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माननीय एससी/एसटी/ओबीसी कल्याण मंत्री राज कुमार आनंद ने राजस्व विभाग और एससी/एसटी विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। बैठक का उद्देश्य 15 दिनों के निर्धारित समय सीमा के भीतर जाति प्रमाण पत्र न जारी होने से उत्पन्न समस्याओं का समाधान करना था।

राजस्व विभाग की ओर से बताया गया कि आवेदक द्वारा आवेदन पत्र भरते समय एवं दस्तावेज अपलोड करते समय त्रुटि होने के कारण, सत्यापन के समय आवेदक द्वारा दिये गये किसी भी विवरण में मिलान न होने पर फॉर्म निरस्त कर दिया जाता है।

इस समस्या का समाधान करने के लिए, माननीय मंत्री ने राजस्व विभाग को एनआईसी के साथ मिलकर संपादन (एडिटिंग) बटन की संभावना पर काम कर कदम उठाएं ताकि जरूरत पड़ने पर प्रासंगिक परिवर्तन किए जा सकें। ऐसा करने पर आवेदन प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने के लिए समस्याओं का तुरंत समाधान किया जा सकेगा।

माननीय मंत्री ने अस्वीकृत आवेदनों की सत्यता की जांच करने के लिए राजस्व विभाग को जिलेवार पिछले छह महीनों का डेटा संकलित करने का निर्देश दिया। इस पहल का उद्देश्य समय पर जाति प्रमाण पत्र जारी करने के लिए पैटर्न को समझना और लक्षित सुधार लागू करना है।

त्वरित प्रक्रियाओं की आवश्यकता को पहचानते हुए, माननीय मंत्री ने क्षेत्र सत्यापन के लिए समय अवधि में कमी पर जोर दिया। अधिकारी, जो नायब तहसीलदार से नीचे के पद के नहीं होंगे, निर्धारित 10 दिन की अवधि के भीतर सत्यापन करेंगे। इस उपाय का उद्देश्य जाति प्रमाण पत्र जारी करने में अनावश्यक देरी को खत्म करना है। पेंडेंसी जांचने के लिए महीने में दो बार संबंधित जिला प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा मीटिंग रखने के निर्देश दिए गए।

ये निर्देश आवेदकों, विशेषकर एससी वर्ग से संबंधित आवेदकों के लिए एक सुचारू और समय पर प्रक्रिया सुनिश्चित करने की केजरीवाल सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं। केजरीवाल सरकार समावेशिता को बढ़ावा देते हुए, प्रक्रियाओं में निरंतर सुधार कर, जनता की सेवा करने के लिए अपने कर्तव्य का निर्वहन कर रही है

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