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नई दिल्ली, 26 अप्रैल 2024

आम आदमी पार्टी ने दलित समाज के व्यक्ति को दिल्ली का मेयर नहीं बनने देने को लेकर भाजपा पर तिखा हमला बोला है। ‘‘आप’’ की वरिष्ठ नेता एवं मेयर डॉ. शैली ओबेरॉय ने कहा कि भाजपा दलित और संविधान विरोधी है। भाजपा ने एमसीडी में दलित को मेयर बनने से रोकने के लिए चुनाव ही नहीं होने दिया। इसको लेकर दिल्लीवालों में भारी आक्रोश है और लोग पूछ रहे हैं कि चुनाव आयोग से अनुमति मिलने के बावजूद भाजपा के एलजी ने मेयर का चुनाव क्यों रद्द किया? एमसीडी प्रभारी दुर्गेश पाठक ने कहा कि भाजपा ने बिना संविधान बदले ही अपनी दादागिरी के बल पर मेयर का चुनाव नहीं होने दिया। दलित समाज भाजपा को इसका जवाब लोकसभा चुनाव में देगा। वहीं, वरिष्ठ नेता दिलीप पांडे ने कहा कि भाजपा ने दलित के बेटे को दिल्ली का मेयर बनने रोक कर यह बता दिया है कि बाबा साहब का संविधान नहीं चलेगा, तुम अपने वोट को लेकर घर बैठो, हम चुनाव ही नहीं होने देंगे।

दिल्ली नगर निगम की मौजूदा मेयर डॉ. शैली ओबेरॉय, एमसीडी प्रभारी दुर्गेश पाठक और ‘‘आप’’ विधायक दिलीप पांडे ने मेयर का चुनाव रद्द करने को लेकर शुक्रवार को पार्टी मुख्यालय में संयुक्त प्रेसवार्ता की। मेयर डॉ. शैली ओबेरॉय ने कहा कि आज नगर निगम के सदन में मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव होना था। इसके लिए इलेक्शन कमीशन ने भी 24 अप्रैल को परमिशन दे दी थी, लेकिन 25 अप्रैल को अधिकारियों द्वारा मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव की फाइल दिल्ली की चुनी हुई सरकार को नजरअंदाज करके एलजी साहब के पास भेज दी गई। उस फाइल को शहरी विकास मंत्री के पास नहीं भेजा गया। 25 अप्रैल को एलजी साहब ने फाइल पर लिखा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सलाह के बिना उनके पास पीठासीन अधिकारी को नियुक्त करने की कोई शक्ति नहीं है।

डॉ. शैली आबेरॉय ने पूछा कि यह किस तरह की राजनीति है। पूरी दिल्ली को पता है कि मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव हर साल होता है। इस बार मेयर दलित समाज से चुनाव जाना था। देश और दिल्ली की जनता बीजेपी की दलित विरोधी मानसिकता को जान चुकी है। दलित विरोधी भारतीय जनता पार्टी हर बार संविधान की धज्जियां उड़ाती रही है। मेयर और डिप्टी मेयर के पहले टर्म में भी बीजेपी के पीठासीन अधिकारी ने असंवैधानिक तरीके से मनोनित पार्षदों के वोट डालने की बात की। आज भी एक साजिश रचते हुए चुनाव को स्थगित कर दिया। यह बाबा साहब के संविधान की हत्या नहीं है तो और क्या है?

डॉ. शैली ओबेराय ने कहा कि अब दिल्ली की जनता को भी बीजेपी की मंशा पता हो चुकी है। सब जानते हैं कि दिल्ली में लोकसभा चुनाव के लिए मतदान पास आ रहा है। इसलिए भाजपा नहीं चाहती है कि लोकसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी से दलित मेयर बने। एमसीडी में आम आदमी पार्टी के पास पूर्ण बहुमत है। इसलिए मेयर और डिप्टी मेयर ‘‘आप’’ का बनना तय था। लेकिन चुनावी प्रक्रिया को रोक दिया गया। उन्होंने पूछा कि चुनाव आयोग की इजाजत के बावजूद एलजी ने आम आदमी पार्टी के एक दलित को मेयर बनने से क्यों रोका? यह बहुत दुखद बात है कि आज पूरे देश, दिल्ली और दिल्ली नगर निगम में तानाशाही चल रही है। दिल्ली की जनता जान गई है कि भाजपा हर बार तानाशाही के जरिए अपनी सरकार बनाना चाहती है।

