्री के करोड़ों फालोअर्स हैं। मैं एक छोटा सा आदमी हूं। मेरे भी कुछ दोस्त हैं। हर एक आम आदमी के कुछ न कुछ दोस्त होंगे। अगर कोई बड़ा नेता है, तो उसके दूर-दूर के दोस्त होंगे। उन्होंने अपने फेसबुक दोस्त मनीष कोहली का उदाहरण देते हुए कहा कि मनीष कोहली मेरे कॉलेज फ्रेंड हैं। मनीष कोहली और मेरे कॉलेज का नाम एक ही है। मेरे साथ पढ़े हैं तो मेरे फेसबुक पर भी दोस्त हैं। इसी तरह शिव शंकर दत्ता हैं। वर्तमान में ये एयरफोर्स में हैं। इन्होंने मेरे साथ इंजीनियरिंग की थी। मेरे फेसबुक पर ऐसे तमाम लोग हैं, जो मेरे साथ पढ़े हुए हैं। बहुत से लोगों ऐसे होंगे, जिनके साथ हजारों लोग पढ़े होंगे, मिले होंगे। लेकिन प्रधानमंत्री के साथ पढ़ा हुआ कोई आदमी नहीं मिलता है। आजतक कोई नहीं आया जो ये कहे कि वो प्रधानमंत्री के साथ पढ़ा है। कई लोग ऐसे भी हैं, जो मेरे क्लासमेट नहीं थे और वो भी बताते हैं कि मैं उनके साथ पढ़ा हूं। क्योंकि हो सकता है कि वे कॉलेज में मुझसे एक-दो साल उपर-नीचे हों।

‘‘आप’’ के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि प्रधानमंत्री की डिग्री के आसपास बहुत रहस्य है। इसीलिए ज्यादा शंका होती है कि कहीं ऐसा तो नहीं कि प्रधानमंत्री के पास असली डिग्री ही नहीं है। यही कारण है कि प्रधानमंत्री के लिए गए सभी निर्णयों से ऐसे संकेत मिलते हैं कि बिना जांचे-परखे निर्णय लिए गए। उन्होंने कहा कि डिग्री दिखाने में किसी को कोई हर्ज नहीं होना चाहिए। मुझे नहीं समझ आ रहा है कि प्रधानमंत्री और भाजपा के लोग डिग्री दिखाने से क्यों घबरा रहे हैं? उनको क्या डर है, जिसे छिपाया जा रहा है।

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