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राजधानी दिल्ली में अब अंडरग्राउंड पाइपलाइन में पानी की लीकेज का पता लगाने के लिए जगह-जगह सड़क तोड़कर जमीन खोदने की जरूरत नहीं पड़ेगी। हिलियम लीकेज डिटेक्शन तकनीक की मदद से पानी की पाइपलाइन में लीकेज की जानकारी आसानी से मिल जाएगी। साथ ही दिल्लीवालों को दूषित पानी की समस्या से छुटकारा मिलेगा। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निर्देशों का पालन करते हुए जल मंत्री सौरभ भारद्वाज मंगलवार को शाहपुर जाट में पाइपलाइन में लीकेज व दूषित पानी का पता लगाने वाले आधुनिक उपकरण का निरीक्षण करने पहुंचे। इस दौरान जल मंत्री ने हिलियम लीकेज डिटेक्शन तकनीक का परीक्षण कर पता लगाया कि यह उपकरण कितनी सफल तरीके से काम कर रहा है।
जल मंत्री सौरभ भारद्वाज ने बताया कि शाहपुर जाट में कुछ दिनों से दूषित पानी की सप्लाई की शिकायतें मिल रही थी। ऐसे में यहां दूषित पानी से संबंधित समस्या का समाधान करने के लिए हिलियम लीकेज डिटेक्शन तकनीक अपनाई जा रही है। दरअसल, कई बार पीने का पानी और सीवर का पानी मिक्स हो जाता है। पेयजल पाइपलाइन में लीकेज के चलते यह समस्या उत्पन्न होती है। लीकेज वाली जगह से पाइपलाइन में सीवेज चला जाता है। अब तक केवल सड़क पर दिखने वाली लीकेज की ही जानकारी आसानी से मिल पाती थी। जमीन के अंदर लीकेज के चलते दूषित पानी की दिक्कत होने पर कई जगह गड्ढे खोदकर पाइपलाइन से लीकेज ढूंढते थे। इससे सड़क तोड़ने के साथ ही पैसे व समय की भी बर्बादी होती थी। लेकिन अब हिलियम लीकेज डिटेक्शन तकनीक के जरिए आसानी से पाइपलाइन की लीकेज की जानकारी मिल जाएगी। पाइपलाइन में हिलियम गैस इंजेक्ट कर जगह-जगह ड्रील कर चेक किया जाता है और पता लगाया जाता है कि हिलियम गैस कहां पर ग्राउंड सरफेस तक आ रही है। जिस जगह पर पाइपलाइन में लीकेज होती है वहां गैस सरफेस पर आती है। यह आधुनिक तकनीक के जरिए डिटेक्ट किया जाता है।

यह है लीकेज ढूंढने का तरीका
बता दें कि हीलियम किसी भी अन्य गैस की तुलना में जल में सबसे कम घुलनशील है। ऐसे में मेडिकली यह गैस कोई नुकसान नहीं करती है। पानी की पाइपलाइन में लीकेज का पता लगाने के लिए एक दिन पहले पाइपलाइन में हिलियम डाली जाती है। फिर जगह-जगह ड्रील करके आधुनिक तकनीक के जरिए चेक किया जाता है। लीकेज वाली जगह पर हिलीयम गैस सरफेस पर आती है। ऐसे में केवल लीकेज वाली जगह पर ही खुदाई करनी होती है। लाइन को पूरा खोदने की जरूरत नहीं पड़ती। ड्रील 400 एमएम गहराई तक जाता है।

आम जनता को यह होगा फायदा

  • पाइपलाइन के लीकेज सही करने से दूषित पानी की समस्या से भी राहत मिलेगी।
  • लीकेज पर रोकथाम से व्यर्थ बहने वाला पानी बचेगा।
  • लीकेज ढूंढने के लिए जगह जगह सड़क तोड़ कर गड्ढे खोदने की जरूरत नहीं है।
  • लीकेज के कारण पेयजल प्रेशर कम रहता है। लीकेज सुधारने के बाद पानी सप्लाई का प्रेशर बढ़ेगा व पाइपलाइन के टेल एंड तक पानी पहुंच सकेगा।

सख्ती से दूषित पानी की समस्या का किया जा रहा समाधान

जल मंत्री सौरभ भारद्वाज ने बताया कि दिल्ली में हर घर को साफ और भरपूर पानी उपलब्ध कराने के काम पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली सरकार युद्धस्तर पर काम कर रही है। सीएम के निर्देशों का पालन करते हुए सख्ती से दूषित पानी की समस्या का समाधान किया जा रहा है। साथ ही दूषित जलापूर्ति वाले क्षेत्रों की पहचान कर प्राथमिकता के आधार पर समस्या की जड़ तक पहुंचा जा रहा है, ताकि समस्या का स्थायी हल निकल सके। दिल्ली जल बोर्ड दूषित पानी से संबंधित शिकायतों की लगातार निगरानी कर रहा है और क्षेत्र की जरूरतों के अनुसार उनका समाधान करने में जुटा है।
उन्होंने कहा कि दिल्ली के नागरिको को स्वच्छ पानी उपलब्ध कराना सरकार की जिम्मेदारी है, ऐसे में किसी भी घर को गंदे पानी मिलने की समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा। दिल्लीवासियों को स्वच्छ पानी उपलब्ध कराने में किसी भी तरह की देरी या लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। राजधानी में पानी की किल्लत को दूर करने के लिए भी केजरीवाल सरकार अलग-अलग ऐसे इलाकों में ट्यूबवेल लगा रही है, जहां ग्राउंडवाटर लेवल ज्यादा है। इसे राजधानी में आबादी के हिसाब से पानी की मांग को पूरा करने में मदद मिलेगी और गर्मियों में दिल्ली में पानी की उपलब्धता में कोई कमी नहीं होगी।

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