डॉ. शैली ओबेराय ने कहा कि भाजपा ने चंडीगढ़ मेयर चुनाव में भी बेईमानी से अपना मेयर बनाया था, लेकिन इनकी बेईमानी का सीसीटीवी कैमरे में पकड़ी गई और पूरे देश को पता चल गया कि भाजपा ने वोट चोरी करके अपना मेयर बनाया है। अब दिल्ली में भी मेयर बनाने के चुनावी प्रक्रिया को रोका गया। हम इसका कड़ा विरोध करते हैं। आम आदमी पार्टी के सभी पार्षद हमारे साथ हैं। भाजपा की हरकतों से पिछली बार भी दिल्लीवासियों का नुकसान हुआ और उनके काम रुके। बीजेपी ने आज तक स्टैंडिंग कमेटी का गठन नहीं होना दिया। पिछली बार भी आम आदमी पार्टी ने इस बात का विरोध किया था कि एलजी साहब ने बिना सीएम अरविंद केजरीवाल की सलाह के भाजपा के सदस्यों को कैसे नामित कर दिया। इस बार मेयर चुनाव को सीएम अरविंद केजरीवाल का बहाना देकर रोका गया है। मैं बीजेपी से आग्रह करती हूं कि ऐसी साजिश न करें, जिससे दिल्ली की जनता और नगर निगम का नुकसान हो। दिल्ली की जनता ने एमसीडी में बीजेपी को 15 साल दिए, लेकिन वो जनता का कोई काम नहीं कर पाए। अब एमसीडी में आम आदमी पार्टी की सरकार काम की राजनीति करती है और भाजपा को हमें काम करने देना चाहिए।

वहीं, एमसीडी प्रभारी दुर्गेश पाठक ने कहा कि पिछले एक महीने से बीजेपी बौखलाहट में है। पहले ये 400 सीटें जीतने का दावा कर रहे थे, लेकिन इनकी 200 से 250 सीटें ही आती दिख रही हैं। इससे बीजेपी पूरी तरह से पागल हो गई है और संविधान के विरुद्ध हर काम कर रही हैं। हम इतिहास में पढ़ते थे कि जब किसी राजा की गद्दी जाने वाली होती थी, तब वो सारे सिस्टम को तोड़कर कहता था कि अब केवल मैं ही राजा रहूंगा। उन्होंने कहा कि 2014, 2019 और 2004 में भी एमसीडी चुनाव में हुए, तो इसबार क्या दिक्कत आ गई? ये कह रहे हैं कि सीएम की तरफ से कोई इनपुट नहीं मिला। अगर आपको इनपुट लेना होता तो शहरी विकास मंत्री के पास फाइल को भेजते। लेकिन आपने ऐसा नहीं किया। जब आपने शहरी विकास मंत्री को फाइल ही नहीं भेजी तो इसका मतलब साफ है कि आपकी पहले से मंशा थी कि कोई बहाना बनाकर एमसीडी चुनाव रोक दिया जाए। आज एलजही पूरी तरह से एक्सपोज हो चुके हैं। लोग अब यह मानने को मजबूर हैं कि अगर बीजेपी फिर से सरकार में आई तो संविधान खत्म कर देगी। भाजपा के प्रत्याशी जगह-जगह जाकर कह रहे हैं कि सरकार तो 272 पर बनती है लेकिन मोदी जी 400 इसलिए बोल रहे हैं क्योंकि उन्हें भारत का संविधान बदलना है। ये संविधान बदलकर दलित और पिछड़े, अल्पसंख्यकों का हक खत्म करना चाहते हैं। आज बिना संविधान बदले ही सिर्फ दादागिरी के दम पर दिल्ली में एमसीडी का चुनाव रोक दिया।

दुर्गेश पाठक ने कहा कि बाबा साहब यह व्यवस्था बनाकर गए है कि पांच साल दिल्ली के मेयर चुने जाएंगे तो उसमें से एक साल केवल एक दलित समाज के व्यक्ति के पास होगा। एक साल दलित समाज का वो व्यक्ति दिल्ली का पहला नागरिक होगा। आपने ये चुनाव रोककर, अपनी हार की पटकथा लिख दी है। आने वाले लोकसभा चुनाव में इसका असर दिखेगा। आम आदमी पार्टी इसके लिए एक-एक गली-मोहल्ले में जाएगी। हम इसके लिए कोर्ट भी जाएंगे और ये जो नाइंसाफी और संविधान के साथ खिलवाड़ करने की कोशिश की जा रही है, उसका मुंह तोड़ जवाब देंगे। हमने पहले भी इनके अहंकार और तानाशाही को तोड़ा है, इस बार भी तोड़ेंगे।

इस दौरान विधायक दिलीप पांडे ने कहा कि बीजेपी ने ये साफ कर दिया कि पूरे देश में किसी भी चुनाव में अगर उन्हें लगेगा कि वो हार रही हैं तो वो वहां चुनाव होने ही नहीं देती है। इसलिए हम बार-बार कह रहे हैं कि बीजेपी की वजह से संविधान पर खतरा मंडरा रहा है। बाबा साहब ने हर व्यक्ति को वोट की ताकत दी है। लेकिन बीजेपी कह रही है कि बाबा साहब का संविधान नहीं चलेगा, तुम अपने वोट की ताकत लेकर घर पर बैठे रहो, हम चुनाव ही नहीं होने देंगे। बीजेपी का मानना है कि अगर चुनाव होंगे, तभी तुम अपने वोट की ताकत का इस्तेमाल कर पाओगे। ये ताकत तुम्हें जैसे- तैसे मिलनी थी, मिल गई, लेकिन हम तुम्हें उसका इस्तेमाल नहीं करने देंगे। अब बीजेपी इस बात को छिपाने की कोशिश नहीं करती है। बीजेपी के नेता खुलेआम मंचों से यह बात कहने लगे हैं। अनंत हेगड़े ने भी यब बात कही। उत्तर प्रदेश में बीजेपी सांसदों ने कई मौकों पर कह दिया कि जितनी सीटें थी, उसमें जितना अत्याचार और लोकतंत्र की जितनी हत्या हो सकती थी वह हमने कर दिया। अब हमने 10 साल में लोकतंत्र और संविधान के खिलाफ जो भी किया है, उसे स्थाई करना चाहते हैं। इसे स्थाई आकार देने के लिए 400 सीटें जरूरी है। देश देख रहा है और उनके 400 पार के जुमले को भी समझ रहा है।

दिलीप पांडे ने कहा कि बीजपी की बौखलाहट से यह स्पष्ट हो गया है कि वो बुरी तरह से चुनाव हार रही है। बीजेपी चुनाव जीत रही होती तो यह गलती कभी नहीं करती। उनकी हरकतें बता रही हैं कि भाजपा चुनाव हार रही है। दिनकर जी ने भी कहा है कि जब नाश मनुष्य पर छाता है, तो पहले विवेक मर जाता है। अगर बीजेपी अपने होश-ओ-हवास में होती तो इतनी बड़ी कभी नहीं करती। दिल्ली में 5 साल में एक बार दलित समाज के बेटे-बेटियों को मेयर की कुर्सी पर बैठने का मौका मिलता है। अगर बीजेपी अपने होश में होती तो बाबा साहब के संविधान के मुताबिक दलित समाज के बेटे बेटियों को उस कुर्सी पर बैठने देने से रोकने की साजिश नहीं करती। बीजेपी हमारे सब्र का इम्तिहान ले रही है। हम बीजेपी के अन्याय के खिलाफ कल भी लड़ रहे थे, आज भी लड़ रहे हैं और आने वाले वक्त में भी लड़ेंगे। पूरा देश बीजेपी की गुंडारगर्दी, तानाशाही और जेल भेजो नीति के खिलाफ एकजुट हो रहा है, वो जेल का जवाब वोट से देगा

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